ग्वालियर। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर (Third Wave of Corona Infection in Madhya Pradesh) को लेकर सरकार और स्वास्थ्य विभाग की चिंताए बढ़ने लगी है. यहीं वजह है कि सरकार से लेकर अब जिला प्रशासन लगातार इस तीसरी लहर को रोकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है. इसी कड़ी में जिला प्रशासन अब जिले के हर वार्ड में संजीवनी क्लीनिक (Sanjeevani Clinic Will Open at Ward Level in Gwqalior) खोलने का प्लान तैयार कर रहा है.
ग्वालियर शहर के 66 वार्डो में यह संजीवनी क्लीनिक खोले जाऐंगे. (Battle With Omicron) इस संजीवनी क्लीनिक के शुरुआती दौर में लोगों के सैंपल कलेक्ट किए जाएंगे, उनको डिटेक्ट करने की कोशिश की जाएगी. जिससे कोरोना की चैन को ब्रेक किया जा सके. इसके साथ ही सामान्य स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़ी आवश्यक सेवाओं संजीवनी क्लीनिक के माध्यम से मुहैया कराई जाएंगी. इसके लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली है.
संजीवनी क्लीनिक से हर वार्ड में रखी जाएगी नजर
मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा का कहना है कि, जल्द ही शहर के हर वार्ड में संजीवनी क्लीनिक खोलने की योजना है. इसके लिए ग्वालियर जिले में 6 संजीवनी क्लीनिक अभी चल रही है. शहर की 30 वार्ड में संजीवनी क्लीनिक खोलने के लिए सरकारी जगह प्राप्त हो चुकी है और 30 वार्डो में सरकारी भवन की तलाश जारी है. इस संजीवनी क्लीनिक के माध्यम से कोरोना की तीसरी लहर को काफी हद तक रोका जा सकता है. संजीवनी क्लीनिक के माध्यम से हर वार्ड में व्यक्ति की जांच आसानी से की जा सकेगी.
हर वार्ड में जुकाम, खांसी, बुखार पर रखेंगे नजर
डॉ. मनीष शर्मा का कहना है कि इस संजीवनी क्लीनिक के माध्यम से शहर के हर वार्ड में स्थित हर व्यक्ति पर नजर रखी जाएगी. क्लीनिक के माध्यम से व्यक्ति आसानी से प्राथमिक उपचार ले सकता है या फिर व्यक्ति को सर्दी, जुकाम, खांसी की शिकायत है. वह व्यक्ति स्थानीय संजीवनी क्लीनिक के पास जाकर डॉक्टर से परामर्श ले सकता है. इसके साथ ही इस संजीवनी क्लीनिक के माध्यम से संदिग्ध लोगों के सैंपल लिए जाएंगे. उनको डिटेक्ट करने की कोशिश भी की जाएगी.
संजीवनी क्लीनिक के लिए डॉक्टर्स की तैनाती चुनौतीपूर्ण
CMHO डॉ. मनीष शर्मा ने का कहना है कि शहर के हर वार्ड में संजीवनी क्लीनिक लिए एक डॉक्टर रहेगा. डॉक्टर की कमी को देखते हुए यह एक चुनौती भरा कदम है, लेकिन डॉ मनीष शर्मा का कहना है कि अभी हमने डॉक्टरों की डिमांड भोपाल भेजी है. जब तक नई व्यवस्था नहीं होती है, तब तक पहले से ही हर वार्ड के प्रभारी डॉक्टर को ही संजीवनी क्लीनिक की जिम्मेदारी दी जाएगी. उनकी अल्टरनेट ड्यूटी लगाई जाएगी.