ग्वालियर| गुजरात के सूरत शहर में कोचिंग संस्थान में हुए अग्निकांड के बाद जिला प्रशासन की नींद भी खुल गई है. प्रशासन शहर में ऐसे कोचिंग संस्थानों की तलाश कर रहा है, जो गली-मोहल्लों और सकरी भवनों में संचालित होते हैं. प्रशासन का कहना है कि छात्रों की जिंदगी खतरे में डालने वाले संस्थानों पर सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी. इससे पहले उन्हें 3 दिन का मौका व्यवस्था में सुधार करने के लिए दिया जाएगा.
मौजूदा वक्त में ग्वालियर एजुकेशन हब बनता जा रहा है. स्टेशन के पड़ाव क्षेत्र, महाराज बाड़ा, रॉक्सी टॉकीज, राय सिंह का भाग और नई सड़क ऐसी जगहें हैं, जहां सैकड़ों की संख्या में कोचिंग सेंटर संचालित हो रहे हैं, लेकिन ज्यादातर संस्थानों में सरकार द्वारा निर्धारित नियम और शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है. शहर के कोचिंग सेंटरों में न तो आग बुझाने के संयंत्र मौजूद हैं और न ही आग लगने की स्थिति में फायर ब्रिगेड के कोचिंग सेंटर तक पहुंचने की व्यवस्था है. इसके अलावा कोचिंग संस्थानों में आकस्मिक निकास की भी उचित व्यवस्था नहीं है.
जिला प्रशासन ने अनुविभागीय अधिकारियों और नगर पुलिस अधीक्षकों की एक बैठक लेकर ऐसे संस्थानों पर सील करने की कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, जिनमें आपातकालीन स्थिति से बचने की व्यवस्थाएं नहीं हैं. खास बात ये है कि जिला प्रशासन 11 दिन पहले ही शहर में सकरी गलियों में चल रहे कोचिंग और कम्प्यूटर क्लासेस का निरीक्षण कर उन्हें नियम विरुद्ध चलने पर सील करने के निर्देश दिए हैं.