ग्वालियर। फायर ब्रिगेड विभाग ने सन 1944 में मुम्बई हादसे को याद करते हुए हादसे में शहीद हुए 66 दमकलकर्मियों को श्रद्धांजलि दी. फायर ब्रिगेड की गाड़ी से पानी को फायर कर और आग जलाकर फायर बॉल से आग बुझाकर श्रद्धांजलि दी गई. आज 14 अप्रैल के दिन मुम्बई से 1944 में सेना के जहाज से विस्पोटक सामग्री ले जाई जा रही थी. जहां विस्फोट होने पर 100 फायर ब्रिगेड अधिकारी और कर्मचारी आग पर काबू पाने के लिए पहुचे थे.
ग्वालियर के रूप सिंह स्टेडियम के पास ने बने फायर ब्रिगेड विभाग ने आज बुधवार की दोपहर अग्निशमन स्म़ृति दिवस के अवसर आयोजन किया. आज के दिन मुम्बई बंदरगाह पर शहीद हुए 66 दमकलकर्मियों को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी गई. वहीं दमकल कर्मियों ने फायर ब्रिगेड की गाड़ी से पानी की बौछार कर और आग को जलाकर फायर वॉल से आग को बुझाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. साथ ही इस दौरान विभाग द्वारा लोगों को आग से बचाव के बारे में जागरूक भी किया गया.जिससे आग लगने की स्थिति में लोग खुद के साथ दूसरों को भी सुरक्षित कर सकें.
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- इस दिन हुआ था दर्दनाक हादसा
दअरसल 14 अप्रैल 1944 का एक धधकता शुक्रवार था जब विक्टोरिया डाक बंबई में सेना की विस्फोट सामग्री से भरा पानी का जहाज लपटों के आगोश में समा गया था. आग पर काबू पाने के लिए बंबई फायर सर्विस के एक सैकड़ा अधिकारी व कर्मचारी घटनास्थल पर भेजे गए. अटूट साहस और पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए इन जांबाज अग्निशमन कर्मचारियों ने धधकती ज्वाला पर काबू करने का भरसक प्रयत्न किया. आग पर नियंत्रण तो पा लिया गया, लेकिन इस कोशिश में 66 फायरमैन को अपनी जान की आहूति देनी पड़ी. तभी से दमकल विभाग की तरफ से अग्निशमन दिवस मनाया जाता है.