गुना। राजस्व से जुड़े कार्यों को सुलभ बनाने के लिए सिरसी को सर्किल बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. सिरसी को सर्किल बनाने के लिए कमिश्नर लैंड रिकॉर्ड्स कार्यालय ग्वालियर को पत्राचार किया गया है. सिरसी सर्किल बनाए जाने से सबसे ज्यादा लाभ उन आदिवासी परिवारों को मिलेगा जो कई किलोमीटर का सफर तय करके गुना पहुंचते थे. सिरसी सर्किल में 93 गांव शामिल किए जाएंगे, जिसमें सिरसी, मारकी महू, उदयपुरी, टांडा, बरोदिया समेत अन्य गांव शामिल हैं.
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है सिरसीः आपको बता दें कि सिरसी क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य है. इसके लिए दूर-दराज के लोगों को सिरसी मुख्यालय पहुंचने में काफी परेशानी उठानी पड़ती थी, लेकिन सिरसी सर्किल का गठन होने से यहां के लोगों की परेशानी दूर हो जाएगी. सिरसी बमोरी विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है, जिसका राजनीतिक लाभ भी नेताओं को मिलेगा. सिरसी सर्किल बनाए जाने से उमरी सर्किल खत्म कर दिया जाएगा. पूर्व में उमरी सर्किल में 104 गांव थे. अब उमरी क्षेत्र पूरी तरह से म्याना सर्किल में मिल जाएगा. हालांकि, उमरी के कुछ गांव गुना में जुड़ने से अब गुना सर्किल में 95 गांव हो जाएंगे. वहीं, नया सर्किल बनाने के लिए राजस्व निरीक्षक एवं तहसीलदारों ने मिलकर खाका तैयार किया है.
सिरसी सर्किल के गठन के लिए भेजा पत्रः सिरसी सर्किल के गठन के लिए कलेक्टर की ओर से 11 अप्रैल को कमिश्नर लैंड रिकॉर्ड्स कार्यालय ग्वालियर को पत्र भेजा गया है. सिरसी क्षेत्र के 75 गांव का जिल्द बंदोबस्त भी करने का प्रस्ताव भेजा गया है.
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सिरसी क्षेत्र में रहते हैं 80 हजार से ज्यादा आदिवासीः सिरसी क्षेत्र में 80 हजार से ज्यादा आदिवासी निवास करते हैं. आदिवासियों को राजस्व विभाग से जुड़े कार्यों का लाभ लेने के लिए कई किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती थी, लेकिन अब सिरसी को सर्किल बनाने की कवायद शुरू हो गई है. जल्द ही इसका लाभ सिरसी क्षेत्र के लोगों को मिलेगा.