ग्वालियर। प्रशासनिक टीम ने शनिवार को शहर में संचालित एक फर्जी बैंक का पर्दाफाश किया है. दाल बाजार में यूनाइटेड क्रेडिट कॉर्पोरेटिव सोसायटी नाम से एक फर्जी बैंक संचालित किया जा रहा था. जांच में पाया गया है कि 2014 से लेकर अब तक करीब करोड़ रुपयों का बैंकिंग व्यवसाय यहां से किया जा चुका है. जांच के दौरान बैंकिंग के लिए जरूरी RBI(Reserve Bank Of India) का लाइसेंस भी नहीं मिला है. ये कार्रवाई SDM और तहसील ने पुलिस अधिकारियों को साथ मिलकर की है.
प्लानिंग के साथ हुई कार्रवाई
SDM अनिल बनबारिया को यूनाइटेड क्रेडिट कॉर्पोरेटिव सोसायटी के बैंकिंग कारोबार के बारे में जानकारी मिली थी. जिसे लेकर पहले पूरी पड़ताल की गई. फिर SDM अनिल बनबारिया के निर्देशन पर पटवारी संतोष और RI महेंद्र यादव को बैंक भेजा गया. जहां इन्होंने बैंकिंग व्यवसाय की तस्दीक की. इसके बाद प्रशासन और पुलिस टीम संयुक्त रूप से पूरे दल के साथ मौके पर पहुंची. जहां लेन-देन का काम जारी था.
दस्तावेज सही नहीं
टीम ने जब बैंक के सभी दस्तावेजों को खंगालना शुरू किया तो कोई भी दस्तावेज सही नहीं मिले. इसके अलावा बचत खाता और लोन के लिए लुभावनी योजनाओं के पंपलेट भी बरामद किए गए.
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फर्जी बैंक में 762 कर्मचारी
जांच में सामने आया है कि इस संस्था में 762 कर्मचारी हैं, जिनमें 614 पुरुष और 148 महिलाएं शामिल हैं. इनमें अनारक्षित सदस्यों की संख्या 649 है, अनुसूचित जाति के सदस्य 69 और अनुसूचित जनजाति के 44 सदस्य हैं.
दो और सोसायटी भी शामिल
जांच में दो और सोसायटी के नाम भी सामने आए हैं. ऑफिस से सोसायटी उपकार वेल्थ इंडिया और बंधन बचत सहकारी समिति के दस्तावेज भी मौके पर मिले हैं.
शहर में चार शाखाएं
SDM अनिल बनबारिया ने बताया कि इस फर्जी बैंक की पांच शाखाएं हैं. ग्वालियर जिले में चार हैं, जिनमें डबरा, ग्वालियर शहर, भीतरवार, पीछोर शामिल हैं. वहीं शिवपुरी के दिनारा में भी एक शाखा है.
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गोविंदपुरा में रहता है संस्था संचालक
संस्था रविंद्र झा के नाम पर बताई जा रही है, जो कि डबरा निवासी है. फिलहाल संस्था संचालक गोविंदपुरी में रह रहा है. संस्था के दस्तावेजों में सूर्यकांत झा का नाम सामने आया है, जो कि रविंद्र झा के ससुराल पक्ष से रिश्तेदार बताया जा रहा है.
चिंटफंड का हो सकता है खुलासा
अधिकारियों को आशंका है की इन दोनों सोसायटियों के जरिए चिटफंड का कारोबार किया जा रहा है.