ग्वालियर। एक ओर मध्यप्रदेश में चुनाव की तारिखों का एलान हो चुका है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस लगातार राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमलावर बनी हुई है. कांग्रेस ने पिछले एक महीने में तीन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सिंधिया परिवार पर जमीनों की हेरा-फेरी का आरोप लगाया गया है. एक बार फिर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि माहोरकर का बाड़े पर सिंधिया परिवार के द्वारा अवैध कब्जा किया गया है और इसकी अधिकांश जमीन को बेच दिया गया है. वहीं बाकी के बचे हुए हिस्से पर अवैध निर्माण कर किराया वसूली की जा रही है. इस संपत्ति की कीमत लगभग 360 करोड़ रुपए बताई जा रही है.
कांग्रेस का आरोप है कि ये जमीन इन्वेंटरी की सूची क्रमांक एक में दर्ज नहीं है फिर भी अधिकारियों से सांठगांठ कर इस संपत्ति को सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट के नाम दर्ज करा लिया गया और इसे एक-एक करके बेचा गया है.
जयविलास पैलेस से लगा हुआ रकबा नंबर 642 के रूप में जमीन अंकित है. कांग्रेस मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने कहा कि इस जमीन को लेकर कलेक्टर न्यायालय में कई बार केस चले और कलेक्टर न्यायालय ने खुद माना कि ये जमीन सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट की नहीं है, बल्कि सरकारी है, लेकिन इसके बावजूद भी तत्कालीन तहसीलदार ने एक प्रकरण में आदेश देते हुए 3 अगस्त 1988 ने इस जमीन को सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट के नाम कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट जा सकती है कांग्रेस
केके मिश्रा ने मांग करते हुए कहा कि इस पूरे मामले को लेकर मध्य प्रदेश सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए और सिंधिया देवस्थान के ट्रस्टीस के खिलाफ भी मामला दर्ज होना चाहिए. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने इस मामले में संज्ञान नहीं लिया तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे.