ग्वालियर। प्रदेश में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस की अंर्तकलह थमने का नाम नहीं ले रही है. कई नेता और कार्यकर्ता कांग्रेस के वरिष्ठ नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं. वहीं कांग्रेस द्वारा अयोध्या राम मंदिर का आमंत्रण स्वीकार न करने को लेकर भी काफी किरकिरी हो रही है. चारों ओर इस विषय की चर्चा है. इसक असर पार्टी के अंदर भी देखने मिल रहा है. कांग्रेस नेतृत्व के इस फैसले से आहत होकर जिला उपाध्यक्ष व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है.
कांग्रेस छोड़ बीजेपी की ज्वाइन
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए आनंद शर्मा ने कहा कि 'जागो प्रभु दारुण दुख देही ताकि मत पहले हार लेही, यह चौपाई वर्तमान में चरितार्थ हो रही है. वर्तमान में हम जो देख रहे हैं. हमने देखा कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व में करोड़ों भारतीयों के आराध्य देव भगवान श्री रामचंद्र के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में न जाने का जो निर्णय लिया. उसकी अनदेखी उसका बहिष्कार करने का जो निर्णय लिया, इस निर्णय से देश के करोड़ों भारतीयों को मेरे जैसे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को बड़ी मानसिक वेदना का सामना करना पड़ा. उसी का परिणाम था कि मैंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया और भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है.
कांग्रेस ने किया भगवान राम का अपमान
आनंद शर्मा चार बार कांग्रेस से पार्षद रहे हैं. वह इंदिरा गांधी के समय से कांग्रेस पार्टी में काम कर रहे थे, लेकिन अब कांग्रेस की नीतियों के कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को यह बड़ा झटका माना जा रहा है. शर्मा ने कहा कि कई बार ऐसे मौके आए जब उन्हें अपमानित किया गया, लेकिन मैंने पार्टी में रहकर उसे स्वीकार किया. अब बात करोड़ों लोगों के आराध्य प्रभु राम के अपमान की है. इसलिए मैंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.