ग्वालियर। पूर्व मंत्री और कट्टर हिंदूवादी नेता Jaibhan Singh Pawaiya के धुर विरोधी माने जाने वाले राज्यसभा सांसद Jyotiraditya Scindia आज जयभान सिंह के घर पहुंचे. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने घर पहुंच कर जयभान सिंह पवैया के पिता के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की. उसके बाद जयभान सिंह पवैया और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बंद कमरे में मुलाकात की. ऐसा पहली बार हुआ है जब सिंधिया परिवार के धुर विरोधी माने जाने वाले जयभान सिंह पवैया और ज्योतिरादित्य सिंधिया इतनी नजदीकी से एक दूसरे से मिले हैं.
- जयभान सिंह के पिता के निधन पर उनके घर संवेदनाएं देने पहुंचे सिंधिया
दरअसल हाल में ही पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया के पिता का निधन हो गया. उसके बाद शुक्रवार को सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया उनके घर पहुंचे. जहां उन्होंने शोक संवेदना व्यक्त की. उसके बाद जब जयभान सिंह पवैया और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने कमरे में बैठकर लगभग आधा घंटे तक चर्चा की. ग्वालियर चंबल के इतिहास में यह मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि राजनीतिक क्षेत्र में ग्वालियर चंबल अंचल के सबसे बड़े यह दोनों दुश्मन एक दूसरे के पास बैठे नजर आए.
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- सिंधिया परिवार के विरोधी रहे है जयभान सिंह पवैया
कट्टर हिंदूवादी नेता जयभान सिंह पवैया और सिंधिया परिवार के बीच लड़ाई पिछले 23 साल से चली आ रही है. सन् 1998 में जयभान सिंह पवैया ने कांग्रेस नेता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के खिलाफ ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. इस मुकाबले में माधवराव सिंधिया महज 28 हजार वोट से चुनाव जीते थे. मामूली जीत के बाद नाराज होकर माधवराव सिंधिया ने ग्वालियर लोकसभा सीट से कभी चुनाव नहीं लड़ा. उसके बाद वह गुना चले गए.
- जयभान सिंह और ज्योतिरादित्य के बीच भी हो चुका मुकाबला
2014 में गुना लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ जयभान सिंह पवैया ने भाजपा से चुनाव लड़ा था. और यहां भी कांटे का मुकाबला देखने को मिला था. इस चुनाव में चार लाख से अधिक वोटों से जीतने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया महज एक लाख वोटों से जीते थे. जयभान सिंह पवैया हमेशा सिंधिया परिवार को गद्दार कहते नजर आते रहे हैं. भरे मंच से वह सिंधिया परिवार को गद्दार शब्द से पुकारते हैं. यही वजह है कि आज तक इन दोनों परिवारों में किसी भी सदस्य का इतनी नजदीकी से आमना सामना नहीं हुआ है.
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- तोमर के विरोधी रवैया को अपने खेमे में लेना चाहते हैं सिंधिया
कट्टर हिंदूवादी नेता जयभान सिंह पवैया Union Minister Narendra Singh तोमर के राजनीतिक विरोधी माने जाते हैं. राजनीतिक जानकारों के द्वारा कहा जाता है कि केंद्रीय नरेंद्र सिंह तोमर हमेशा पवैया के विरोध में रहते हैं. इसलिए सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया जयभान सिंह पवैया को अपना बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इतनी आसानी से कट्टर हिंदूवादी नेता जयभान सिंह पवैया 23 साल की दुश्मनी को नहीं भुला सकते. यही वजह है कि भले ही सिंधिया बीजेपी में आ गए हो, लेकिन उनका सिंधिया के खिलाफ विरोधी स्वर कम नहीं हुआ.
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- मुलाकात को लेकर सिंधिया और पवैया ने क्या कहा
ज्यातिरादित्य सिंधिया ने कहा कि 'पवैया जी सबंधं और नया रिश्ता कायम करने की कोशिश की है. अतीत-अतीत होता है, वर्तमान-वर्तमान होता है. हम दोनों भविष्य में आगे काम करेंगे. पवैया जी का बड़ा राजनैतिक अनुभव है. मेरा सौभाग्य है, मुझे उसका लाभ मिलेगा. ग्वालियर के विकास के लिए काम करेगें.' वही जयभान सिंह पवैया ने कहा कि 'मेरे पिताजी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने आए थे. इसलिए इसके राजनैतिक मायने नहीं निकलाना चाहिए, एक कार्यकर्ता के दुख बांटने से ज्यादा कुछ नहीं है. मेरी सिंधिया जी से मुलाकत पारिवरिक रही है.'