गुना। पुलिस महकमे की नींद उड़ा देने वाले आरक्षक नीरज जोशी उर्फ टोनी ने शनिवार सुबह बजरंगगढ़ थाने में आत्मसमर्पण कर दिया है. इसी के साथ गुना पुलिस कप्तान सहित तमाम अधिकारियों ने राहत की सांस भी ली. अनुशासनहीनता और विभागीय शस्त्र लेकर भागने के मामले में टोनी के खिलाफ कैंट थाने में अमानत में ख्यानत का मामला भी दर्ज किया गया है.
अस्पताल में किया गया भर्ती
बागी हुए आरोपी आरक्षक नीरज जोशी उर्फ टोनी को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती करा दिया है. कल सुबह उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा. सुरक्षा के मद्देनजर अस्पताल में गार्डों की भी तैनाती की गई है.
वीडियों हुआ था वायरल
मामले की शुरुआत 6 फरवरी को हुई, जब आरक्षक क्रमांक 41 नीरज जोशी उर्फ टोनी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर देखा गया, जिसमें टोनी कहता हुआ नजर आया कि उसने विभाग के ही कुछ अधिकारियों से परेशान होकर 'बागी बनने का फैसला लिया है. टोनी की यह हरकत जैसे ही पुलिस कप्तान राजेश कुमार सिंह सहित तमाम आला अधिकािरयों के सामने आई तो उसे तलाशने और कार्रवाई का सिलसिला भी शुरु हो गया.
लगभग 12 घंटे तक पुलिस महकमे की नाक में दम करने के बाद टोनी ने अंतत: शहर से बाहर बजरंगगढ़ पुलिस थाने में आत्मसमर्पण कर दिया. जहां से उसे कैंट थाने भेज दिया गया है.
पुलिस की इंसास राइफल लेकर फरार हुए टोनी के खिलाफ उसके ही साथी आरक्षक ने वरिष्ठ अधिकारियों के कहने पर कैंट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. एफआईआर में बताया गया था कि जो राइफल टोनी लेकर भागा है, वह ईवीएम सुरक्षा के लिए मिली थी, लेकिन साथी आरक्षक से राइफल लेकर टोनी बिना बताए चला गया. इसके बाद उसे काफी तलाशा गया, लेकिन वह नहीं मिला.
अंतत: परेशान होकर आरक्षक सीताराम वर्मा ने रक्षित निरीक्षक उपेंद्र यादव को इसकी जानकारी दी. उसके बाद में कैंट थाने में धारा 409 के तहत टोनी के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ. इससे पहले दिनभर शहर में एक ही चर्चा चलती रही कि आखिर टोनी ने यह कदम क्यों उठाया?
आला अधिकारियों पर लगाए है गंभीर आरोपा
टोनी द्वारा जारी किए गए एक वीडियो ने उसने दो उप निरीक्षकों सहित ग्वालियर आईजी के खिलाफ भी सनसनीखेज आरोप जड़े हैं. सूत्र बताते हैं कि इस मामले में भी टोनी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी. इसे अनुशासनहीनता का मामला मानते हुए उसे बर्खास्त करने की कार्रवाई हो सकती है.