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अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों के लिए केंद्र की अभिनव योजना

केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों के शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए सबसे बड़ी योजना शुरू की है. जिस में प्रतिवर्ष कक्षा 11 से शुरू होने वाले सभी पाठ्यक्रमों में 60 लाख छात्रवृत्तियां दी जाएंगी. छात्रवृत्ति में ट्यूशन शुल्क मासिक रखरखाव भत्ता शोध टाइप राइटिंग भत्ता आदि शामिल है.

Former Minister Lal Singh Arya
पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य
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Published : Dec 30, 2020, 9:25 PM IST

ग्वालियर। केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों के शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए सबसे बड़ी योजना शुरू की है. जिस में प्रतिवर्ष कक्षा 11 से शुरू होने वाले सभी पाठ्यक्रमों में 60 लाख छात्रवृत्तियां दी जाएंगी. छात्रवृत्ति में ट्यूशन शुल्क मासिक रखरखाव भत्ता शोध टाइपराइटिंग भत्ता आदि शामिल है.

पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य

सबसे गरीब घरों के छात्रों को नामांकित करने के लिए विशेष अभियान भी चलाया जाएगा. अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने बताया कि सोशियो इकोनॉमिक कास्ट सेंसस यानी एसईसीसी डाटा में ऐसे घर जहां एक या दोनों माता-पिता निरक्षर है.सरकारी स्कूल में उत्तीर्ण छात्र के आधार पर ऐसे छात्रों को शामिल करने के लिए सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष अभियान चलाया जाएगा.

अगले 5 सालों में 1.36 करोड़ सबसे गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति आदि जाएंगे. राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य ने बताया कि कई छात्र पैसे की कमी की वजह से बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते थे.ऐसे छात्रों को चयनित किया जाएगा और उन्हें छात्रवृत्ति की मदद से आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. छात्रवृत्ति के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने का भी मसौदा तैयार किया गया है. 50 फ़ीसदी केंद्रीय जारी का भुगतान सीधा छात्रों के खाते में किया जाएगा.

ग्वालियर। केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों के शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए सबसे बड़ी योजना शुरू की है. जिस में प्रतिवर्ष कक्षा 11 से शुरू होने वाले सभी पाठ्यक्रमों में 60 लाख छात्रवृत्तियां दी जाएंगी. छात्रवृत्ति में ट्यूशन शुल्क मासिक रखरखाव भत्ता शोध टाइपराइटिंग भत्ता आदि शामिल है.

पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य

सबसे गरीब घरों के छात्रों को नामांकित करने के लिए विशेष अभियान भी चलाया जाएगा. अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने बताया कि सोशियो इकोनॉमिक कास्ट सेंसस यानी एसईसीसी डाटा में ऐसे घर जहां एक या दोनों माता-पिता निरक्षर है.सरकारी स्कूल में उत्तीर्ण छात्र के आधार पर ऐसे छात्रों को शामिल करने के लिए सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष अभियान चलाया जाएगा.

अगले 5 सालों में 1.36 करोड़ सबसे गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति आदि जाएंगे. राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य ने बताया कि कई छात्र पैसे की कमी की वजह से बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते थे.ऐसे छात्रों को चयनित किया जाएगा और उन्हें छात्रवृत्ति की मदद से आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. छात्रवृत्ति के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने का भी मसौदा तैयार किया गया है. 50 फ़ीसदी केंद्रीय जारी का भुगतान सीधा छात्रों के खाते में किया जाएगा.

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