ग्वालियर। ग्वालियर में भारतीय शास्त्रीय संगीत के सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव तानसेन समारोह के मुख्य मंच की थीम तय हो गई है. कर्नाटक के बेलूर में स्थित चेन्नकेशव मंदिर की थीम पर इस बार विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह का भव्य और आकर्षक मंच बनाया गया है.(98th tansen festival in Gwalior). इसी मंच पर बैठकर देश और दुनिया के शीर्षस्थ साधक संगीत सम्राट तानसेन को स्वरांजलि अर्पित करेंगे. चेन्नाकेशव मंदिर सम्पूर्ण मंदिर परिसर की असाधारण नक्काशी वास्तुकला और उत्कृष्ट शिल्प कला के लिए जाना जाता है. इस मंदिर को कला सागर भी कहा जाता है. चेन्नकेशव मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है.
तानसेन समारोह का आयोजन: विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह का इस बार विस्तार किया गया है. समारोह के तहत इस बार पूर्वरंग “गमक” की तीन सभाएं होंगीं. “गमक” की पहली सभा 16 दिसंबर को शिवपुरी में आयोजित हुई, वहीं दूसरी सभा 17 दिसंबर को दतिया में और तीसरी सभा 18 दिसंबर को ग्वालियर के इंटक मैदान हजीरा में सजेगी (Gwalior Tansen stage theme on Chennakeshava temple). जिसमें सुविख्यात सूफियाना और गायक हंस राज हंस की प्रस्तुति होगी.
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समारोह में होंगी कुल 10 संगीत सभाएं: मुख्य तानसेन समारोह 19 दिसंबर को ग्वालियर में शुरू होगा. इस दिन सुबह तानसेन समाधि पर शहनाई वादन हरिकथा, मिलाद गायन साथ ही चादरपोशी के साथ समारोह की पारंपरिक शुरूआत होगी. सायंकाल में औपचारिक शुभारंभ और राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण समारोह आयोजित होगा. इस बार के विश्व संगीत समागम तानसेन समारोह में कुल 10 संगीत सभाएं होंगी.