गुना। दिव्यांग स्वाभिमान पदयात्रा में शामिल निशक्तजनों ने अब तक 30 किमी का सफर तय कर लिया है. 16 सूत्रीय मांगों को लेकर सड़क पर पदयात्रा कर रहे दिव्यांगों के हाथों में छाले पड़ गए हैं. जमीन पर घिसटने से पैरों में से खून बह रहा है. शारीरिक पीड़ा होने के बावजूद दिव्यांगों का हौंसला नहीं टूट रहा. कड़ी धूप में सड़क पर घिसटते दिव्यांगों को पुलिस द्वारा सुरक्षा दी जा रही है. एम्बुलेंस से लेकर अन्य व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं लेकिन मांगों का निराकरण नहीं किया जा रहा.
नहीं टूटा हौंसला: पदयात्रा दौराना से 28 फरवरी को शुरू हुई थी जो अब तक जारी है. दिव्यांग पदयात्रा में शामिल एक पति अपनी दिव्यांग पत्नी गुड्डीबाई को हक दिलाने के लिए मोटरसाइकिल पर बैठाकर यात्रा कर रहा है. कुछ ऐसे भी दिव्यांग हैं जो चलते चलते बेहोश हो गए लेकिन होश में आने के बाद दोबारा पदयात्रा में शामिल हुए. कालूराम सेन नाम के दिव्यांग सड़क हादसे में बुरी तरह जख्मी हैं. इनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है. बीते रोज यात्री बस में सवार दिव्यांगों को बस चालक ने बीच रास्ते में उतार दिया तो दिव्यांग भड़क गए और उन्होंने चक्काजाम भी कर दिया.
दिव्यांगों ने सीएम को ठुकराया: दिव्यांग स्वाभिमान पदयात्रा का नेतृत्व कर रहे सुनील पंत बताते हैं कि, उनकी सुध लेने के लिए कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा. सभी दिव्यांग अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. किसी से भीख नहीं मांग रहे. हम केवल वोट बैंक नहीं हैं. 600 रुपये मासिक पेंशन में घर कैसे चलाएं. सरकार को दिव्यांगों के लिए रोजगारोन्मुखी पॉलिसी तैयार करनी चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी गुना पहुंचकर दिव्यांगों से मुलाकात करने वाले हैं. दिव्यांगों से बातचीत के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी न्यौता दिया था लेकिन दिव्यांगों ने ठुकरा दिया.