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ग्वालियर में महल को लगा झटका, सिंधिया की मामी माया सिंह हारी चुनाव, तो भितरवार में कांग्रेस को झटका

Maya Singh Lost From Gwalior East Seat: ग्वालियर की दो बड़ी सीटों में एक पर बीजेपी तो एक पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है. ग्वालियर पूर्व सीट से सिंधिया की मामी माया सिंह चुनाव हार गईं हैं. जबकि ग्वालियर की भितरवार सीट से कांग्रेस प्रत्याशी की हार हुई.

Maya Singh lost from Gwalior East
ग्वालियर में महल को लगा झटका
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 3, 2023, 7:21 PM IST

Updated : Dec 3, 2023, 9:25 PM IST

ग्वालियर में महल को लगा झटका

ग्वालियर। ग्वालियर भाजपा के साथ ही सिंधिया घराने को भी एक करारा झटका लगा है. कांग्रेस के डॉ. सतीश सिकरवार ने सिंधिया घराने की मामी व पूर्व मंत्री माया सिंह को भारी मतों से हराया है. वहीं इसे भाजपा में सिंधिया के कद से भी जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि माया सिंह को सदैव से ही महल के करीब माना गया है. वहीं कांग्रेस का किला कहे जाने वाला भितरवार सीट को भी कांग्रेस ने ढहा दिया है. यहां बीजेपी प्रत्याशी मोहन सिंह राठौर ने जीत हासिल की है.

सिंधिया की मामी हारीं चुनाव: गौरतलब है कि ग्वालियर की पूर्व विधानसभा पर भाजपा की ओर से सिंधिया घराने की मामी यानि की माया सिंह पर पूरा भरोसा जताया गया था. वहीं केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने भी पूर्व मंत्री माया सिंह को जिताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी. उन्होंने क्षेत्र में कई जगह पर कार्यकर्ताओं से लेकर पदाधिकारी की कई सभाएं और बैठक भी की थी. बावजूद इसके कांग्रेस के वर्तमान विधायक डॉक्टर सतीश सिकरवार ने सिंधिया घराने की मामी और पूर्व मंत्री माया सिंह को लगभग 16000 मतों से हराया है. इस दौरान भारी संख्या में लोगों ने उनकी जीत का स्वागत किया. मिठाईयां खिलाकर जीत का जश्न में मनाया.

सिकरवार ने दिया धन्यवाद: पत्रकारों से चर्चा के दौरान डॉक्टर सतीश सिकरवार ने प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति को लेकर कहा कि 'जो सरकार बन रही है. वह पहले भी खरीद फरोख्त करके बनाई गई थी. आज भी वही होने जा रहा है. चुनाव से 1 दिन पहले तक भाजपा द्वारा लोगों के खाते में पैसे डाले गए थे. इसके साथ ही उन्होंने अपनी जीत के लिए कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं पदाधिकारी और सबसे अधिक ग्वालियर की जनता का धन्यवाद अर्पित किया है.

भाजपा ने ढहाया भितरवार: इसके अलावा ग्वालियर जिले में कांग्रेस के अभेद किले के रूप में माने जाने वाली भितरवार विधानसभा को भाजपा ने ढहा दिया है. भितरबार से भाजपा प्रत्याशी मोहन सिंह राठौर ने 22 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है. जीत हासिल करने वाले भाजपा प्रत्याशी मोहन सिंह राठौड़ कट्टर सिंधिया समर्थक हैं. बता दें भितरवार विधानसभा से पिछले चार बार से विधायक कांग्रेस के पूर्व मंत्री लखन सिंह यादव कांग्रेस के प्रत्याशी थे. उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा है.

यहां पढ़ें...

सिंधिया समर्थक हैं मोहन सिंह राठौर: गौरतलब है कि मोहन सिंह राठौड़ कट्टर सिंधिया समर्थक के रूप में पहचाने जाते हैं. अपने एक लंबे राजनीतिक करियर में इनका ये पहला विधानसभा चुनाव था. जिसमें इनका करियर भी दांव पर लगा हुआ था. भितरवार क्षेत्र में कांग्रेस की एक मजबूत सीट मानी जाती है. जिस पर लखन सिंह यादव का एक लंबे अरसे से कब्जा चल रहा था. वहां पर भाजपा को बहुत ही लंबे समय से जीत दर्ज करने की आवश्यकता थी. आपको बता दें कि मोहन सिंह राठौड़ पूर्व में कांग्रेस में हुआ करते थे और 2020 में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल भी हो गए थे. पार्टी ने पहली बार में ही उन्हें भितरवार के लिए चुना था और उन पर भरोसा जताया था. विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद मोहन सिंह राठौड़ ने मुख्यमंत्री के रूप में सिंधिया को लेकर चल रही चर्चाओं पर कहा कि भाजपा एक संगठित पार्टी है. यहां पर निर्णय शीर्ष नेतृत्व तय करता है. जो भी नेतृत्व तय करेगा वही होगा.

ग्वालियर में महल को लगा झटका

ग्वालियर। ग्वालियर भाजपा के साथ ही सिंधिया घराने को भी एक करारा झटका लगा है. कांग्रेस के डॉ. सतीश सिकरवार ने सिंधिया घराने की मामी व पूर्व मंत्री माया सिंह को भारी मतों से हराया है. वहीं इसे भाजपा में सिंधिया के कद से भी जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि माया सिंह को सदैव से ही महल के करीब माना गया है. वहीं कांग्रेस का किला कहे जाने वाला भितरवार सीट को भी कांग्रेस ने ढहा दिया है. यहां बीजेपी प्रत्याशी मोहन सिंह राठौर ने जीत हासिल की है.

सिंधिया की मामी हारीं चुनाव: गौरतलब है कि ग्वालियर की पूर्व विधानसभा पर भाजपा की ओर से सिंधिया घराने की मामी यानि की माया सिंह पर पूरा भरोसा जताया गया था. वहीं केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने भी पूर्व मंत्री माया सिंह को जिताने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी. उन्होंने क्षेत्र में कई जगह पर कार्यकर्ताओं से लेकर पदाधिकारी की कई सभाएं और बैठक भी की थी. बावजूद इसके कांग्रेस के वर्तमान विधायक डॉक्टर सतीश सिकरवार ने सिंधिया घराने की मामी और पूर्व मंत्री माया सिंह को लगभग 16000 मतों से हराया है. इस दौरान भारी संख्या में लोगों ने उनकी जीत का स्वागत किया. मिठाईयां खिलाकर जीत का जश्न में मनाया.

सिकरवार ने दिया धन्यवाद: पत्रकारों से चर्चा के दौरान डॉक्टर सतीश सिकरवार ने प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति को लेकर कहा कि 'जो सरकार बन रही है. वह पहले भी खरीद फरोख्त करके बनाई गई थी. आज भी वही होने जा रहा है. चुनाव से 1 दिन पहले तक भाजपा द्वारा लोगों के खाते में पैसे डाले गए थे. इसके साथ ही उन्होंने अपनी जीत के लिए कांग्रेस के सभी कार्यकर्ताओं पदाधिकारी और सबसे अधिक ग्वालियर की जनता का धन्यवाद अर्पित किया है.

भाजपा ने ढहाया भितरवार: इसके अलावा ग्वालियर जिले में कांग्रेस के अभेद किले के रूप में माने जाने वाली भितरवार विधानसभा को भाजपा ने ढहा दिया है. भितरबार से भाजपा प्रत्याशी मोहन सिंह राठौर ने 22 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है. जीत हासिल करने वाले भाजपा प्रत्याशी मोहन सिंह राठौड़ कट्टर सिंधिया समर्थक हैं. बता दें भितरवार विधानसभा से पिछले चार बार से विधायक कांग्रेस के पूर्व मंत्री लखन सिंह यादव कांग्रेस के प्रत्याशी थे. उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा है.

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सिंधिया समर्थक हैं मोहन सिंह राठौर: गौरतलब है कि मोहन सिंह राठौड़ कट्टर सिंधिया समर्थक के रूप में पहचाने जाते हैं. अपने एक लंबे राजनीतिक करियर में इनका ये पहला विधानसभा चुनाव था. जिसमें इनका करियर भी दांव पर लगा हुआ था. भितरवार क्षेत्र में कांग्रेस की एक मजबूत सीट मानी जाती है. जिस पर लखन सिंह यादव का एक लंबे अरसे से कब्जा चल रहा था. वहां पर भाजपा को बहुत ही लंबे समय से जीत दर्ज करने की आवश्यकता थी. आपको बता दें कि मोहन सिंह राठौड़ पूर्व में कांग्रेस में हुआ करते थे और 2020 में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल भी हो गए थे. पार्टी ने पहली बार में ही उन्हें भितरवार के लिए चुना था और उन पर भरोसा जताया था. विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद मोहन सिंह राठौड़ ने मुख्यमंत्री के रूप में सिंधिया को लेकर चल रही चर्चाओं पर कहा कि भाजपा एक संगठित पार्टी है. यहां पर निर्णय शीर्ष नेतृत्व तय करता है. जो भी नेतृत्व तय करेगा वही होगा.

Last Updated : Dec 3, 2023, 9:25 PM IST
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