ग्वालियर। केंद्र सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड तेल के कम होते दामों का फायदा आम लोगों को नहीं दिया जा रहा है. बल्कि उत्पादन शुल्क के नाम से पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी की जा रही है. जिससे आम लोगों को महंगाई के बोझ से दबाने पर केंद्र सरकार तुली है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर 3 प्रति लीटर का उत्पादन शुल्क बढ़ाया है. इससे क्रूड के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम होते दामों का लाभ आम लोगों को नहीं मिल पा रहा है. कभी सरकार एक्साइज ड्यूटी के नाम पर पेट्रोलियम पदार्थों के दाम बढ़ा देती है तो कभी उत्पादन शुल्क के नाम पर, इससे आम लोगों को कच्चे तेल की कीमतों में 30 फीसदी की गिरावट के बावजूद लाभ नहीं मिल पा रहा है.
वही क्रूड के दाम कोरोना वायरस के चलते लगातार नीचे आ रहे हैं. इस बीच पेट्रोलियम पदार्थों के रेट जस के तस बने हुए हैं. इसलिए लोग केंद्र सरकार को कोस रहे हैं. उनका कहना है कि मध्यम वर्गीय, निम्न मध्यमवर्गीय और छात्रों के लिए यह बढ़ोतरी कहीं से भी सही नहीं है. इससे महंगाई पर खासा असर पड़ रहा है. लोगों की बुनियादी जरूरतों का सामान दिनों दिन महंगा होता जा रहा है.
कांग्रेस ने कहा कि इस सरकार से किसी प्रकार की राहत की उम्मीद करना बेकार है. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र सरकार का बचाव करते हुए कहा है कि गरीबों के लिए जितनी योजना मोदी सरकार ने चलाई है उतनी पहले कभी नहीं बनाईं गई. विकास कार्यों के लिए सरकार को पूंजी की जरूरत होती है ऐसे में पेट्रोलियम पदार्थों में इजाफा एक तरह से ठीक है.