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सावधान ! वाट्सएप पर कुलपति की फेक आईडी बनाकर कर्मचारी से 50 हजार ठगे, कई लोग ठगी से बचे, ऐसे हुआ खुलासा

फेक आईडी बनाकर सोशल मीडिया पर लोगों को झांसा देकर ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. कभी फोसबुक पर तो कभी वाट्एपएप पर फेक आईडी के माध्यम से ठग संबंधित के परिचितों को चपत लगा रहे हैं. ऐसा ही एक मामला ग्वालियर में आया है. जालसाजों ने एक कुलपति की फेक आईडी से कर्मचारी से 50 हजार रुपये ठग लिए. (fake ID of Vice Chancellor on WhatsApp) ( empolyee cheated by social media)

fake ID of Vice Chancellor on WhatsApp
कुलपति की फेक आईडी बनाकर कर्मचारी से 50 हजार ठगे
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Published : Mar 29, 2022, 12:19 PM IST

ग्वालियर। सोशल मीडिया के माध्यम से अब हाईप्रोफाइल लोगों के नाम से परिचितों को निशाना बनाया जा रहा है. राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के नाम से व्हाट्सएप पर फेक आईडी बनाकर लोगों से ठगी की गई है. ठगों ने कुलपति के नंबर पर लगी फोटो जैसी व्हाट्सएप पर फेक आईडी बनाकर उनके पूर्व कर्मचारी को मैसेज कर तत्काल आर्थिक मदद की मांग की. ऐसा ही एक मैसेज कुलपति के पूर्व निजी सचिव के पास पहुंचा तो उन्होंने तत्काल 50 हजार ई वॉलेट में ट्रांसफर कर दिए.

अधिकारियों और कर्मचारियों को आया मैसेज : इस बात की जानकारी कुलपति को लगी. इसके साथ ही पूर्व निजी सचिव ने भी कुलपति से बातचीत की तो यह ठगी का मामला सामने आया. कर्मचारी ने कुलपति से उसके वाट्सएप पर आए मैसेज के बारे में बताया. कुलपति ने वह मैसेज देखा और कहा कि ऐसा मैसेज उन्होंने नहीं किया. जब और पड़ताल की गई तो पता चला कि किसी जालसाज ने उनकी फोटो वाट्सएप प्रोफाइल पर लगाई है. इसके बाद कर्मचारी को आभास हुआ कि उसके साथ ठगी हो गई है. कुलपति को बताया गया कि कुछ और अधिकारियों के साथ ही कुछ कर्मचारियों के पास भी ऐसे ही मैसेज आए हैं.

कर्मचारी के साथ ऐसे हुई ठगी : कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति एसके राव के व्हाट्सएप पर लगी फोटो को कॉपी कर एक फेक व्हाट्सएप आईडी बनाई और उसके बाद उनके कर्मचारी और अधिकारियों को मैसेज में लिखा कि मैं बाहर आया हूं और मुझे अर्जेंट पैसे की जरूरत है. शाम तक लौटकर ट्रांसफर करता हूं. इस बात को इनके परिचित कर्मचारी और अधिकारी नहीं समझ पाए, जिनमें से निजी सचिव रहे विनोद कुमार ने ई वॉलेट में 50 हजार ट्रांसफर कर दिए.

ये भी पढ़ें : सुल्ली डील एवं बुल्ली बाई ऐप के आरोपी निकलेंगे जेल से बाहर, मिली जमानत

क्राइम ब्रांच थाने में मामला दर्ज कराया : जब निजी सचिव विनोद शर्मा ने दूसरे दिन कुलपति से बातचीत की और कहा कि सर जो आपने पैसे मांगे थे, वह मैंने ट्रांसफर कर दिए. यह सुनकर कुलपति दंग रह गए. कुलपति ने कहा कि उन्होंने पैसे के लिए कोई मैसेज नहीं किया. इसके बाद कर्मचारी को समझ में आया कि वह ठगी का शिकार हो गया है. कुलपति ने तत्काल निजी सचिव रहे विनोद को क्राइम ब्रांच थाने भेजा और मामला दर्ज कराया. इस मामले में क्राइम ब्रांच एएसपी राकेश दंडोतिया ने बताया ठगों ने कुलपति के नाम से फेक आईडी बनाकर 50 हजार ठगे हैं. उनके कई और लोगों को मैसेज भेजकर पैसे की मांग की गई. क्राइम ब्रांच थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच की जा रही है. (fake ID of Vice Chancellor on WhatsApp) ( empolyee cheated by social media)

ग्वालियर। सोशल मीडिया के माध्यम से अब हाईप्रोफाइल लोगों के नाम से परिचितों को निशाना बनाया जा रहा है. राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के नाम से व्हाट्सएप पर फेक आईडी बनाकर लोगों से ठगी की गई है. ठगों ने कुलपति के नंबर पर लगी फोटो जैसी व्हाट्सएप पर फेक आईडी बनाकर उनके पूर्व कर्मचारी को मैसेज कर तत्काल आर्थिक मदद की मांग की. ऐसा ही एक मैसेज कुलपति के पूर्व निजी सचिव के पास पहुंचा तो उन्होंने तत्काल 50 हजार ई वॉलेट में ट्रांसफर कर दिए.

अधिकारियों और कर्मचारियों को आया मैसेज : इस बात की जानकारी कुलपति को लगी. इसके साथ ही पूर्व निजी सचिव ने भी कुलपति से बातचीत की तो यह ठगी का मामला सामने आया. कर्मचारी ने कुलपति से उसके वाट्सएप पर आए मैसेज के बारे में बताया. कुलपति ने वह मैसेज देखा और कहा कि ऐसा मैसेज उन्होंने नहीं किया. जब और पड़ताल की गई तो पता चला कि किसी जालसाज ने उनकी फोटो वाट्सएप प्रोफाइल पर लगाई है. इसके बाद कर्मचारी को आभास हुआ कि उसके साथ ठगी हो गई है. कुलपति को बताया गया कि कुछ और अधिकारियों के साथ ही कुछ कर्मचारियों के पास भी ऐसे ही मैसेज आए हैं.

कर्मचारी के साथ ऐसे हुई ठगी : कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति एसके राव के व्हाट्सएप पर लगी फोटो को कॉपी कर एक फेक व्हाट्सएप आईडी बनाई और उसके बाद उनके कर्मचारी और अधिकारियों को मैसेज में लिखा कि मैं बाहर आया हूं और मुझे अर्जेंट पैसे की जरूरत है. शाम तक लौटकर ट्रांसफर करता हूं. इस बात को इनके परिचित कर्मचारी और अधिकारी नहीं समझ पाए, जिनमें से निजी सचिव रहे विनोद कुमार ने ई वॉलेट में 50 हजार ट्रांसफर कर दिए.

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क्राइम ब्रांच थाने में मामला दर्ज कराया : जब निजी सचिव विनोद शर्मा ने दूसरे दिन कुलपति से बातचीत की और कहा कि सर जो आपने पैसे मांगे थे, वह मैंने ट्रांसफर कर दिए. यह सुनकर कुलपति दंग रह गए. कुलपति ने कहा कि उन्होंने पैसे के लिए कोई मैसेज नहीं किया. इसके बाद कर्मचारी को समझ में आया कि वह ठगी का शिकार हो गया है. कुलपति ने तत्काल निजी सचिव रहे विनोद को क्राइम ब्रांच थाने भेजा और मामला दर्ज कराया. इस मामले में क्राइम ब्रांच एएसपी राकेश दंडोतिया ने बताया ठगों ने कुलपति के नाम से फेक आईडी बनाकर 50 हजार ठगे हैं. उनके कई और लोगों को मैसेज भेजकर पैसे की मांग की गई. क्राइम ब्रांच थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच की जा रही है. (fake ID of Vice Chancellor on WhatsApp) ( empolyee cheated by social media)

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