ग्वालियर। सेना में धार्मिक शिक्षक की लिखित परीक्षा में शामिल होने आए कई परीक्षार्थियों को आर्मी रिक्रूटमेंट ऑफिसर ने अपात्र घोषित कर दिया है. जिस पर अभ्यर्थी अब कोर्ट की मदद लेने की बात कह रहे हैं.
सेना में धार्मिक शिक्षक बनने के लिए पिछले साल अक्टूबर में वेकैेसी निकाली गई थी. इसमें ग्रेजुएशन की डिग्री मांगी गई थी. परीक्षा में शामिल होने के लिए जो अभ्यर्थी आए हैं, उनके पास आचार्य और कर्मकांड की डिग्री है. बनारस हिंदी विश्वविद्यालय से हासिल इसी डिग्री के आधार पर पहले भी परीक्षाओं में शामिल होते रहे हैं, लेकिन मध्यप्रदेश में आर्मी ऑफिसर ने ग्रेजुएशन की डिग्री को अलग माना है और पंडित की डिग्री को अलग.
अभ्यर्थियों का कहना है कि यूजीसी ने उनके किए गए कोर्स को स्नातक के समकक्ष मान्यता दी है. बनारस विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने लिखित में भी उन्हें इस डिग्री के आधार पर धर्मगुरु बनने में कोई रोक-टोक नहीं होने की बात कही है.परेशान छात्र हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दाखिल कर रिजल्ट पर रोक लगाने की मांग करने की बात कह रहे हैं.