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बच्चों से ही धुलवाए जाते हैं मिड डे मील के बर्तन, समूह संचालक के तानाशाही रवैये से हैरान हैं शिक्षक - शिकायत के बाद कोई कार्रवाई नहीं करते

मेहदबानी जनपद क्षेत्र के ग्राम कठौतिया के प्राइमरी स्कूल में मध्याह्न भोजन के बाद छात्रों से जूठे बर्तन साफ कराने का मामला सामने आया है. वहीं इस मामले में मिडिल स्कूल के प्राचार्य का कहना है कि शिकायत करने के बावजूद समूह संचालकों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

बच्चों से ही धुलवाए जाते हैं मिड डे मील के बर्तन
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Published : Jul 20, 2019, 12:46 PM IST

डिंडौरी। सरकार शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए कई दावे करती है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. मेहदबानी जनपद क्षेत्र के ग्राम कठौतिया के प्राइमरी स्कूल में मध्याह्न भोजन को खाने के बाद बच्चों को थाली खुद ही धोनी पड़ती है. वहीं मध्याह्न भोजन समूह संचालक के इस तानाशाही रवैये से प्राइमरी और मिडिल स्कूल के प्राचार्य भी हैरान हैं. उनका कहना है कि इस बात की शिकायत करने के बावजूद समूह संचालकों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

बच्चों से ही धुलवाए जाते हैं मिड डे मील के बर्तन

प्राइमरी और माध्यमिक स्कूल के प्राचार्य का आरोप है कि स्कूल में दोपहर के मध्याह्न भोजन को लेने से पहले थाली बच्चों को खुद ही धोनी पड़ती है. वहीं भोजन करने के बाद जूठी थाली भी बच्चों को ही धोनी पड़ती है. यह काम बच्चों से एक या दो दिन नहीं बल्कि प्रतिदिन करवाया जाता है. प्राइमरी स्कूल के बच्चों ने बताया कि स्कूल में पीने के लिए पानी भी उन्हें खुद ही भरकर पीना पड़ता है.

वहीं इस मामले में शासकीय प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक गया प्रसाद का कहना है कि कई बार समूह वाली महिलाओं को इस बारे में समझाया गया है कि बच्चों से थाली धुलवाने का काम न करवाएं, पर वे मानती ही नहीं हैं. वहीं इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की जा चुकी है, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. ऐसा ही शासकीय माध्यमिक स्कूल की प्राचार्या फूलवती पदम का कहना है कि मध्याह्न भोजन संचालन करने वाली समूह की महिलाओं के रवैये की जानकारी पत्र के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों को दी जा चुकी है, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.

डिंडौरी। सरकार शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए कई दावे करती है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. मेहदबानी जनपद क्षेत्र के ग्राम कठौतिया के प्राइमरी स्कूल में मध्याह्न भोजन को खाने के बाद बच्चों को थाली खुद ही धोनी पड़ती है. वहीं मध्याह्न भोजन समूह संचालक के इस तानाशाही रवैये से प्राइमरी और मिडिल स्कूल के प्राचार्य भी हैरान हैं. उनका कहना है कि इस बात की शिकायत करने के बावजूद समूह संचालकों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

बच्चों से ही धुलवाए जाते हैं मिड डे मील के बर्तन

प्राइमरी और माध्यमिक स्कूल के प्राचार्य का आरोप है कि स्कूल में दोपहर के मध्याह्न भोजन को लेने से पहले थाली बच्चों को खुद ही धोनी पड़ती है. वहीं भोजन करने के बाद जूठी थाली भी बच्चों को ही धोनी पड़ती है. यह काम बच्चों से एक या दो दिन नहीं बल्कि प्रतिदिन करवाया जाता है. प्राइमरी स्कूल के बच्चों ने बताया कि स्कूल में पीने के लिए पानी भी उन्हें खुद ही भरकर पीना पड़ता है.

वहीं इस मामले में शासकीय प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक गया प्रसाद का कहना है कि कई बार समूह वाली महिलाओं को इस बारे में समझाया गया है कि बच्चों से थाली धुलवाने का काम न करवाएं, पर वे मानती ही नहीं हैं. वहीं इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की जा चुकी है, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है. ऐसा ही शासकीय माध्यमिक स्कूल की प्राचार्या फूलवती पदम का कहना है कि मध्याह्न भोजन संचालन करने वाली समूह की महिलाओं के रवैये की जानकारी पत्र के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों को दी जा चुकी है, लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.

Intro:एंकर _ प्रदेश सरकार नौनिहालों को सरकारी स्कूलों से जोड़ने के लिए लाख जतन करें पर हालात है कि सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे है।ऐसा ही कुछ मामला मेहदबानी जनपद क्षेत्र के ग्राम कठौतिया के प्राइमरी स्कूल के सामने आया है ।जहां मध्यान भोजन को पाने और खाने के बाद बच्चों को थाली खुद ही उठाकर धोना पड़ता है। यही नहीं बच्चों को पीने का पानी भी नहीं दिया जाता है। उन्हें पीने के लिए खुद ही पानी लेकर आना पड़ता है । वहीं मध्यान भोजन समूह संचालक के इस तानाशाही रवैया से प्राइमरी और मिडिल स्कूल के प्राचार्य भी हैरान हैं। जिनकी शिकायत करने के बावजूद समूह संचालकों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है


Body:वि ओ 01 डिंडौरी जिले के मेहदवानी जनपद क्षेत्र के ग्राम कठौतिया में शासकीय प्राइमरी स्कूल में मध्यान भोजन संचालित करने वाले समूह के तानाशाही रवैये से प्रायमरी और माध्यमिक स्कूल के प्राचार्य परेशान है। आरोप है कि स्कूल में दोपहर के मध्यान भोजन को लेने से पहले थाली बच्चों को खुद ही धोना पड़ता है वही भोजन करने के बाद जूठी थाली लेकर बच्चों को स्वयं लेकर जाना और फिर उसे धोना पड़ता है।यह काम बच्चो से एक या दो दिन नही बल्कि प्रतिदिन करवाया जाता है। प्रायमरी स्कूल के बच्चों ने बताया कि स्कूल में पीने के लिए पानी भी उन्हें खुद ही घर या स्कूल के बाहर लगे हैंडपम्प से लाना पड़ता है नही तो वे प्यासे रह जाते है।जिन घरों के ये नोनिहाल आँखों के तारे है अगर वे इनकी दुर्दशा देख ले तो भला कौन सरकारी स्कूलों में अपने मासूमो को यहाँ पढ़ने भेजेगा।

वही जब इस पूरे मामले में शासकीय प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक गया प्रसाद से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कई बार समूह वाली महिलाओ को इस बारे में समझाया गया है कि बच्चों से थाली धुलवाने का काम न करवाये पर वे मानती ही नहीं है।वही इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की जा चुकी है पर इन पर कोई कार्यवाही नही होती है।ऐसा ही शासकीय माध्यमिक स्कूल की प्राचार्या फूलवती पदम का कहना है कि मध्यान भोजन संचालन करने वाली समूह की महिलाओ के रवैये की जानकारी पत्र के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों को दी जा चुकी है लेकिन कोई कार्यवाही नही की जाती है।


Conclusion:फाइनल विओ _ प्रदेश सरकार के सारे के सारे प्रयास तब धरे के धरे रह जाते है जब कठौतिया ग्राम के स्कूलों के कुछ इस तरह के नजारे सामने आते है। वही अब देखना होगा कि मामला मीडिया में आने के बाद अब तानाशाह समूह संचालकों के खिलाफ जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करता हैं।

बाइट 1छात्रा
बाइट 2 छात्र
बाइट 3 गया प्रसाद साहू,प्रधानद्यापक, शास,प्रायमरी स्कूल कठौतिया
बाइट 4 फूलवती पदम,प्राचार्य शास,माध्यमिक स्कूल ,कठौतिया
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