डिंडौरी। जलसंसाधन विभाग द्वारा बनाये जा रहे खरमेर बांध का ग्रामीण महीनों से विरोध कर रहे हैं. आलम यह है कि ग्रामीणों के विरोध से जल संसाधन विभाग को काम बंद करना पड़ा था. बंद काम को चालू कराने के लिए जिला और पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया है, जबकि ग्रामीण इस बात पर अड़े हैं कि भले ही उनकी जान चली जाए, लेकिन वह बांध नहीं बनने देंगे.
348 करोड़ की लागत से बन रहा बांध
समनापुर जनपद क्षेत्र के ग्राम अंडई में खरमेर नदी पर 348 करोड़ की लागत से विशाल बांध बनाये जाना प्रस्तावित है. यह बांध जलसंसाधन विभाग के अधीनस्थ बनाया जाना है. जिसके चलते महीने भर पहले अंडई गांव मे सारे मशीनी उपकरण पहुंच गए थे, लेकिन बांध निर्माण का विरोध कर ग्रामीणों ने काम रुकवा दिया और मौके पर ही धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
उमरिया, अंडई, डुंगरिया समेत 8 पंचायत कर रहीं विरोध
इस बांध में आठ पंचायतों की जमीन डूब क्षेत्र में आ रही हैं. बुधवार को जिला और पुलिस प्रशासन बांध निर्माण का काम शुरू करवाने के लिए भारी पुलिस बल लेकर पहुंचा, जिसे देख ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. ग्रामीणों महिलाओं ने बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर हाथों में लाठियां लिए पुलिस बल का विरोध करना शुरू किया.
भारी पुलिस फोर्स तैनात
अंडई गांव मे कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक डिंडौरी सहित भारी पुलिस फोर्स तैनात है. वही बांध का विरोध करने वाले ग्रामीण भी अब आर-पार की लड़ाई के लिए अपना मूड बना चुके हैं. बुधवार को पूरे दिन ग्रामीण पुलिस प्रशासन पर हावी दिखाई दिए, जिससे काम शुरू नही किया जा सका.
जान देने के लिए तैयार ग्रामीण
बढ़ता विरोध देख पुलिस भी शांति व्यवस्था बनाते हुए ग्रामीणों से तालमेल बनाने में जुट गई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला. ग्रामीणों की एक ही मांग है कि बांध नही बनने देंगे. इसके लिए भले ही उन्हें अपनी जान भी देनी पड़े तो दे देंगे.
कोई नही है मुखिया
जानकारी के अनुसार बांध का विरोध करने वाले ग्रामीणों का कोई मुखिया नही है और न ही कोई विशेष व्यक्ति इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहा है, जिसके कारण प्रशासन को खासी परेशानी ग्रामीणों को समझाने में हो रही है.
बांध से होगा विकास
जिले में बांध निर्माण के दौरान विरोध प्रदर्शन का यह कोई पहला मामला नही है. इसके पूर्व भी शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के बिलगड़ा जलाशय का भारी विरोध किया गया था, लेकिन विरोध के बाद भी बांध तैयार किया गया और आज समूचा शहपुरा क्षेत्र में किसानों की खेती लहलहा रही है.किसानों की अच्छी फसल से उनकी आजीविका में भी बदलाव आया है.