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ग्वालियर के कण-कण में बसीं हैं पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की यादें, जानें रोचक किस्से

पूर्व पीएम व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 में हुआ था. 25 दिसंबर को उनकी 96वीं जयंती है. वायजेपी जी का ग्वालियर से खास नाता रहा है. यहां जानें उनसे जुड़े रोचक किस्से...

Former PM Atal Bihari Vaipayee
पूर्व पीएम अटल बिहारी वायपेयी
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Published : Dec 24, 2020, 8:45 PM IST

Updated : Dec 25, 2020, 8:32 AM IST

ग्वालियर। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 25 दिसंबर को 96वीं जयंती है. वाजपेयी तो इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके विचार और उनकी कार्यशैली लोगों जहन हमेशा रहती है. उनका ग्वालियर से खास नाता रहा है. भले ही अटल जी का जन्म यूपी के बटेश्वर गांव में हुआ हो, लेकिन उनका बचपन ग्वालियर के कमल सिंह बाग में गुजरा. उन्होंने प्राथमिक और स्नातक की शिक्षा भी यहीं हासिल की. उनके राजनैतिक करियर की शुरूआत भी ग्वालियर से हुई. आपको इस खास रिपोर्ट में हम आपको बताते हैं पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजेपीय के जीवन से जुड़ीं कुछ खास बातें...

पूर्व पीएम अटल बिहारी वायपेयी से जुड़े रोचक किस्से

कमल सिंह बाग में गुजारा बचपन

पूर्व पीएम अटल बिहारी ने अपना बचपन ग्वालियर की कमल सिंह के बाद में गुजारा है. उनका पैतृक घर घर भी इसी इलाके में है. इन्हीं गलियों में होकर उन्होंने राजनीति में कदम बढ़ाया. अटल जी जब ग्वालियर से दिल्ली पहुंचे, तो भी ग्वालियर उनके दिल में हमेशा रहा. वे बतौर प्रधानमंत्री कई बार अपने घर आए. सामान्य तरीके से सभी परिवारों से मुलाकात की. अटल जी ने जिंदा रहते हुए अपने घर को लाइब्रेरी के रूप में तब्दील कर दिया था. ये उन्होंने बच्चों के प्रति अपने लगाव के चलते किया था. इस घर में कुछ दिन पहले तक उनकी भतीजी रहा करतीं थीं, लेकिन स्वास्थ्य खराब होने की वजह से वह भी इस समय दिल्ली में हैं.

Atal ji's parents
अटल जी का माता पिता

गोरखी स्कूल से शिक्षा ग्रहण कर बढ़ाया राजनीति में कदम

अटल बिहारी जी को याद कर ग्वालियर का हर शख्स खुद को गौरवान्वित महसूस करता है.इतना ही नहीं वे जिस स्कूल में पढ़े, उस स्कूल के शिक्षक आज भी बच्चों के सामने नजीर पेश करते हैं. 'पढ़ोगे-लिखोगे तो अटल जी जैसे बनोगे.' यह स्कूल आज किसी राष्ट्रीय धरोहर की तरह है. जिसका नाम गोरखी स्कूल है. स्कूल का हर कमरा, खेल का मैदान अटल जी की यादों से संजोया गया है. दीवारों पर अटल जी का नाम लिखा है. अटल बिहारी वाजपेई ने इसी स्कूल से मिडिल तक की शिक्षा हासिल की थी.

Old photo
पुरानी तस्वीर

खास बात यह है कि 1935 -37 में जब अटल जी इस स्कूल में पढ़ा करते थे, तो उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी इस स्कूल में शिक्षक थे. स्कूल में आज भी उस रजिस्टर को सहेज कर रखा गया है, जिसमें कभी अटल जी की उपस्थिति दर्ज हुआ करती थी. तब अटल जी का नंबर उपस्थिति रजिस्टर में 101 था यानी सौ फीसदी से भी एक ज्यादा.

register of Atal ji
अटल जी का अटेंडेंस रजिस्टर

खाने के बहुत शौकीन थे अटल जी

अटल जी खाने के भी बड़े शौकीन थे.खुद भी खाते थे और दूसरों को भी खूब खिलाते थे. ग्वालियर में ऐसी कुछ चुनिंदा जगह मौजूद हैं.जहां उनका आना-जाना अक्सर हुआ करता था. उन्हीं में से एक दुकान है बहादुरा स्वीट्स. बहादुरा स्वीट्स के लड्डू और रसगुल्ले अटल जी को खासतौर पर पसंद थे. इतना ही नहीं जब वे प्रधानमंत्री बने तो बहादुरा स्वीट्स के लड्डू और रसगुल्ले दिल्ली भेजे जाते थे.

Bahadura Sweets
बहादुरा स्वीट्स

दुकानदार का कहना है कि यहां के लड्डू अटल जी के लिए एंट्री पास का काम करते थे. मतलब अगर किसी व्यक्ति को प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी से मिलना था, तो वह बूंदी के लड्डू जरूर ले जाता था. इसके साथ ही अटल जी को शहर के एक ठेले पर बनने वाले मंगोड़े बेहद पसंद थे. उस जमाने में एक बुजुर्ग महिला मंगोड़े बनाती थीं.

Temple of Atal
अटल जी का मंदिर

ग्वालियर में स्थित है अटल जी का मंदिर

पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी से लोग किस कदर प्यार करते हैं, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उनके विचारों से प्रभावित होकर लोगों ने ग्वालियर में उनका मंदिर ही बनवा दिया. मंदिर में प्रतिदिन भजन-आरती के साथ पूजा भी होती है.

अब ग्वालियर में बन रहा है देश में सबसे बड़ा अटल स्मारक

ग्वालियर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में 10 एकड़ में अटल जी का स्मारक बनाया जा रहा है. जिसमें उनकी मूर्ति स्थापित की जाएगी. साथ ही उनके जीवन को दर्शाती फोटोज व यादें सहेजी जाएंगीं. इसके लिए भोपाल से आई टीम ने शहर में प्रस्तावित स्थल देखे हैं. साथ ही संभावना जताई जा रही है कि 25 दिसंबर को अटल जी की जयंती पर सीएम शिवराज सिंह चौहान स्मारक की जगह को लेकर घोषणा कर सकते हैं.

ग्वालियर। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 25 दिसंबर को 96वीं जयंती है. वाजपेयी तो इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके विचार और उनकी कार्यशैली लोगों जहन हमेशा रहती है. उनका ग्वालियर से खास नाता रहा है. भले ही अटल जी का जन्म यूपी के बटेश्वर गांव में हुआ हो, लेकिन उनका बचपन ग्वालियर के कमल सिंह बाग में गुजरा. उन्होंने प्राथमिक और स्नातक की शिक्षा भी यहीं हासिल की. उनके राजनैतिक करियर की शुरूआत भी ग्वालियर से हुई. आपको इस खास रिपोर्ट में हम आपको बताते हैं पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजेपीय के जीवन से जुड़ीं कुछ खास बातें...

पूर्व पीएम अटल बिहारी वायपेयी से जुड़े रोचक किस्से

कमल सिंह बाग में गुजारा बचपन

पूर्व पीएम अटल बिहारी ने अपना बचपन ग्वालियर की कमल सिंह के बाद में गुजारा है. उनका पैतृक घर घर भी इसी इलाके में है. इन्हीं गलियों में होकर उन्होंने राजनीति में कदम बढ़ाया. अटल जी जब ग्वालियर से दिल्ली पहुंचे, तो भी ग्वालियर उनके दिल में हमेशा रहा. वे बतौर प्रधानमंत्री कई बार अपने घर आए. सामान्य तरीके से सभी परिवारों से मुलाकात की. अटल जी ने जिंदा रहते हुए अपने घर को लाइब्रेरी के रूप में तब्दील कर दिया था. ये उन्होंने बच्चों के प्रति अपने लगाव के चलते किया था. इस घर में कुछ दिन पहले तक उनकी भतीजी रहा करतीं थीं, लेकिन स्वास्थ्य खराब होने की वजह से वह भी इस समय दिल्ली में हैं.

Atal ji's parents
अटल जी का माता पिता

गोरखी स्कूल से शिक्षा ग्रहण कर बढ़ाया राजनीति में कदम

अटल बिहारी जी को याद कर ग्वालियर का हर शख्स खुद को गौरवान्वित महसूस करता है.इतना ही नहीं वे जिस स्कूल में पढ़े, उस स्कूल के शिक्षक आज भी बच्चों के सामने नजीर पेश करते हैं. 'पढ़ोगे-लिखोगे तो अटल जी जैसे बनोगे.' यह स्कूल आज किसी राष्ट्रीय धरोहर की तरह है. जिसका नाम गोरखी स्कूल है. स्कूल का हर कमरा, खेल का मैदान अटल जी की यादों से संजोया गया है. दीवारों पर अटल जी का नाम लिखा है. अटल बिहारी वाजपेई ने इसी स्कूल से मिडिल तक की शिक्षा हासिल की थी.

Old photo
पुरानी तस्वीर

खास बात यह है कि 1935 -37 में जब अटल जी इस स्कूल में पढ़ा करते थे, तो उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी इस स्कूल में शिक्षक थे. स्कूल में आज भी उस रजिस्टर को सहेज कर रखा गया है, जिसमें कभी अटल जी की उपस्थिति दर्ज हुआ करती थी. तब अटल जी का नंबर उपस्थिति रजिस्टर में 101 था यानी सौ फीसदी से भी एक ज्यादा.

register of Atal ji
अटल जी का अटेंडेंस रजिस्टर

खाने के बहुत शौकीन थे अटल जी

अटल जी खाने के भी बड़े शौकीन थे.खुद भी खाते थे और दूसरों को भी खूब खिलाते थे. ग्वालियर में ऐसी कुछ चुनिंदा जगह मौजूद हैं.जहां उनका आना-जाना अक्सर हुआ करता था. उन्हीं में से एक दुकान है बहादुरा स्वीट्स. बहादुरा स्वीट्स के लड्डू और रसगुल्ले अटल जी को खासतौर पर पसंद थे. इतना ही नहीं जब वे प्रधानमंत्री बने तो बहादुरा स्वीट्स के लड्डू और रसगुल्ले दिल्ली भेजे जाते थे.

Bahadura Sweets
बहादुरा स्वीट्स

दुकानदार का कहना है कि यहां के लड्डू अटल जी के लिए एंट्री पास का काम करते थे. मतलब अगर किसी व्यक्ति को प्रधानमंत्री अटल बिहारी जी से मिलना था, तो वह बूंदी के लड्डू जरूर ले जाता था. इसके साथ ही अटल जी को शहर के एक ठेले पर बनने वाले मंगोड़े बेहद पसंद थे. उस जमाने में एक बुजुर्ग महिला मंगोड़े बनाती थीं.

Temple of Atal
अटल जी का मंदिर

ग्वालियर में स्थित है अटल जी का मंदिर

पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी से लोग किस कदर प्यार करते हैं, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उनके विचारों से प्रभावित होकर लोगों ने ग्वालियर में उनका मंदिर ही बनवा दिया. मंदिर में प्रतिदिन भजन-आरती के साथ पूजा भी होती है.

अब ग्वालियर में बन रहा है देश में सबसे बड़ा अटल स्मारक

ग्वालियर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में 10 एकड़ में अटल जी का स्मारक बनाया जा रहा है. जिसमें उनकी मूर्ति स्थापित की जाएगी. साथ ही उनके जीवन को दर्शाती फोटोज व यादें सहेजी जाएंगीं. इसके लिए भोपाल से आई टीम ने शहर में प्रस्तावित स्थल देखे हैं. साथ ही संभावना जताई जा रही है कि 25 दिसंबर को अटल जी की जयंती पर सीएम शिवराज सिंह चौहान स्मारक की जगह को लेकर घोषणा कर सकते हैं.

Last Updated : Dec 25, 2020, 8:32 AM IST
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