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शिवराज सरकार का 'ऑपरेशन माफिया', प्रशासन तैयार कर रहा कार्रवाई के लिए लिस्ट

खनन माफिया के खिलाफ अब सरकार के आदेश के बाद प्रशासन ने अपना होमवर्क शुरू कर दिया है, आने वाले कुछ दिनों में इन पर ताबड़तोड़ कार्रवाई भी शुरू हो जाएंगी. पढ़िए पूरी खबर...

Preparation for action on mining mafia
खनन माफिया पर कार्रवाई की तैयारी
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Published : Aug 1, 2020, 6:15 PM IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश की राजनीति और शिवराज सरकार के लिए 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव काफी अहम हैं, इसको लेकर बीजेपी किसी तरह की कोई कमी रखने के मूड में नहीं है, अपराध हो या खनन सब पर सख्त कार्रवाई के लिए सीएम ने आदेश दे दिए हैं, खनन माफिया के खिलाफ अब सरकार के आदेश के बाद प्रशासन ने अपना होमवर्क शुरू कर दिया है, आने वाले कुछ दिनों में इन पर ताबड़तोड़ कार्रवाई भी शुरू हो जाएंगी, खनन माफिया पर कार्रवाई की शुरूआत ग्वालियर-चंबल अंचल से की सकती है, चंबल नदी और उसके आस-पास होने वाले खनन पर प्रशासन सख्त कार्रवाई करने मूड में है. इस बार प्रशासन पहले पूरा होमवर्क करेगा और बड़े नामों को पहले छांटा जाएगा.

खनन माफिया पर कार्रवाई की तैयारी

कमलनाथ सरकार में ग्वालियर में 135 से ज्यादा की सूची अभी भी रखी है. वहीं गृह निर्माण समितियों का बड़े स्तर का फर्जीवाड़ा दोबारा खंगाला जाएगा. बची हुई समितियों पर एफआईआर की कार्रवाई जल्द की जाएगी. इस तमाम हलचल के बाद अब अब प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में सियासत गर्म हो गई है. कांग्रेस की सरकार के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि ऑपरेशन माफिया नहीं है बल्कि उपचुनाव से पहले कांग्रेस के लोगों को टारगेट करने का ये ऑपरेशन है, उपचुनाव से पहले सरकार कांग्रेस के लोगों को खनन के नाम पर टारगेट करना चाहती है

वहीं बीजेपी के नेताओं ने सीएम शिवराज के इस फैसले का स्वागत किया है, उनका कहना है कि रेत माफिया पर कार्रवाई करना जरूरी है, जिससे की इनके हौसले बुलंद न हों.

रेत माफिया पर कार्रवाई को लेकर पहली बैठक

रेत माफिया पर कार्रवाई को लेकर कमलनाथ सरकार के जाने के बाद यह पहली बैठक की गई, तत्कालीन कलेक्टर अनुराग चौधरी और अपर कलेक्टर अनूप सिंह ने एंटी माफिया अभियान में ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी और 900 करोड़ करीब की सरकारी जमीन माफिया के कब्जे से मुक्त कराई थी. इस अभियान में बड़े-बड़े नाम भी सामने आए थे और नेता भी इसमें शामिल थे. तत्कालीन अपर कलेक्टर अनूप सिंह ने 135 लोगों को चिन्हित कर अभियान शुरू किया था. यही सूची अब कलेक्टर कौशलेंद्र बिक्रम सिंह ने निकलवाई है.

शिवराज सरकार की एंटी माफिया मुहिम में टारगेट पर रेत माफिया, शराब माफिया, खनन माफिया, ग्वालियर विकास प्राधिकरण नगर निगम सहित अन्य अलग-अलग सेक्टर के माफियाओं को चिन्हित किया जा रहा है, कहा जा सकता है कि ग्वालियर चंबल अंचल में पुलिस प्रशासन के अफसरों ने कोरोना के साथ-साथ अब ऑपरेशन माफिया को लेकर अपना होमवर्क शुरू कर दिया है, जिसके रिजल्ट भी जल्दी देखने को मिल सकता है.

ग्वालियर। मध्यप्रदेश की राजनीति और शिवराज सरकार के लिए 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव काफी अहम हैं, इसको लेकर बीजेपी किसी तरह की कोई कमी रखने के मूड में नहीं है, अपराध हो या खनन सब पर सख्त कार्रवाई के लिए सीएम ने आदेश दे दिए हैं, खनन माफिया के खिलाफ अब सरकार के आदेश के बाद प्रशासन ने अपना होमवर्क शुरू कर दिया है, आने वाले कुछ दिनों में इन पर ताबड़तोड़ कार्रवाई भी शुरू हो जाएंगी, खनन माफिया पर कार्रवाई की शुरूआत ग्वालियर-चंबल अंचल से की सकती है, चंबल नदी और उसके आस-पास होने वाले खनन पर प्रशासन सख्त कार्रवाई करने मूड में है. इस बार प्रशासन पहले पूरा होमवर्क करेगा और बड़े नामों को पहले छांटा जाएगा.

खनन माफिया पर कार्रवाई की तैयारी

कमलनाथ सरकार में ग्वालियर में 135 से ज्यादा की सूची अभी भी रखी है. वहीं गृह निर्माण समितियों का बड़े स्तर का फर्जीवाड़ा दोबारा खंगाला जाएगा. बची हुई समितियों पर एफआईआर की कार्रवाई जल्द की जाएगी. इस तमाम हलचल के बाद अब अब प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में सियासत गर्म हो गई है. कांग्रेस की सरकार के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि ऑपरेशन माफिया नहीं है बल्कि उपचुनाव से पहले कांग्रेस के लोगों को टारगेट करने का ये ऑपरेशन है, उपचुनाव से पहले सरकार कांग्रेस के लोगों को खनन के नाम पर टारगेट करना चाहती है

वहीं बीजेपी के नेताओं ने सीएम शिवराज के इस फैसले का स्वागत किया है, उनका कहना है कि रेत माफिया पर कार्रवाई करना जरूरी है, जिससे की इनके हौसले बुलंद न हों.

रेत माफिया पर कार्रवाई को लेकर पहली बैठक

रेत माफिया पर कार्रवाई को लेकर कमलनाथ सरकार के जाने के बाद यह पहली बैठक की गई, तत्कालीन कलेक्टर अनुराग चौधरी और अपर कलेक्टर अनूप सिंह ने एंटी माफिया अभियान में ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी और 900 करोड़ करीब की सरकारी जमीन माफिया के कब्जे से मुक्त कराई थी. इस अभियान में बड़े-बड़े नाम भी सामने आए थे और नेता भी इसमें शामिल थे. तत्कालीन अपर कलेक्टर अनूप सिंह ने 135 लोगों को चिन्हित कर अभियान शुरू किया था. यही सूची अब कलेक्टर कौशलेंद्र बिक्रम सिंह ने निकलवाई है.

शिवराज सरकार की एंटी माफिया मुहिम में टारगेट पर रेत माफिया, शराब माफिया, खनन माफिया, ग्वालियर विकास प्राधिकरण नगर निगम सहित अन्य अलग-अलग सेक्टर के माफियाओं को चिन्हित किया जा रहा है, कहा जा सकता है कि ग्वालियर चंबल अंचल में पुलिस प्रशासन के अफसरों ने कोरोना के साथ-साथ अब ऑपरेशन माफिया को लेकर अपना होमवर्क शुरू कर दिया है, जिसके रिजल्ट भी जल्दी देखने को मिल सकता है.

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