ग्वालियर। मध्य प्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के पत्र अनुसार, आम नागरिकों को उचित मूल्य पर उच्चतम क्वालिटी के खाद्य पदार्थो की उपलब्धता एवं बड़े मिलावटखोरों के विरूद्ध प्रभावी कार्रवाई ''खाद्य पदार्थो में मिलावट से मुक्ति अभियान'' 9 नवंबर से आगामी एक माह के लिए चलाया जा रहा है. इस अभियान में कार्रवाई के लिए गुना कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा अनुविभाग क्षेत्र के तहत टीम का गठन किया गया है.
उन्होंने अनुविभाग गुना की तहसील बमोरी के लिए गठित टीम में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अंकिता जैन, नगर पुलिस अधीक्षक गुना नेहा पच्चीसिया, अनुविभागीय अधिकारी प्रियंका कचराम की तैनाती की गयी है. इसके साथ ही टीम द्वारा खाद्य प्रतिष्ठानों के निरीक्षण में अधिनियम के नियम एवं शर्तो में कमी पायी जाने पर धारा 32 के तहत प्रतिष्ठान को सुधार सूचना-पत्र मौके पर ही जारी किया जाना सुनिश्चित किया जाए. यह विशेष रूप से ध्यान रखा जाये कि इस अभियान में छोटे कारोबारियों, विक्रेताओं, ठेलेवालों इत्यादि को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाये.
गुना कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा कि ऐसे जिनमें मिलावटखोरी के साथ-साथ भारतीय दण्ड संहिता की अन्य धाराओं के अंतर्गत संज्ञेय अपराध कारित किया जाना पाया जाता है. ऐसे मामलों में संबंधित के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर आगामी कार्रवाई की जाना सुनिश्चित की जाये. यह विशेष रूप से ध्यान रखा जाये कि दाण्डिक कार्रवाई के सभी प्रकरण सुदृढ़ आधार पर ही तैयार किये जाएं एवं लोकहित में न्यायालय के समक्ष मजबूती से प्रस्तुत किये जाएं.
अमानक पाये गये नमूनों के प्रकरणों में न्याय निर्णयन अधिकारी न्यायालयों में निराकरण शीघ्र हो सके. इसके लिए समुचित प्रयास किये जाएं. पूर्व में अधिरोपित शास्तियों की वसूली हेतु अभियान चलाया जाये तथा बड़े मिलावटखारों के विरुद्ध लंबित वसूली में आरआरसी जारी कर कुर्की की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. नमूने के असुरक्षित पाये जाने पर अभिहित अधिकारी के माध्यम से प्रकरण मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी न्यायालय में समय पर दायर किया जाना सुनिश्चित किया जाए.