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गोवंशों का बनेगा आधार कार्ड, अब उनकी भी होगी खास पहचान

ग्वालियर स्थित संभाग की सबसे बड़ी आदर्श गौशाला के गोवंशों का अब आदार कार्ड बनाया जाएगा, ताकि इन्हें आइडेंटिफाई करने, नस्ल सुधारने और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने में आसानी होगी.

गोवंशों का बनेगा आधार कार्ड
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Published : Apr 25, 2019, 1:52 PM IST

ग्वालियर| अभी तक आपने इंसानों के ही आधार कार्ड बनते सुना होगा, लेकिन अब जानवरों के भी आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं. ग्वालियर संभाग की सबसे बड़ी 'आदर्श गौशाला' में अब गोवंशों का भी आधार कार्ड बनाया जाएगा.

दरअसल इस समय गौशाला का आलम ये है कि यहां गोवंश की संख्या क्षमता से अधिक हो गई है. अब आधार कार्ड बनने से गोवंशों को आइडेंटिफाई करने, नस्ल सुधारने और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने में आसानी होगी. जिला प्रशासन की पहल पर गौशाला में मौजूद सभी गोवंश का आधार कार्ड बनाया जाएगा.

गोवंशों का बनेगा आधार कार्ड

गोवंश का आधार कार्ड बनाने के लिए प्रशासन ने नियमावली जारी कर दी है. जिसके अनुसार 3 साल से अधिक उम्र के गोवंश का आधार कार्ड बनाया जाएगा. इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 2 महीने की समय सीमा जारी की है. इसके साथ ही गौशाला के अंदर अब पेयजल के लिए नई पाइप लाइन डालने का काम भी शुरू होने वाला है.

जानकारी के अनुसार ग्वालियर आदर्श गौशाला में 6 हजार से अधिक गौवंश की देखरेख की जा रही है जो कि काफी अधिक हैं. ऐसे में जिला प्रशासन जल्द ही गौशाला के क्षेत्रफल में विस्तार करने जा रहा है. वहीं गौवंश के बनाए जा रहे आधार कार्ड से गायों को होने वाली बीमारियों के आंकड़े को इकट्ठा कर उन्हें दूर करने में भी आसानी होगी.

ग्वालियर| अभी तक आपने इंसानों के ही आधार कार्ड बनते सुना होगा, लेकिन अब जानवरों के भी आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं. ग्वालियर संभाग की सबसे बड़ी 'आदर्श गौशाला' में अब गोवंशों का भी आधार कार्ड बनाया जाएगा.

दरअसल इस समय गौशाला का आलम ये है कि यहां गोवंश की संख्या क्षमता से अधिक हो गई है. अब आधार कार्ड बनने से गोवंशों को आइडेंटिफाई करने, नस्ल सुधारने और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने में आसानी होगी. जिला प्रशासन की पहल पर गौशाला में मौजूद सभी गोवंश का आधार कार्ड बनाया जाएगा.

गोवंशों का बनेगा आधार कार्ड

गोवंश का आधार कार्ड बनाने के लिए प्रशासन ने नियमावली जारी कर दी है. जिसके अनुसार 3 साल से अधिक उम्र के गोवंश का आधार कार्ड बनाया जाएगा. इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 2 महीने की समय सीमा जारी की है. इसके साथ ही गौशाला के अंदर अब पेयजल के लिए नई पाइप लाइन डालने का काम भी शुरू होने वाला है.

जानकारी के अनुसार ग्वालियर आदर्श गौशाला में 6 हजार से अधिक गौवंश की देखरेख की जा रही है जो कि काफी अधिक हैं. ऐसे में जिला प्रशासन जल्द ही गौशाला के क्षेत्रफल में विस्तार करने जा रहा है. वहीं गौवंश के बनाए जा रहे आधार कार्ड से गायों को होने वाली बीमारियों के आंकड़े को इकट्ठा कर उन्हें दूर करने में भी आसानी होगी.

Intro:ग्वालियर- अभी तक इंसान के आधार कार्ड बनाए जा रही थे लेकिन अब जानवरों की भी आधार कार्ड बनने जा रहे हैं।आधार कार्ड से जितना लाभ इंसान को उपलब्ध हुआ है इसी विचारधारा के आधार पर अब ग्वालियर में गोवंश का भी आधार कार्ड बनाया जाएगा। ग्वालियर संभाग की सबसे बड़ी गौशाला जिसे आदर्श गौशाला के नाम से जाना जाता है और इसकी देखने ग्वालियर नगर निगम के द्वारा की जाती है। वर्तमान में यह गोवंश की संख्या क्षमता से अधिक हो चुकी है। ऐसे में यहां गोवंश को आइडेंटीफाई करने ,नस्ल सुधार करने एवं स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने में आसानी हो । इसको लेकर जिला प्रशासन की पहल पर गौशाला में मौजूद सभी गोवंश का आधार कार्ड बनाया जाएगा ।


Body:आधार कार्ड बनाने के लिए प्रसासन ने नियमावली जारी कर दी गई है जिसके आधार अनुसार 3 साल से अधिक उम्र के गोवंश का आधार कार्ड बनाया जाएगा ।इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 2 से ढाई महीने का समय सीमा जारी की गई है। कलेक्टर अनुराग चौधरी द्वारा पशुपालन विभाग के उप संचालक को निर्देश दिए गए हैं कि वह इस काम को अपनी निगरानी में पूर्ण कराएं ।जिससे पूरी प्रक्रिया में कोई समस्या उत्पन्न ना हो ।इसके साथ ही गौशाला के अंदर अब पेयजल के लिए नई पाइप लाइन डालने का काम भी शुरू होने वाला है। साथ ही यहां पर गोवंश की देखरेख करने वाले डॉक्टरों के लिए भी गुजरात में विजिट करने का कार्यक्रम भी तैयार किया जा रहा है। जिससे वह गुजरात की गौशालाओं की व्यवस्था वह गोवंश को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के लिए अपनाई जा रही पद्धति एवं तरीके से रूबरू हो सकें और स्थानीय गोवंश को इसका लाभ मिल सके बता रहे हैं। वर्तमान में ग्वालियर आदर्श गौशाला में 6000 से अधिक गोवंश की देखरेख की जा रही है। जो कि काफी अधिक है ऐसे में जिला प्रशासन अब जल्दी क्षेत्रफल में भी विस्तार करने जा रहा है। वही गोवंश की बनाई जा रही आधार कार्ड से गायों को होने वाली बीमारियों के आंकड़े को इकट्ठा कर उन्हें दूर करने में भी आसानी होगी।


Conclusion:बाईट - अनुराग चौधरी , कलेक्टर
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