ग्वालियर। इस समय देश भर में साइबर अपराधों को अंजाम देने वाले अलग अलग तरीके से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. अब समर्थकों द्वारा एक नया तरीका अपनाया जा रहा है. जिसके जरिए लोगों को ठगा जा रहा है. साइबर ठग इस समय लिंक भेज कर ऐप डाउनलोड करा रहे हैं और उसके बाद लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. ऐसा ही एक मामला ग्वालियर से आया है. शहर में रहने वाले एक युवक के मोबाइल पर एक लिंक भेजी. इस लिंक को ओपन किया तो एनीडेस्क एप डाउनलोड हो गया. उसके बाद उसका मोबाइल फोटो जनरेट हो गया. उसके बाद उसके अकाउंट से 40 हजार रुपए गायब हो गए.
दरअसल, ग्वालियर के रहने वाले राजेश कुमार एक बीमा कंपनी में कर्मचारी हैं. राजेश ने अपनी पुरानी बाइक को बेचने के लिए एक ऐप डाउनलोड किया. उस पर बाइक के फोटो और डिटेल्स शेयर कर दिए. उसके 3 दिन बाद एक युवक का फोन आया. दोनों में बाइक की डील हो गई और उस व्यक्ति ने बाइक खरीदने का एडवांस भुगतान भेजने की बात कही. उसके बाद उसने एक लिंक राजेश के मोबाइल पर भेजी. राजेश ने जैसे ही एक इस लिंक पर क्लिक किया. उसके बाद एनीडेस्कप एप डाउनलोड हो गया. एप डाउनलोड होने के बाद राजेश का मोबाइल ऑटोजेनरेट हो गया. उसके बाद उसको नहीं पता ही नहीं चला कि उसके मोबाइल में क्या-क्या हुआ. अचानक राजेश के खाते से 40 हजार रुपए गायब हो गए. पीड़ित ने साइबर पुलिस गांव में शिकायत दर्ज की है. साइबर पुलिस इसकी जांच करने में जुटी हुई है.
इसको लेकर ग्वालियर साइबर विभाग ने लोगों से अपील की है अगर कोई अनजान व्यक्ति आपके मोबाइल पर लिंक भेजता है तो इस पर क्लिक न करें, नहीं तो आप ठगी का शिकार हो सकते हैं. साथ ही साइबर पुलिस अधीक्षक सुधीर अग्रवाल ने बताया है कि इस समय कई लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं. उन्होंने बताया यह ऐप एनीडेस्क , टीम व्यूअर , क्लिक सपोर्ट ऐसे ऐप हैं.जो लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं.