ग्वालियर। मध्य प्रदेश में बाल मृत्यु दर रोकने के लिए उमरिया, शहडोल और दतिया सहित छह जिलों को क्रिटिकल यानी अत्यंत संवेदनशील श्रेणी में चुना गया है. इन छह जिलों में करीब 180 सेंटर बनाए जाएंगे. जहां सैकड़ों स्वास्थ्य कर्मी तैनात किए जाएंगे और बच्चों की जन्म की पहले मिनट पर पूरी निगरानी रखेंगे. इस संबंध में ग्वालियर मध्य प्रदेश शासन के स्वास्थ्य आयुक्त डॉक्टर संजय गोयल की उपस्थिति में इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
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बच्चे के जन्म का समय गोल्डन टाइम- डॉक्टर संजय गोयल
जिसमें बाल रोग विशेषज्ञ के साथ-साथ इंडियन पीडियाट्रिक्स एकेडमी के प्रदेश अध्यक्ष सहित अनेक बाल रोग विशेषज्ञ व मध्य प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के रूप में स्वास्थ्य आयुक्त डॉक्टर संजय गोयल मौजूद थे. डॉक्टर संजय गोयल ने इस मौके पर कहा कि बच्चे के जन्म के समय उसकी पहले एक मिनट को गोल्डन मिनट के रूप में जाना जाता है और उस समय बच्चे की धड़कन उसकी सांस लेने की प्रक्रिया और उसकी रोने के समय को भी अकाउंट किया जाता है. अगर सभी चीजों में कोई भी आकलन अगर थोड़ा बहुत भी पीछे होता है, तो उसका असर बच्चे के मानसिक विकास पर भी पड़ता है.
आपको बता दे कि ग्वालियर में 20 और 21 फरवरी को आईपीए यानी इंडियन पीडियाट्रिक्स एसोसिएशन की दो दिवसीय कार्यशाला व सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें 19 सब मुद्दों पर गहन विचार विमर्श किया जाएगा.