ग्वालियर। चंबल संभाग में मिलावटी खाद्य पदार्थों और नकली खोया बेचने वालों पर STF नकेल कस रही है. खाद्य एवं औषधि विभाग के साथ एसटीएफ ने भिंड, मुरैना के 5 दुकानदारों के खिलाफ पहली FIR दर्ज की है. इनमें धोखाधड़ी की धाराओं और आपराधिक षडयंत्र की धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं. भिंड और मुरैना में खाद्य विभाग की कार्रवाई के बाद ग्वालियर में दुकानदार सचेत हो गए. जब प्रशासन की टीम मावे के नमूने कलेक्ट करने के लिए पहुंची, तो अधिकांश दुकानदार गायब थे.
बता दें कि पिछले 15 दिनों में ग्वालियर-चंबल संभाग में STF और खाद्य विभाग ने संयुक्त रूप से दूध से बने पदार्थ बनाने वालों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की है. इसमें लहार और अंबाह में कई दुकानों से नमूने लिए गए हैं. वहीं खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने राजस्व अमले के साथ मिलकर ग्वालियर के मोर बाजार में नमूने कलेक्ट करने की कार्रवाई की. इसमें 11 दुकानों से एक दर्जन नमूने लिए गए हैं. खास बात यह है कि औषधि प्रशासन विभाग ने जिन दुकानों से पहले नमूने कलेक्ट किए थे, उनके नमूनों में अदर फैट पाया गया था. यह फैट किसका था, इसकी जांच की जा रही है.
बताया जा रहा है कि चंबल संभाग में रिफाइंड ऑयल, डिटर्जेंट्स और दूसरे जानलेवा केमिकल्स की मदद से दूध और उससे बने उत्पाद निर्मित किए जाते हैं. जिसकी सप्लाई देशभर के कई प्रमुख शहरों में होती है. इनमें कानपुर, नागपुर, दुर्ग-भिलाई, टाटानगर और महाराष्ट्र के कई शहर शामिल हैं, लेकिन प्रशासन सिर्फ दिवाली और होली जैसे त्योहारों के आसपास ही कार्रवाई करता है. इससे खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाती, इसलिए अब एसटीएफ ने इसे एक मुहिम के रूप में लिया है और मिलावटखोरों पर धोखाधड़ी और आपराधिक षडयंत्र की धाराओं के तहत कार्रवाई कर रही है.