ग्वालियर| राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी और गुना कलेक्टर भास्कर लक्षकार सोमवार को हाई कोर्ट में पेश हुए. हाई कोर्ट ने अवमानना मामले में इन अफसरों को तलब किया था. प्रमुख सचिव और कलेक्टर ने हाई कोर्ट से माफी मांगते हुए कहा कि राधौगढ़ में कब्रिस्तान की जमीन पर बनी 60 दुकानों को एक सप्ताह के भीतर तोड़ दिया जाएगा.
गुना जिले के राधौगढ़ तहसील में कब्रिस्तान के लिए आवंटित जमीन पर वक्फ बोर्ड ने अवैध तरीके से 60 दुकानों का निर्माण कर लिया था. इस पर एक आम आदमी ने जनहित याचिका हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में दायर की गई थी. याचिका में वक्फ बोर्ड की इस कार्रवाई को गलत ठहराते हुए उन पर एक्शन लेने की मांग की गई थी. हाई कोर्ट ने इस मामले में गुना कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था और निर्देश दिए थे कि यदि दुकानें बिना डायवर्शन और अनुमति के बनी हैं, तो उन्हें तोड़ दिया जाए. कलेक्टर ने इस मामले में जांच की और शिकायत को सही पाया. कलेक्टर भास्कर लक्षकार ने दुकानों का पजेशन तो ले लिया, लेकिन उन्हें तोड़ने की जहमत नहीं उठाई.
कलेक्टर ने हाई कोर्ट में कंप्लायंस रिपोर्ट पेश कर दी और कहा कि दुकानें तोड़ने की जरूरत नहीं है. इसे कोर्ट ने गंभीर प्रशासनिक गलती माना और कलेक्टर के खिलाफ अवमानना के नोटिस जारी किए और राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को भी कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होकर जवाब देने के आदेश जारी किए. सोमवार को हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में दोनों अफसर पहुंचे उन्होंने अपनी पूर्व की कंप्लायंस रिपोर्ट पर खेद जताया और न्यायालय से माफी मांगी है. अफसरों ने कोर्ट को आश्वस्त किया है कि अगले 7 दिनों के भीतर अवैध तरीके से बनी दुकानों को तोड़ दिया जाएगा, लेकिन हाईकोर्ट ने अफसरों को अंतिम मौका देते हुए 15 जुलाई तक कंप्लायंस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं.