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डायबिटीज पेशेंट आज ही घर ले आएं इंसुलिन का पौधा, पत्तियां खाते ही ब्लड शुगर का बज जाएगा बाजा

इंसुलिन का पौधा डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत कारगर है. अगर आप भी मधुमेह से पीड़ित हैं तो ये खबर आपके लिए है. आइये जानते हैं आयुर्वेद विशेषज्ञ और वैद अनिल भारद्वाज से कि आखिर क्या है ये इंसुलिन का पौधा और डायबिटीज में कितना फायदेमंद है इसका सेवन.

insulin plant ke fayde
डायबिटीज में मददगार इंसुलिन का पौधा
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 8, 2024, 1:13 PM IST

Updated : Jan 8, 2024, 5:01 PM IST

Insulin Plant ke Fayde: आजकल की भागदौड़ी भरी जिदगी में अक्सर लोग अपने खानपान का खयाल नहीं रख पाते हैं. नतीजा कई तरह की बीमारियों शरीर को घेर लेती हैं. वहीं कुछ बीमारियों जेनेटिक होती हैं और दोनों ही सूरतों में नतीजा अस्पताल और दवाओं का लंबा चौड़ा बिल होता है. ऐसी ही बीमारी है डायबिटीज. जो एक बार हो जाये तो इससे पीछा छुड़ाना आसान नहीं होता. लेकिन बाजार में उपलब्ध दवाओं के अलावा प्रकृति ने भी तमाम ऐसी चीजें हमें उपहार में दी हैं जिनके उपयोग से कई बीमारियों की तरह ही डायबिटीजभी ठीक हो सकती है. प्रकृति का ऐसा ही उपहार है इंसुलिन का पौधा.

ब्लड शुगर को बैलेंस करता है इंसुलिन का पौधा: जी हां इंसुलिन जिसका नाम सुनकर डायबटीज की बीमारी में ब्लड शुगर लेवल कम करने के लिए लगने वाले इंजेक्शन की याद आती है. उसके उलट प्राकृतिक इंसुलिन का पौधा भी होता है. यह भी ठीक इंजेक्शन के समान अपना काम करता है लेकिन प्राकृतिक रूप से. आयुर्वेद में इन्सुलिन के पौधे के रूप में पहचाने जाने वाले इस पौधे को उसके बोटैनिकल नाम कॉस्टस इग्नेस (Costus Igneus) के नाम से जाना जाता है. जो मधुमेह रोग में अपने औधीय गुणों के चलते बहुत फायदेमंद साबित होता है.

पौधे में हैं कई मेडिसिनल गुण: आम तौर पर इंसुलिन का पौधा जंगलों में पाया जाता है, लेकिन आजकल इसे बाजार में बनी नर्सरी से भी खरीदा जा सकता है. आयुर्वेद विशेषज्ञ और वैद अनिल भारद्वाज के मुताबिक, इस पौधे में कॉर्सोलिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है. जब इसे लिया जाता है, तो कॉर्सोलिक एसिड पैनक्रियाज से इंसुलिन सीक्रेशन को बढ़ावा देने लगते हैं, इससे शुगर ग्लाइकोजेन में कन्वर्ट होने लगता है.

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खून से ग्लूकोज एब्जॉर्बशन को घटाता है: साथ ही इस पौधे में पानी की मात्रा अधिक होती है, वाटर सॉल्यूबल कंटेंट होने के कारण यह शरीर में खून से ग्लूकोज एब्जॉर्बशन को घटा देता है. इस तरह से यह इन्सुलिन इंजेक्शन की तरह ही शुगर लेवल को मैनेज कर लेता है. इसके साथ साथ इस मेडिसिनल प्लांट में प्रोटीन, स्टीरॉयड सेपोनिन्स, टेनिन्स, पाए जाते हैं. इनके साथ साथ इसमें फाइटोकेमिकिल्स जैसे कि टर्पेनॉयड्स, फ्लेवनॉयड्स, एस्कॉर्बिक एसिड, अल्केलॉयड्स एंटीऑक्सीडेंट, आयरन, बी कैरोटीन न्यूट्रीएंट्स भी हाइट हैं. ये सभी गुण इसकी पत्तियों में मौजूद होते हैं.

ऐसे करना चाहिए इंसुलिन पौधे का सेवन: इंसुलिन के पौधे की पत्तियां न सिर्फ डायबिटीज बल्कि बीपी को भी संतुलित करती हैं. इसका ठीक से लाभ लेने के लिए आप नियमित रूप से इसका सेवन करें, जिस के लिए हर रोज सुबह इस पौधे की दो पत्तियों को पीसकर एक ग्लास पानी में घोलें और सुबह-शाम पियें. जल्द ही इसका असर आपकी सेहत पर दिखायी देने लगेगा और बीपी और ब्लड शुगर दोनों ही बेहतर होने लगेंगे.

Insulin Plant ke Fayde: आजकल की भागदौड़ी भरी जिदगी में अक्सर लोग अपने खानपान का खयाल नहीं रख पाते हैं. नतीजा कई तरह की बीमारियों शरीर को घेर लेती हैं. वहीं कुछ बीमारियों जेनेटिक होती हैं और दोनों ही सूरतों में नतीजा अस्पताल और दवाओं का लंबा चौड़ा बिल होता है. ऐसी ही बीमारी है डायबिटीज. जो एक बार हो जाये तो इससे पीछा छुड़ाना आसान नहीं होता. लेकिन बाजार में उपलब्ध दवाओं के अलावा प्रकृति ने भी तमाम ऐसी चीजें हमें उपहार में दी हैं जिनके उपयोग से कई बीमारियों की तरह ही डायबिटीजभी ठीक हो सकती है. प्रकृति का ऐसा ही उपहार है इंसुलिन का पौधा.

ब्लड शुगर को बैलेंस करता है इंसुलिन का पौधा: जी हां इंसुलिन जिसका नाम सुनकर डायबटीज की बीमारी में ब्लड शुगर लेवल कम करने के लिए लगने वाले इंजेक्शन की याद आती है. उसके उलट प्राकृतिक इंसुलिन का पौधा भी होता है. यह भी ठीक इंजेक्शन के समान अपना काम करता है लेकिन प्राकृतिक रूप से. आयुर्वेद में इन्सुलिन के पौधे के रूप में पहचाने जाने वाले इस पौधे को उसके बोटैनिकल नाम कॉस्टस इग्नेस (Costus Igneus) के नाम से जाना जाता है. जो मधुमेह रोग में अपने औधीय गुणों के चलते बहुत फायदेमंद साबित होता है.

पौधे में हैं कई मेडिसिनल गुण: आम तौर पर इंसुलिन का पौधा जंगलों में पाया जाता है, लेकिन आजकल इसे बाजार में बनी नर्सरी से भी खरीदा जा सकता है. आयुर्वेद विशेषज्ञ और वैद अनिल भारद्वाज के मुताबिक, इस पौधे में कॉर्सोलिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है. जब इसे लिया जाता है, तो कॉर्सोलिक एसिड पैनक्रियाज से इंसुलिन सीक्रेशन को बढ़ावा देने लगते हैं, इससे शुगर ग्लाइकोजेन में कन्वर्ट होने लगता है.

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खून से ग्लूकोज एब्जॉर्बशन को घटाता है: साथ ही इस पौधे में पानी की मात्रा अधिक होती है, वाटर सॉल्यूबल कंटेंट होने के कारण यह शरीर में खून से ग्लूकोज एब्जॉर्बशन को घटा देता है. इस तरह से यह इन्सुलिन इंजेक्शन की तरह ही शुगर लेवल को मैनेज कर लेता है. इसके साथ साथ इस मेडिसिनल प्लांट में प्रोटीन, स्टीरॉयड सेपोनिन्स, टेनिन्स, पाए जाते हैं. इनके साथ साथ इसमें फाइटोकेमिकिल्स जैसे कि टर्पेनॉयड्स, फ्लेवनॉयड्स, एस्कॉर्बिक एसिड, अल्केलॉयड्स एंटीऑक्सीडेंट, आयरन, बी कैरोटीन न्यूट्रीएंट्स भी हाइट हैं. ये सभी गुण इसकी पत्तियों में मौजूद होते हैं.

ऐसे करना चाहिए इंसुलिन पौधे का सेवन: इंसुलिन के पौधे की पत्तियां न सिर्फ डायबिटीज बल्कि बीपी को भी संतुलित करती हैं. इसका ठीक से लाभ लेने के लिए आप नियमित रूप से इसका सेवन करें, जिस के लिए हर रोज सुबह इस पौधे की दो पत्तियों को पीसकर एक ग्लास पानी में घोलें और सुबह-शाम पियें. जल्द ही इसका असर आपकी सेहत पर दिखायी देने लगेगा और बीपी और ब्लड शुगर दोनों ही बेहतर होने लगेंगे.

Last Updated : Jan 8, 2024, 5:01 PM IST
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