ग्वालियर| गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के इतिहास में पहली बार कैथ लैब की स्थापना होने जा रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कि 15 अगस्त तक इसका लोकार्पण कर दिया जाएगा. इस कैथ लैब की स्थापना के बाद दिल के रोगियों को एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी सहित पेसमेकर लगवाने के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा.
ग्वालियर के जयारोग्य हॉस्पिटल समूह के परिसर में कार्डियोलॉजी विभाग की स्थापना चार साल पहले हुई थी, तब से यहां पर ग्वालियर चंबल संभाग के आने वाले मरीजों को कैथ लैब की कमी महसूस हो रही थी. इसके चलते मरीजों को दवा और इलाज तो कार्डियोलॉजी विभाग में मिल जाता था, लेकिन उन्हें एंजीयोप्लास्टी, एंजियोग्राफी और पेसमेकर के लिए दिल्ली जाना पड़ता था. जिससे उनका पैसा और समय दोनों बर्बाद होती थे.
जयारोग्य अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के पहली मंजिल पर कैथ लैब स्थापित की गई है. कुछ समय पहले ही लैब के इंजीनियरों ने साइट विजिट किया था और जगह को उपयुक्त मानते हुए करीब साढे़ छह करोड़ की लागत से इस लैब की स्थापना की जा रही है. आने वाले 15 दिनों बाद इस कैथ लैब के शुरू होने की संभावना है. मध्यप्रदेश सरकार ने 2017 में कैथ लैब के लिए राशि स्वीकृत की थी, तभी से इसके निर्माण की गतिविधियां शुरू हो गई थी.