गुना। उमरी ग्राम पंचायत में PM आवास योजना की हकीकत सिस्टम के ऊपर बदनुमा दाग है. बमोरी विधानसभा क्षेत्र के उमरी में 40 पीएम आवासों का क्लस्टर बनाकर तैयार किया गया था. शासन की मंशा थी कि क्लस्टर को एक कॉलोनी की तरह विकसित करेंगे, जिसमें हितग्राहियों को सभी तरह की सुविधाएं मिलेंगी. वर्ष 2016-17 में शुरू किया गया प्रोजेक्ट को शासन की लापरवाही का नमूना बनकर रह गया. किसी भी हितग्राही को PM आवास का लाभ नहीं मिल सका, हालांकि आवास के बाहर हितग्राहियों के नाम जरूर अंकित कर दिए गए.
मामला कोर्ट पहुंच गया था : जिस जमीन पर PM आवास का क्लस्टर स्वीकृत किया गया, उसे अशोक प्रजापति नाम के व्यक्ति ने निजी भूमि बताते हुए कब्जे में ले लिया. सरकारी अधिकारियों की लापरवाही के चलते शासन को लाखों रुपये का नुकसान तो हुआ ही. साथ में हितग्राहियों को भी योजना का लाभ नहीं मिल पाया. इस मामले में अशोक प्रजापति ने न्यायालय में अपील की, जिसके खिलाफ शासन ने भी अपना पक्ष रखा. अंत में शासन के पक्ष में फैसला सुनाया गया. कोर्ट से फैसला होने के बावजूद अब PM योजना अधर में अटकी है..
मवेशियों ने डेरा डाला : अब यहां PM आवास में मवेशी रहने लगे हैं. PM आवास भैंसों के तबेला बन गया है. ग्रामीण PM आवास का उपयोग अपने मवेशी बांधने के लिए कर रहे हैं. उमरी ग्राम पंचायत गुना जनपद पंचायत के अंतर्गत आती है. विधानसभा क्षेत्र पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया का है. हितग्राहियों को पक्का मकान उपलब्ध कराने की मंशा पर पानी फिर गया है. Guna PM house, PM housing turned into ruins, Built cost of crores, cattle tying here