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ग्वालियर चंबल अंचल में BJP की गुटबाजी से क्यों आहत हैं जेपी नड्डा, जानिए वजह

मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति समझाने के लिए भोपाल पहुंचे BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के एक बयान से पार्टी में खलबली मची है. इसमें नड्डा ने चुनावी मौसम में भी पार्टी के भीतर आपसी घमासान पर खासी नाराजगी जताई है.

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बीजेपी की गुटबाजी
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Published : Mar 29, 2023, 11:23 AM IST

बीजेपी की गुटबाजी


ग्वालियर। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हाल ही में मध्यप्रदेश के दौरे पर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने अंदरूनी गुटबाजी को लेकर ऐसा बयान दिया, जिससे पार्टी नेताओं में खलबली मच गई. नड्डा ने कहा कि पार्टी के अंदर आपसी सामंजस्य नहीं है. इसे ठीक करना होगा. नड्डा के इस बयान के बाद बड़े नेताओं में सन्नाटा छाया है. खासतौर पर ग्वालियर चंबल अंचल में इस समय सबसे अधिक गुटबाजी है. यहां बीजेपी के 2 गुट एक-दूसरे के विरोध में हैं. इसकी खबर पार्टी आलाकमान तक पहुंच गई है. यही वजह है कि सामान्य तौर पर संगठन को लेकर कोई नकारात्मक भाषण देने से बचने वाले नड्डा भोपाल में बड़े आक्रामक नजर आए.

कार्यक्रम से परहेज: मार्च 2020 में कांग्रेस की सरकार गिराकर बीजेपी में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने के बाद ग्वालियर चंबल अंचल में सब कुछ बदल गया. यहां सिंधिया की एक अलग फौज खड़ी हो गई. इसका सबसे बड़ा असर बीजेपी के पुराने नेता और कार्यकर्ताओं पर देखने को मिला. जैसे-जैसे समय बीतता गया, वैसे-वैसे यहां गुटबाजी बढ़ती गई. अब हालात यह हैं कि दोनों गुट के नेता एक-दूसरे के कार्यक्रम में जाने से परहेज करते हैं.
दिग्गजों के बीच आपसी टक्कर: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी में 3 साल का समय गुजर गया लेकिन हालात यह हैं कि यहां सबसे ज्यादा गुटबाजी हावी है. बीजेपी में सिंधिया के आने के बाद सबसे ज्यादा असर अंचल के कद्दावर नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पर हुआ है. सिंधिया के आने के बाद अपनी ही टक्कर का एक और नेता उन्हें मिल गया है. कई बार स्थिति ऐसी बनी है कि दोनों एक-दूसरे के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे.

सिंधिया की कार्यशैली से नाराजगी: सिंधिया और तोमर के बीच चल रही गुटबाजी के बाद कई ऐसे नेता हैं, जो खेमेबाजी करने में लग गए हैं. इसमें सबसे पहला नाम बीजेपी संगठन के सबसे मजबूत कार्यकर्ता और सांसद विवेक नारायण शेजवलकर हैं. शेजवलकर ज्योतिरादित्य सिंधिया की कार्यशैली को लेकर खासा नाराज हैं. यह बात कई बार सार्वजनिक भी हो चुकी है.

कार्यकर्ताओं की फौज गायब: हालात यह हैं कि इस समय ग्वालियर चंबल अंचल में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की सक्रियता के कारण बीजेपी के कई बड़े नेता हाशिए पर हैं. सिंधिया लगातार ग्वालियर में बढ़ती सक्रियता के कारण अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. वे कई सरकारी कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं लेकिन इनमें न तो बीजेपी का कोई नेता नजर आता है और न ही कार्यकर्ता. ग्वालियर चंबल अंचल में जहां कभी बीजेपी के पास कार्यकर्ताओं की एक बड़ी फ़ौज हुआ करती थी, वह अब पूरी तरह गायब नजर आ रही है.

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से जुड़ी इन खबरों को जरूर पढ़ें...

गुटबाजी से बढ़ी परेशानी: ग्वालियर चंबल अंचल में चल रही गुटबाजी से पूरी बीजेपी परेशान है. बताया जाता है कि जब पार्टी ने संगठन स्तर पर यहां सर्वे किया तो दिल्ली में बैठे नेता गुटबाजी को देखकर हैरान रह गए. बताया जा रहा है कि बीजेपी संगठन ने इसकी जानकारी दिल्ली में बैठे आलाकमान को दी. इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को यहां भेजकर दोनों गुटों को समझाइश दी गई.

बीजेपी की गुटबाजी


ग्वालियर। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हाल ही में मध्यप्रदेश के दौरे पर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने अंदरूनी गुटबाजी को लेकर ऐसा बयान दिया, जिससे पार्टी नेताओं में खलबली मच गई. नड्डा ने कहा कि पार्टी के अंदर आपसी सामंजस्य नहीं है. इसे ठीक करना होगा. नड्डा के इस बयान के बाद बड़े नेताओं में सन्नाटा छाया है. खासतौर पर ग्वालियर चंबल अंचल में इस समय सबसे अधिक गुटबाजी है. यहां बीजेपी के 2 गुट एक-दूसरे के विरोध में हैं. इसकी खबर पार्टी आलाकमान तक पहुंच गई है. यही वजह है कि सामान्य तौर पर संगठन को लेकर कोई नकारात्मक भाषण देने से बचने वाले नड्डा भोपाल में बड़े आक्रामक नजर आए.

कार्यक्रम से परहेज: मार्च 2020 में कांग्रेस की सरकार गिराकर बीजेपी में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने के बाद ग्वालियर चंबल अंचल में सब कुछ बदल गया. यहां सिंधिया की एक अलग फौज खड़ी हो गई. इसका सबसे बड़ा असर बीजेपी के पुराने नेता और कार्यकर्ताओं पर देखने को मिला. जैसे-जैसे समय बीतता गया, वैसे-वैसे यहां गुटबाजी बढ़ती गई. अब हालात यह हैं कि दोनों गुट के नेता एक-दूसरे के कार्यक्रम में जाने से परहेज करते हैं.
दिग्गजों के बीच आपसी टक्कर: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी में 3 साल का समय गुजर गया लेकिन हालात यह हैं कि यहां सबसे ज्यादा गुटबाजी हावी है. बीजेपी में सिंधिया के आने के बाद सबसे ज्यादा असर अंचल के कद्दावर नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पर हुआ है. सिंधिया के आने के बाद अपनी ही टक्कर का एक और नेता उन्हें मिल गया है. कई बार स्थिति ऐसी बनी है कि दोनों एक-दूसरे के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे.

सिंधिया की कार्यशैली से नाराजगी: सिंधिया और तोमर के बीच चल रही गुटबाजी के बाद कई ऐसे नेता हैं, जो खेमेबाजी करने में लग गए हैं. इसमें सबसे पहला नाम बीजेपी संगठन के सबसे मजबूत कार्यकर्ता और सांसद विवेक नारायण शेजवलकर हैं. शेजवलकर ज्योतिरादित्य सिंधिया की कार्यशैली को लेकर खासा नाराज हैं. यह बात कई बार सार्वजनिक भी हो चुकी है.

कार्यकर्ताओं की फौज गायब: हालात यह हैं कि इस समय ग्वालियर चंबल अंचल में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की सक्रियता के कारण बीजेपी के कई बड़े नेता हाशिए पर हैं. सिंधिया लगातार ग्वालियर में बढ़ती सक्रियता के कारण अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. वे कई सरकारी कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं लेकिन इनमें न तो बीजेपी का कोई नेता नजर आता है और न ही कार्यकर्ता. ग्वालियर चंबल अंचल में जहां कभी बीजेपी के पास कार्यकर्ताओं की एक बड़ी फ़ौज हुआ करती थी, वह अब पूरी तरह गायब नजर आ रही है.

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से जुड़ी इन खबरों को जरूर पढ़ें...

गुटबाजी से बढ़ी परेशानी: ग्वालियर चंबल अंचल में चल रही गुटबाजी से पूरी बीजेपी परेशान है. बताया जाता है कि जब पार्टी ने संगठन स्तर पर यहां सर्वे किया तो दिल्ली में बैठे नेता गुटबाजी को देखकर हैरान रह गए. बताया जा रहा है कि बीजेपी संगठन ने इसकी जानकारी दिल्ली में बैठे आलाकमान को दी. इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को यहां भेजकर दोनों गुटों को समझाइश दी गई.

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