ग्वालियर। इंडियन नेवी के 8 रिटायर्ड ऑफिसर कतर में पिछले दो महीने से नजरबंद हैं (Retired Navy Officer Under House Arrest). इसमें एक ऑफिसर की बहन ग्वालियर में रहती है. उन्होंने अपने भाई की रिहाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और सीएम शिवराज सिंह से मदद मांगी है. ऑफिसर की बहन का कहना है कि उसका भाई पिछले 70 दिनों से नजरबंद है न तो उससे कोई मुलाकात हो रही है और नहीं यह पता लग पा रहा है कि वह कैसा है. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द उनके भाई को रिहा करा दिया जाए.
8 रिटायर्ड नेवी ऑफिसर नजरबंद: ग्वालियर में रहने वाली रिटायर्ड ऑफिसर पूर्णेन्दु तिवारी की बहन डॉक्टर नीतू भार्गव ने सरकार को ट्वीट किया है (Sister Tweets Demand Brother Security). ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि उनके भाई पूर्णेन्दु तिवारी जो इंडियन आर्मी से रिटायर्ड ऑफिसर हैं. वह अपने साथ ऑफिसर के साथ कतर की कंपनी दहला ग्रोवल टेक्नोलॉजी एंड कंसलटेंसी सर्विसेज के लिए काम करते हैं. उनके भाई पूर्णेन्दु कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. कंपनी की ओर से यह सभी 8 रिटायर्ड इंडियन नेवी ऑफिसर कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और दूसरी जरूरी सेवाएं देने गए हुए थे. वहां की सरकार ने अचानक 8 रिटायर्ड ऑफिसर को निगरानी में लेकर नजर बंद कर दिया है. मीतू भार्गव ने बताया है कि यह सभी रिटायर्ड भारतीय इंडियन नौसेना के अधिकारी रहे हैं. यह सभी जिस कंपनी में काम कर रहे हैं, वह कंपनी खुद को कतर रक्षा सुरक्षा और अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ स्थानीय व्यापार भागीदारी के रूप में सेवाएं देती है.
भाई की रक्षा के लिए बहन ने लगाई गुहार: डॉ मीतू भार्गव का कहना है कि उसके भाई पूर्णेन्दु तिवारी को साल 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार मिल चुका है. लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि इन भारतीयों को किस कारण हिरासत में लिया गया है. उन पर क्या आरोप है. इस बात की जानकारी के लिए उन्होंने कई बार संपर्क किया है, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है. इसके साथ ही उनको डर है कि यह सभी उनके भाई उम्रदराज हैं, उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर देखने को मिल रहा होगा, इसलिए उन्होंने ट्वीट किया है और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है कि उनके भाई की रक्षा करें.