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श्योपुर: कृषि उपज मंडी में करोड़ों का घोटाला, 10 साल बाद आई रिपोर्ट, 5 आरोपियों के खिलाफ FIR

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Published : Dec 10, 2020, 9:54 PM IST

श्योपुर कृषि उपज मंडी में 2010 में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ था, जिसकी जांच 10 साल बाद पूरी हुई, इस घोटाले में शामिल 5 आरोपियों के खिलाफ EOW ने मामला दर्ज किया है. जबकि दो आरोपियों की मौत भी हो चुकी है, फिलहाल पूरे मामले में कार्रवाई जारी है.

10 year old scam revealed in Sheopur Krishi Upaj Mandi
10 साल बाद करोड़ों के घोटाले का खुलासा

ग्वालियर। शासकीय विभागों में भ्रष्टाचार और रसूखदार अधिकारियों की मिली भगत के चलते एक भ्रष्टाचार के मामले को दर्ज होने में दस साल लग गए, आपको बता दें कि श्योपुर उपज मंडी में दो करोड़ साठ लाख की अनियमितता की शिकायत दस वर्ष पूर्व की गई थी, जिसके दस साल बाद ईओडब्ल्यू ने पांच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, यहां देखने वाली बात ये भी है कि पांच आरोपियों में से दो आरोपियों कीमत हो चुकी है.

  • 10 साल बाद घोटाले का खुलासा

मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कृषि उपज मंडी समिति द्वारा नवीन मंडी प्रांगण जैद में भारत सरकार की कृषि विपगण योजनांतर्गत सात निर्माण कार्यों की स्वीकृति दी गई थी, जिसकी निविदाओं में हेरा फेरी कर, ठेकेदार को 2 करोड़ 60 लाख रुपयों का भुगतान कर आर्थिक अनियमितता की गई थी, जिसकी शिकायत शिव राम शर्मा ने साल 2010 में की थी, जिसकी जांच 10 साल बाद पूरी हुई, जांच में खुलासा हुआ कि 5 आरोपियों के द्वारा कृषि उपज मंडी में घोटाला किया गया है, जिस पर आरोपी अशोक कुमार शर्मा तत्कालीन मुख्य अभियंता मध्यप्रदेश राज्य कृषि बोर्ड भोपाल, दिनेश गौड़ तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, अनुरोध सिंह तोमर तत्कालीन सचिव, मनवीर सिंह चौहान ठेकेदार, नारायण सिंह चौहान ठेकेदार एवं अन्य के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है, वहीं इस मामले में दो आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी है, जिसमें कार्यपालन यंत्री दिनेश गौड़ और ठेकेदार मानवीर सिंह चौहान की मौत हुई है, फिलहाल अन्य आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है.

  • कृषि उपज मंडी में 5 करोड़ का घोटाला

आपको बता दें कि ईटीवी भारत ने जब ईओडब्ल्यू पुलिस अधीक्षक से फोन पर इस घोटाले के संबंध में बात की, तो उनका कहना था कि यह शिकायत साल 2010 में आवेदक शिवराम शर्मा द्वारा की गई थी, जिसके बाद जांच करने पर यह पाया गया कि कृषि उपज मंडी में 5 लोगों द्वारा करोड़ों का घोटाला किया गया, इसके बाद ईओडब्ल्यू ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.

  • आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज

अधीक्षक ने बताया कि इन सभी लोगों से घोटाले में संबंधित दस्तावेज लेकर पूछताछ की जाएगी, और इस दौरान जिन आरोपियों की मौत हो चुकी है, उनके परिजनों से उनके मृत्यु होने के दस्तावेज भी लिए जाएंगे, लेकिन मामला घोटाले से जुड़ा हुआ है, इसीलिए मृत्यु होने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ भी FIR दर्ज की जाएगी, बाकी बचे आरोपियों से पूछताछ करने के बाद घोटाले की मामले की चार्ट शीट बनाकर कोर्ट में पेश किया जाएगा.

ग्वालियर। शासकीय विभागों में भ्रष्टाचार और रसूखदार अधिकारियों की मिली भगत के चलते एक भ्रष्टाचार के मामले को दर्ज होने में दस साल लग गए, आपको बता दें कि श्योपुर उपज मंडी में दो करोड़ साठ लाख की अनियमितता की शिकायत दस वर्ष पूर्व की गई थी, जिसके दस साल बाद ईओडब्ल्यू ने पांच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, यहां देखने वाली बात ये भी है कि पांच आरोपियों में से दो आरोपियों कीमत हो चुकी है.

  • 10 साल बाद घोटाले का खुलासा

मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कृषि उपज मंडी समिति द्वारा नवीन मंडी प्रांगण जैद में भारत सरकार की कृषि विपगण योजनांतर्गत सात निर्माण कार्यों की स्वीकृति दी गई थी, जिसकी निविदाओं में हेरा फेरी कर, ठेकेदार को 2 करोड़ 60 लाख रुपयों का भुगतान कर आर्थिक अनियमितता की गई थी, जिसकी शिकायत शिव राम शर्मा ने साल 2010 में की थी, जिसकी जांच 10 साल बाद पूरी हुई, जांच में खुलासा हुआ कि 5 आरोपियों के द्वारा कृषि उपज मंडी में घोटाला किया गया है, जिस पर आरोपी अशोक कुमार शर्मा तत्कालीन मुख्य अभियंता मध्यप्रदेश राज्य कृषि बोर्ड भोपाल, दिनेश गौड़ तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, अनुरोध सिंह तोमर तत्कालीन सचिव, मनवीर सिंह चौहान ठेकेदार, नारायण सिंह चौहान ठेकेदार एवं अन्य के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है, वहीं इस मामले में दो आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी है, जिसमें कार्यपालन यंत्री दिनेश गौड़ और ठेकेदार मानवीर सिंह चौहान की मौत हुई है, फिलहाल अन्य आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है.

  • कृषि उपज मंडी में 5 करोड़ का घोटाला

आपको बता दें कि ईटीवी भारत ने जब ईओडब्ल्यू पुलिस अधीक्षक से फोन पर इस घोटाले के संबंध में बात की, तो उनका कहना था कि यह शिकायत साल 2010 में आवेदक शिवराम शर्मा द्वारा की गई थी, जिसके बाद जांच करने पर यह पाया गया कि कृषि उपज मंडी में 5 लोगों द्वारा करोड़ों का घोटाला किया गया, इसके बाद ईओडब्ल्यू ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.

  • आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज

अधीक्षक ने बताया कि इन सभी लोगों से घोटाले में संबंधित दस्तावेज लेकर पूछताछ की जाएगी, और इस दौरान जिन आरोपियों की मौत हो चुकी है, उनके परिजनों से उनके मृत्यु होने के दस्तावेज भी लिए जाएंगे, लेकिन मामला घोटाले से जुड़ा हुआ है, इसीलिए मृत्यु होने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ भी FIR दर्ज की जाएगी, बाकी बचे आरोपियों से पूछताछ करने के बाद घोटाले की मामले की चार्ट शीट बनाकर कोर्ट में पेश किया जाएगा.

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