ग्वालियर। एक बार फिर ग्वालियर में हिंदू महासभा सुर्खियां बटोरने के लिए तैयारी कर रही है. आज हिंदू महासभा ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भांजे व पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा को हिंदू महासभा में सदस्यता ग्रहण करने के लिए आमंत्रण दिया है. हिंदू महासभा के इस आमंत्रण पत्र को पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने स्वीकार कर लिया है. हिंदू महासभा के आमंत्रण पत्र के बाद अब सियासी गलियारों में घमासान मचा हुआ है.
सब्जी मंडी विक्रेताओं के समर्थन में आंदोलन करने के वक्त हिंदू महासभा ने दिया आमंत्रण पत्र
आज सब्जी मंडी विक्रेताओं के समर्थन में पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा विरोध करने के लिए पहुंचे थे.इस आंदोलन का समर्थन भी हिंदू महासभा ने किया और इसी दौरान हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा को सदस्यता ग्रहण करने के लिए खुला पत्र आंदोलन स्थल पर सौंपा. इस दौरान हिंदू महासभा के संभागीय अध्यक्ष पवन गुप्ता, संभागीय संगठन महामंत्री मनोज जाटव और संभागीय संगठन मंत्री मुकेश बघेला मौजूद रहे.
अनूप मिश्रा सदस्यता ग्रहण करेंगे तो उनका कदम राष्ट्रीय हित और कितना होगा
हिंदू महासभा के पदाधिकारियों का कहना है कि भाजपा की गुटबाजी के कारण आज और सरकार की विफलताओं को लेकर उन्हीं के नेता मजबूर होकर आंदोलन करने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं. अगर अनूप मिश्रा हिंदू महासभा का आमंत्रण पत्र को स्वीकार करें, हिंदू महासभा की सदस्यता ग्रहण करेंगे तो उनका कदम राष्ट्रीय हित और जनहित में होगा.
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आमंत्रण पत्र को लेकर अनूप मिश्रा ने कहा कि इसमें मेरी कोई राय नहीं
आमंत्रण पत्र को लेकर पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने कहा किया उन्होंने सोचा है, इसमें मेरी कोई राय नहीं है. मैं जहां हूं उस दल को में अपनी मां मानता हूं. मुझे वह आमंत्रण पत्र क्यों दे रहे हैं मुझे समझ में नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि हम एक ज्ञापन देना चाहते हैं तो मैंने स्वीकार कर लिया. अब मुझे नहीं पता कि इसमें क्या लिखा हुआ है.
पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा लगातार सरकार से चल रहे हैं नाराज
सियासी गलियारों में लगातार यह बात सामने आती रही है कि पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा अपनी पार्टी से नाराज चल रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि पार्टी ने उन्हें अबकी बार विधानसभा टिकट काट दिया था. पार्टी के कार्यक्रम ज्यादातर हिस्सा नहीं ले रही है. वहीं देखने में आ रहा है वह लगातार किसानों या व्यापारियों के साथ सरकार के विरोध में धरना या आंदोलन कर रहे हैं.