ग्वालियर। शहर के जाने-माने ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. एएस भल्ला के अस्पताल पर प्रशासन ने शुक्रवार को कार्रवाई शुरू कर दी. प्रशासन ने जेसीबी की मशीन से अस्पताल को तोड़ने का काम शुरू किया. डॉ भल्ला बीजेपी के नेता है और पिछले दिनों ही डॉक्टर और प्रशासन के बीच हुए विवाद में वो खुलकर सरकार की खिलाफत कर चर्चा में आए थे. खास बात ये है कि अस्पताल की तुड़ाई के दौरान डॉ भल्ला को कोर्ट से स्टे मिल गया. जिसके बाद प्रशासन की टीम ने तुड़ाई रोक दी.
नियम के विरुद्ध हो रहा था काम
कांग्रेस नेता बृज मोहन परिहार के बंगले से लगी उनकी दूसरी कोठी है जिसमें लगभग तीन दशक से डॉ भल्ला का सहारा अस्पताल चलाया जा रहा था. दोनों के बीच कोठी को खाली कराए जाने का विवाद भी चल रहा है. बताया गया है कि नगर निगम अधिनियम और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की शर्तों का उल्लंघन करके इस अस्पताल का संचालन किया जा रहा था.
अस्पताल में मौजूद थे कई मरीज
अस्पताल के आईसीयू में 5 मरीज भर्ती थे. उन्हें बाहर निकाले बगैर प्रशासन ने अस्पताल का बाहरी हिस्सा तोड़ दिया. इस दौरान अस्पताल के स्टाफ ने प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने अपनी रोटी रोजी का हवाला देते हुए प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया है.
प्रशासन का कहना है कि पूर्व में नोटिस 5 दिसंबर तक का था लेकिन जो स्टे आर्डर बाद में दिखाया गया उसमें 16 दिसंबर की तारीख का उल्लेख है.