ग्वालियर। गणतंत्र दिवस के मौके पर ग्वालियर के केंद्रीय कारागार में आजीवन कारावास की सजा पाए 29 कैदियों को रिहा किया गया, इनमें से अधिकांश कैदियों में 14 से 18 साल तक जेल में सजा काट चुके हैं. लेकिन राष्ट्रीय पर्व के मौके पर अच्छे चाल चलन की वजह से इन्हें रिहा किया गया.
दरअसल ग्वालियर सेंट्रल जेल में तीन हजार से ज्यादा बंदी हैं इनमें सजायाफ्ता कैदियों की संख्या ज्यादा है, हत्या के विभिन्न मामलों में अदालत से दोषी ठहराए गए इन लोगों को आजीवन कारावास की सजा दी गई थी, इनमें ग्वालियर चंबल संभाग के विभिन्न जिलों के अधिकांश रिहा हुए कैदी हैं.
गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर पहले 30 कैदियों को रिहा किए जाने का फैसला किया गया था, लेकिन पिछले दिनों हाईकोर्ट द्वारा जेल में निरुद्ध मुरैना के एक कैदी बलवीर सिंह यादव को दोषमुक्त करार दिया गया था, वह अपनी रिहाई के कुछ दिन पहले ही अदालत से दोषमुक्त किया गया. बलवीर सिंह यादव 2009 से सेंट्रल जेल में बंद था, उसे 11 दिन पहले ही न्यायालय से रिहा किया गया है.
मंगलवार को रिहा किए गए कैदियों में एक बुजुर्ग महिला भी शामिल है, वह 14 साल की जेल काट चुकी है, एक महिला की हत्या के आरोप में वृद्धा को सजा सुनाई गई थी, जेल प्रशासन ने रिहा हुए कैदियों को उनके द्वारा जेल में किए गए कार्य के बदले मिले पारश्रमिक की राशि भी सौंपी गई, कुछ लोगों ने जेल में आकर हुनर भी सीखा था, जेल प्रशासन को उम्मीद है कि अब इस हुनर के जरिए अपने आगे का जीवन यापन कर सकेंगे, जेल में बंद इन कैदियों को उनके अच्छे चाल चलन और समाज में अपना योगदान करने की इच्छा के अनुरूप रिहा करने का सरकार ने रिहा करने का फैसला किया था.