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कल्ली की मौत के गम में डूबे लोग, अंतिम संस्कार के बाद मृत्युभोज का आयोजन - Gandhinagar area

आरोन में लोगों ने पशुप्रेम की नई इबारत लिख डाली है. जहां एक मादा श्वान कल्ली की मौत के बाद विधि-विधान से उसका अंतिम संस्कार किया गया. साथ ही मृत्युभोज भी कराया गया.

death banquet organized in guna
कल्ली की मौत के गम में डूबे लोग
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Published : Jan 10, 2020, 12:12 AM IST

गुना। आरोन कस्बे के गांधीनगर इलाके में एक मादा श्वान का मृत्युभोज कराकर लोगों ने पशु प्रेम की नई इबारत लिख डाली है. मादा श्वान को पूरा मोहल्ला कल्ली कहकर बुलाता था और वह पूरे मोहल्ले की चहेती भी थी. पिछले दिनों सड़क हादसे में जब उसकी मौत हुई, तो न केवल उसका पूरे विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार किया गया, बल्कि 13 दिन बाद यानि कि आज उसकी आत्मा की शांति के लिए मृत्युभोज भी कराया गया.

Condolence letter after Kalli death
कल्ली की मौत के बाद शोक पत्र

खास बात ये रही कि इस भोज के लिए लोगों ने आरोन के सभी श्वानों को एकत्रित किया था, जिन्हें इमरती और जलेबी खिलाई गई. इतना ही नहीं कल्ली को जल्द पुर्नजन्म मिले, इसके लिए बकायदा हवन कराकर कन्याओं को भोजन भी कराया गया.

कल्ली की मौत के गम में डूबे लोग

किसी श्वान की मृत्यु के बाद इस तरह के आयोजन को लेकर लोगों का कहना था कि कल्ली गांधीनगर इलाके की सबसे सजग पहरेदार थी और जब तक वह यहां गलियों में घूमती थी, तब तक उनके इलाके में कोई चोरी की वारदात नहीं हुई. इसी वजह से वह पूरे मोहल्ले की चहेती बन गई. उसकी मौत के बाद लोगों ने इस तरह के मृत्यु भोज के कार्यक्रम को संपन्न कराया.

गुना। आरोन कस्बे के गांधीनगर इलाके में एक मादा श्वान का मृत्युभोज कराकर लोगों ने पशु प्रेम की नई इबारत लिख डाली है. मादा श्वान को पूरा मोहल्ला कल्ली कहकर बुलाता था और वह पूरे मोहल्ले की चहेती भी थी. पिछले दिनों सड़क हादसे में जब उसकी मौत हुई, तो न केवल उसका पूरे विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार किया गया, बल्कि 13 दिन बाद यानि कि आज उसकी आत्मा की शांति के लिए मृत्युभोज भी कराया गया.

Condolence letter after Kalli death
कल्ली की मौत के बाद शोक पत्र

खास बात ये रही कि इस भोज के लिए लोगों ने आरोन के सभी श्वानों को एकत्रित किया था, जिन्हें इमरती और जलेबी खिलाई गई. इतना ही नहीं कल्ली को जल्द पुर्नजन्म मिले, इसके लिए बकायदा हवन कराकर कन्याओं को भोजन भी कराया गया.

कल्ली की मौत के गम में डूबे लोग

किसी श्वान की मृत्यु के बाद इस तरह के आयोजन को लेकर लोगों का कहना था कि कल्ली गांधीनगर इलाके की सबसे सजग पहरेदार थी और जब तक वह यहां गलियों में घूमती थी, तब तक उनके इलाके में कोई चोरी की वारदात नहीं हुई. इसी वजह से वह पूरे मोहल्ले की चहेती बन गई. उसकी मौत के बाद लोगों ने इस तरह के मृत्यु भोज के कार्यक्रम को संपन्न कराया.

Intro:गुना जिले के आरोन कस्बे के गांधीनगर इलाके में एक मादा श्वान का म्रत्यु भोज कराकर लोगों ने पशु प्रेम की नई इबारत लिख डाली है। आपको बता दें कि मादा श्वान को पूरा मोहल्ला कल्ली कहकर बुलाता था और वह पूरे मोहल्ले की चहेती भी थी। पिछले दिनों सडक हादसे में जब उसकी मौत हुई, तो न केवल उसका पूरे विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार किया गया, बल्कि 13 दिन बाद यानि कि आज उसकी आत्मा की शांति के लिए म्रत्युभोज भी कराया गया। खास बात यह रही कि इस भोज के लिए लोगों ने आरोन के सभी श्वानों को एकत्रित किया था, जिन्हें इमरती और जलेबी खिलाई गर्इं। इतना ही नहीं कल्ली को जल्द पुर्नजन्म मिले, इसके लिए बकायदा हवन कराकर कन्याओं को भोजन भी कराया गया।





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गुना जिले के आरोन के शिव मंदिर में चल रहे इस हवन को देखकर आप सोच रहे होंगे, कि यहां कोई धार्मिक अनुष्ठान चल रहा है। लेकिन हम आपको बता दें, कि यह लोग एक मादा श्वान की आत्मा की शांति के लिए हवन में आहूतियां दे रहे हैं। वैदिक रिवाजों से हवन के बाद एक म्रत्यु भोज का आयोजन भी किया गया, जिसमें पूरे कस्बे के श्वानों को इमरती और जलेबी खिलाई गर्इं। किसी श्वान की म्रत्यु के बाद इस तरह के आयोजन को लेकर लोगों का कहना था, कि कल्ली गांधीनगर इलाके की सबसे सजग पहरेदार थी और जब तक वह यहां गलियों में घूमती थी, तब तक उनके इलाके में कोई चोरी की वारदात नहीं हुई थी। यही कारण था, कि वह पूरे मोहल्ले की चहेती बन गई और उसकी मौत के बाद लोगों ने इस तरह के म्रत्यु भोज के कार्यक्रम को संपन्न कराया।Conclusion:बाइट धर्मेंद्र भार्गव वार्ड वासी गांधीनगर आरोन.
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