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आयुष्मान कार्ड धारक से इलाज के पैसे मांगने पर निजी अस्पताल पर कार्रवाई - ग्वालियर कोरोना केस

विभाग को सूचना मिली थी कि आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पताल में होने वाले इलाज में अस्पताल द्वारा एक गरीब व्यक्ति से पैसे जमा करवाए जा रहे हैं, जबकि जिला प्रशासन के स्पष्ट आदेश दिया है कि किसी भी गरीब का निजी अस्पताल को आयुष्मान योजना के तहत ही इलाज करना है.

Action on private hospital
निजी अस्पताल पर कार्रवाई
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Published : May 11, 2021, 5:08 PM IST

ग्वालियर। शहर के के.एम. हॉस्पिटल पर स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को छापा मारा है. विभाग को सूचना मिली थी कि आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पताल में होने वाले इलाज में अस्पताल द्वारा एक गरीब व्यक्ति से पैसे जमा करवाए जा रहे हैं, जबकि जिला प्रशासन के स्पष्ट आदेश दिया है कि किसी भी गरीब का निजी अस्पताल को आयुष्मान योजना के तहत ही इलाज करना है.

निजी अस्पताल पर कार्रवाई
  • बायो मेडिकल वेस्ट को लेकर लापरवाही

स्वास्थ्य विभाग को इस निजी अस्पताल द्वारा एक मरीज के परिजनों से करीब एक लाख रुपए से ज्यादा की राशि जमा कराने को लेकर शिकायत मिली थी. जिसके बाद CMHO कार्यालय ने अस्पताल पर छापा मारकर कार्रवाई की है. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पाया कि अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया गया है. इसके अलावा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अस्पताल के पास अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं था. वहीं, जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निजी अस्पताल में भर्ती मरीजों का इलाज क्वालिफाइड डॉक्टर्स द्वारा किया जा रहा है अथवा नहीं यह भी देखा गया है.

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जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस दौरान पाया कि यहां आयुष्मान योजना के तहत भर्ती मरीज का इलाज निशुल्क नहीं किया जा रहा था, जिसे लेकर CMHO कार्यालय के अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी है. अस्पताल के प्रबंध निदेशक का कहना है कि जिस मरीज द्वारा आयुष्मान कार्ड से संबंधित शिकायत दर्ज की गई है, उस बारे में उनके पास लिखित में कोई प्रशासन का आदेश नहीं आया था इसलिए विभाग के लोगों ने निजी अस्पताल पर कार्रवाई की है.

ग्वालियर। शहर के के.एम. हॉस्पिटल पर स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को छापा मारा है. विभाग को सूचना मिली थी कि आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पताल में होने वाले इलाज में अस्पताल द्वारा एक गरीब व्यक्ति से पैसे जमा करवाए जा रहे हैं, जबकि जिला प्रशासन के स्पष्ट आदेश दिया है कि किसी भी गरीब का निजी अस्पताल को आयुष्मान योजना के तहत ही इलाज करना है.

निजी अस्पताल पर कार्रवाई
  • बायो मेडिकल वेस्ट को लेकर लापरवाही

स्वास्थ्य विभाग को इस निजी अस्पताल द्वारा एक मरीज के परिजनों से करीब एक लाख रुपए से ज्यादा की राशि जमा कराने को लेकर शिकायत मिली थी. जिसके बाद CMHO कार्यालय ने अस्पताल पर छापा मारकर कार्रवाई की है. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पाया कि अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया गया है. इसके अलावा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अस्पताल के पास अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं था. वहीं, जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निजी अस्पताल में भर्ती मरीजों का इलाज क्वालिफाइड डॉक्टर्स द्वारा किया जा रहा है अथवा नहीं यह भी देखा गया है.

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जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस दौरान पाया कि यहां आयुष्मान योजना के तहत भर्ती मरीज का इलाज निशुल्क नहीं किया जा रहा था, जिसे लेकर CMHO कार्यालय के अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट बनाकर वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी है. अस्पताल के प्रबंध निदेशक का कहना है कि जिस मरीज द्वारा आयुष्मान कार्ड से संबंधित शिकायत दर्ज की गई है, उस बारे में उनके पास लिखित में कोई प्रशासन का आदेश नहीं आया था इसलिए विभाग के लोगों ने निजी अस्पताल पर कार्रवाई की है.

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