गुना। गुना में एक महिला के कंधे पर उसके देवर को बैठकर घुमाने के मामले में अब कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने प्रतिक्रिया दी है. चांचौड़ा से विधायक लक्ष्मण सिंह ने गुना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए, पूरे मामले को अतिसंवेदनशील करार दिया है. इस दौरान लक्ष्मण सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया पर हमलावर दिखाई दिए. लक्ष्मण सिंह ने कहा कि जिस मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में इस तरह की वारदात होती है, उसके पास वहां जाकर पीड़ित से मिलने का समय नहीं था. जबकि वह गुना जिला मुख्यालय पर क्रिकेट टूर्नामेंट कराते हैं और उसमें चीयर लीडर्स के साथ डांस भी करते हैं, यह शर्मनाक है. कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह यहीं नहीं रुके, उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री खुद चाटुकारिता, चापलूसी और भ्रष्टाचार में अपनी पहचान बना चुके हैं. लक्ष्मण सिंह ने, सिसौदिया को निर्लज्ज और निर्दयी बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भूल होगी अगर सिसौदिया एक भी दिन मंत्री रहते हैं तो.
MP में नहीं थम रहा महिलाओं पर अत्याचार, पढ़िए गुना की ये खब
इस मामले में लक्ष्मण सिंह ने गुना जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली को भी जिम्मेवार ठहराते है. उन्होंने इसके साथ ही गुना कलेक्टर को भी हटाने की मांग की है. लक्ष्मण सिंह ने कहा कि इस मामले को कांग्रेस पार्टी महिला आयोग लेकर जाएगी. वह खुद प्रकरण में संज्ञान लेंगे. कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाया कि जैसे ही उनके पीड़ितों के पास जाने की प्रशासन को सूचना मिली तो पुलिस द्वारा महिला को वहां से गायब करवा दिया गया.
शिवराज पर छोड़े तीर
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर लक्ष्मण सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी कठघरे में खड़ा किया है. लक्ष्मण सिंह ने कहा कि जिस समय यह घटना हुई है. उस दौरान प्रदेश के मुखिया बुधनी में क्रिकेट मैच खेल रहे थे. न उन्हें पीड़ितों से मिलने का समय था और न ही किसी मंत्री को मौके पर भेजने का. महिला सुरक्षा को लेकर विधायक ने भाजपा और आरएसएस को घेरते हुए कहा कि दोनों की ही कथनी और करनी में अंतर है.
भ्रष्टाचारी और निजीकरण को बढ़ावा दे रही है शिवराज सरकार: लक्ष्मण सिंह
यह दोनों ही महिलाओं को दुर्गा का अवतार बताते हैं और देखिए प्रदेश में महिलाओं की क्या दुर्दशा है. गरीबों पर अत्याचार हो रहे हैं. इसका प्र्रमाण पत्र देते हुए लक्ष्मण सिंह ने राघौगढ़ क्षेत्र के एक मामले का जिक्र किया. जिसमें कुछ मजदूरों के हाथ जला दिए गए थे और उन्हें प्रताड़ित किया था. लक्ष्मण सिंह ने कहा कि वह उन मजदूरों से भी मिलेंगे, जिनपर अत्याचार किए गए. प्रदेश सरकार को भ्रष्टाचारी और निजीकरण को बढ़ावा देने वाली बताते हुए कहा कि उन्हें हाल ही में पता चला कि गुना का बस स्टैंड एक व्यक्ति ने 68 करोड़ रुपए में खरीदा है. अचानक इतनी राशि कहां से आ गई, यह जांच का विषय है. लक्ष्मण सिंह ने कहा कि आगे प्रदेश की मंडियां बिकने वाली हैं. निजीकरण का सिलसिला यहीं खत्म नहीं होने वाला है.