डिंडौरी। आसमान से आग बरसाता सूरज और नीचे तपती जमीन के बीच इंसान झुलस रहा है. पानी के स्रोत खत्म होने की कगार पर हैं और जो बचे हैं, उनके संरक्षण के लिए नगर निगम गंभीर कदम नहीं उठा रहा है. लोगों को मुश्किल पीने का पानी उपलब्ध हो पाता है. ईटीवी भारत ने जब क्षेत्र की पड़ताल की और वार्ड पार्षद से सवाल किया तो उन्होंने अपनी गलती स्वीकार करते हुए जल्द ही कुएं की सफाई का आश्वासन दिया है.
शहरी क्षेत्र में नर्मदा का जल स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है, आलम ये है कि जनता बीच नदी से पैदल चलकर घाट पहुंच रही है. बावजूद इसके जलस्रोतों के प्रति जिम्मेदार गंभीर नहीं हैं. जहां वार्ड नंबर 8 में बने कुएं को आसपास के लोगों ने ही कचरा और घर का मटेरियल डाल कर भर दिया है तो वहीं वार्ड क्रमांक10 स्थित उत्कृष्ट विद्यालय खेल मैदान से लगे कुएं में बीते 4 सालों से जाली तो लगी है, लेकिन गंदगी और कचरे का अंबार उफन रहा है. जिसका सालों से जनता उपयोग नहीं कर पा रही है.
ये हैं जल स्त्रोत
मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना शुरू होने के बाद भी शहर की जनता को पीने का पानी मुहैया नहीं हो रहा.15 वार्डों में जनता की प्यास बुझाने के लिए महज 9 कुएं ही बने हैं. जिनमे 2 कुएं में ही पानी है. ईटीवी भारत ने नगर परिषद के इंजीनियर और प्रभारी सीएमओ को जब वार्ड नंबर10 स्थित कुएं की हालत दिखाई तो मामला संज्ञान में लेते हुए सफाई कर उपयोगी बनाने का आश्वासन दिया.
पार्षद ने किया ईटीवी भारत का धन्यवाद
क्षेत्र में गहराते जल संकट और बर्बाद होते जल स्रोत की खबर दिखाने के लिए वार्ड पार्षद सैफी खान ने ईटीवी भारत का धन्यवाद किया. साथ ही अपने 10 नंबर वार्ड में बदहाल और गंदे कुएं की सफाई के लिए अपनी नैतिक जिम्मेदारी ली.