ग्वालियर। कोरोना संक्रमण के बाद अब इस समय पूरे देशभर में पक्षियों में बर्ड फ्लू ने कोहराम मचा दिया है. मध्यप्रदेश के कई जिलों में बर्ड फ्लू से लाखों पक्षियों की मौत हो चुकी है, लेकिन इससे बचने के लिए अब कबायत भी शुरू कर दी गई है. ग्वालियर के कृषि विज्ञान केंद्र में बर्ड फ्लू से बचाने के लिए वैज्ञानिक एक अनोखा घरेलू नुक्सा अपना रहे हैं.
कृषि विज्ञान केंद्र में मुर्गे और और मुर्गियों इम्युनिटी बढ़ाई जा रही है. इसके लिए मुर्गी और मुर्गियों को हल्दी का घोल बनाकर उन्हें दिया जा रहा है. साथ ही विटामिन सी की गोलियां पानी में मिलाकर मुर्गियों को पिलाई जा रहे ही. कृषि वैज्ञानिकों का दावा है कि हल्दी के पानी से मुर्गी मुर्गियों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी. जिससे इन्हें बर्ड फ्लू से बचाया जा सकता है.
मुर्गे मुर्गियों को पिलाया जा रहा हल्दी का घोल
ग्वालियर के कृषि विज्ञान केंद्र में हजारों की संख्या में कड़कनाथ मुर्गे पाले जा रहे हैं. प्रदेश में बर्ड फ्लू की दहशत से इनको भी आइसोलेट कर दिया गया है. इनको हल्दी का पानी पिलाकर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा रही है. साथ ही मुर्गे के लिए विटामिन सी की गोलियां पानी में घोलकर दी जा रही है. पोल्ट्री फॉर्म में दवा का छिड़काव किया जा रहा है. वहीं फॉर्म में किसी व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है.
दरअसल ग्वालियर कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक राज सिंह कुशवाह का कहना है जिस तरीके से कोरोना काल में लोगों ने अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़े के साथ-साथ हल्दी युक्त दूध का सेवन किया था. उसी तरह हम मुर्गे और मुर्गियों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हल्दी युक्त पानी का सेवन करा रहे हैं. उन्हें विटामिन सी की गोली भी पानी में घोलकर दी जा रही है. हल्दी एक गुणकारी औषधि है जो इंसान के साथ साथ पशु पक्षियों में भी गुणकारी मानी जाती है. यही वजह है कि इनकी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत करने के लिए इसका उपयोग किया जा रहा है, जिससे इन मुर्गी मुर्गियों को बर्ड फ्लू जैसी बीमारी से लड़ने की क्षमता उत्पन्न हो.