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मां शारदा के दर पर मत्था टेकने से पूरी होती है हर मनोकामना, यहां करें दर्शन - dindori

शहपुरा मुख्यालय से 3.5 किमी दूर शारदा टेकरी में मां शारदा विराजित हैं. यहां माता महाकाली, मां दुर्गा, मां बिरासिनी और माता मनसा देवी विराजमान हैं.

शारदा टेकरी के नाम से विख्यात है यह स्थान
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Published : Oct 4, 2019, 10:34 AM IST

डिंडौरी। नवरात्रि के त्योहार में जगतजननी नारी के हर रूप की झांकियां बैठाकर उसकी पूजा अर्चना की जाती है. कभी वह दुर्गा बनकर भक्तों को प्यार करती हैं, तो कभी लक्ष्मी बनकर भक्तों पर वैभव बरसाती हैं, तो काली बनाकर दुष्टों को नाश करती हैं.


ऐसे भक्तों की झोली भरने वाली और उनकी मनोकामनाएं पूरी करने वाली मां शारदा विराजित हैं शहपुरा मुख्यालय से 3.5 किमी दूर शारदा टेकरी में, बताया जाता है कि खुदाई के दौरान यहां कई मूर्तियां निकली थीं, जिसमें माता महाकाली, मां दुर्गा, मां बिरासिनी और माता मनसा देवी की भी मूर्तियां थी.

शारदा टेकरी के नाम से प्रसिद्ध है यह स्थान


बताया जाता है कि 34 साल पहले यहां के शहपुरा निवासी भगवानदास सोनी को स्वप्न में मां शारदा ने दर्शन दिया था. उसके बाद 1985 में भगवानदास सोनी के द्वारा यहां भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया.


मां शारदा टेकरी के पंडा सोनेलाल विश्वकर्मा बताते हैं कि यहां मां शारदा के साथ-साथ माता के और भी रूप विराजमान हैं. भक्त यहां माता महाकाली, मां दुर्गा, मां बिरासिनी और माता मनसा देवी के दर्शन को आते हैं और माता उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.


मां शारदा टेकरी के पुजारी पं गजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी ने बताया कि यहां पहले उनके पिता जी पुजारी थे. अब उनके निधन के बाद वे पूजा कराते हैं. यहां दोनों चैत्र और क्वांर की नवरात्रि में विशेष पूजा अर्चना की जाती है. यहां जो भी भक्त सच्चे मन से अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं उनकी मनोकामनाएं माता अवश्य पूरी करती हैं.


दर्शनार्थी मधुसूदन साहू ने बताया कि यह बहुत पुराना स्थान है. यह लोगों की आस्था का केन्द्र है. यहां भक्त नवरात्रि में सच्चे मन से माता शारदा की आराधना करते हैं.

डिंडौरी। नवरात्रि के त्योहार में जगतजननी नारी के हर रूप की झांकियां बैठाकर उसकी पूजा अर्चना की जाती है. कभी वह दुर्गा बनकर भक्तों को प्यार करती हैं, तो कभी लक्ष्मी बनकर भक्तों पर वैभव बरसाती हैं, तो काली बनाकर दुष्टों को नाश करती हैं.


ऐसे भक्तों की झोली भरने वाली और उनकी मनोकामनाएं पूरी करने वाली मां शारदा विराजित हैं शहपुरा मुख्यालय से 3.5 किमी दूर शारदा टेकरी में, बताया जाता है कि खुदाई के दौरान यहां कई मूर्तियां निकली थीं, जिसमें माता महाकाली, मां दुर्गा, मां बिरासिनी और माता मनसा देवी की भी मूर्तियां थी.

शारदा टेकरी के नाम से प्रसिद्ध है यह स्थान


बताया जाता है कि 34 साल पहले यहां के शहपुरा निवासी भगवानदास सोनी को स्वप्न में मां शारदा ने दर्शन दिया था. उसके बाद 1985 में भगवानदास सोनी के द्वारा यहां भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया.


मां शारदा टेकरी के पंडा सोनेलाल विश्वकर्मा बताते हैं कि यहां मां शारदा के साथ-साथ माता के और भी रूप विराजमान हैं. भक्त यहां माता महाकाली, मां दुर्गा, मां बिरासिनी और माता मनसा देवी के दर्शन को आते हैं और माता उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं.


मां शारदा टेकरी के पुजारी पं गजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी ने बताया कि यहां पहले उनके पिता जी पुजारी थे. अब उनके निधन के बाद वे पूजा कराते हैं. यहां दोनों चैत्र और क्वांर की नवरात्रि में विशेष पूजा अर्चना की जाती है. यहां जो भी भक्त सच्चे मन से अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं उनकी मनोकामनाएं माता अवश्य पूरी करती हैं.


दर्शनार्थी मधुसूदन साहू ने बताया कि यह बहुत पुराना स्थान है. यह लोगों की आस्था का केन्द्र है. यहां भक्त नवरात्रि में सच्चे मन से माता शारदा की आराधना करते हैं.

Intro:ईटीवी भारत स्पेशल स्टोरी

नवरात्रि के प्रथम दिन से ही मां शारदा टेकरी में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।
शारदेय नवरात्र में शहपुरा सहित आसपास के ग्रामीण यहां मां शारदा टेकरी में भक्त जल चढ़ाने पहुँच रहे हैं ।भक्त माता को जल अर्पित कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की कामना माता से कर रहे हैं ।Body:ईटीवी भारत स्पेशल स्टोरी

डिंडौरी-
नवरात्रि के प्रथम दिन से ही मां शारदा टेकरी में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।
शारदेय नवरात्र में शहपुरा सहित आसपास के ग्रामीण यहां मां शारदा टेकरी में भक्त जल चढ़ाने पहुँच रहे हैं ।भक्त माता को जल अर्पित कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की कामना माता से कर रहे हैं ।
ज्ञात हो कि शहपुरा मुख्यालय से 3.5 किमी दूर पहाड़ी में मां शारदा टेकरी स्थित है । यहां मां शारदा की मूर्ति वर्षों पुरानी है ।और इसके आसपास खुदाई के दौरान यहाँ माता सहित अन्य कई मूर्तियां निकली हैं, यहाँ की मान्यता है कि जो भी भक्त यहां माता के दरबार में आता है उसके सारे मनोकामना पूर्ण होती है। यहाँ दूर दूर से भक्त माता के दरबार में आते है , यहाँ दोनों ही नवरात्र में भक्तों की भीड़ रहती है ।


यहां शहपुरा सहित आसपास के कई ग्राम के लोगों के आस्था का केंद्र बनी हुई है । बताया जाता है कि यहां मां शारदा की प्रतिमा 34 साल पहले यहां के शहपुरा निवासी भगवानदास सोनी को स्वप्न में मां शारदा ने दर्शन दिया था । उसके बाद भगवानदास सोनी के द्वारा यहां भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया ।

यहां मां शारदा टेकरी के पंडा सोनेलाल विश्वकर्मा बताते हैं कि शहपुरा निवासी भगवानदास को माता शारदा ने स्वप्न में दर्शन दिया था । जिसके बाद सन 1985 में उनके द्वारा यहां मंदिर का निर्माण कराया गया । तब से लेकर आज तक यहां भक्त अपनी मनोकामना लेकर मां शारदा सहित माता महाकाली, माँ दुर्गा, माँ बिरासिनी और माता मनसा देवी के दर्शन को आते हैं और माता उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं ।

मां शारदा टेकरी के पुजारी पं गजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी ने बताया कि यहां पहले उनके पिता जी पुजारी थे । अब उनके निधन के बाद वे पूजा कराते हैं । हमारे यहां दोनों नवरात्रि चैत्र और क्वांर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है । यहां जो भी भक्त सच्चे मन से अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं उनकी मनोकामनाएं माता अवश्य पूरी करती हैं । इसके कई प्रमाण हैं । जिन भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं उनके द्वारा यहां चैत्र नवरात्रि में जवारे कलश रखे जाते हैं । यह सिध्द स्थान है।

दर्शनार्थी मधुसूदन साहू ने बताया कि यह बहुत पुराना स्थान है ।यह लोगों की आस्था का केन्द्र है । यहां भक्त नवरात्रि में सच्चे मन से माता शारदा की आराधना करते है ।
यह स्थान डिंडौरी जिला मुख्यालय से 56 किलोमीटर की दूरी पर पश्चिम दिशा में है । और जबलपुर से 86 किलोमीटर की दूरी पर पूर्व में स्थित है । यहां आने के लिए बस चलती हैं ।
यह स्थान जबलपुर-अमरकंटक राष्ट्रीय राजमार्ग पर पड़ता है ।
बाइट1- सोनेलाल विश्वकर्मा, पंडा, मां शारदा टेकरी शहपुरा
बाइट2- पं.गजेन्द्र प्रसाद द्विवेदी, पुजारी, मां शारदा टेकरी शहपुरा
बाइट3- मधुसूदन साहू, दर्शनार्थीConclusion:शहपुरा मुख्यालय से 3.5 किमी दूर पहाड़ी में मां शारदा टेकरी स्थित है । यहां मां शारदा की मूर्ति वर्षों पुरानी है ।और इसके आसपास खुदाई के दौरान यहाँ माता सहित अन्य कई मूर्तियां निकली हैं, यहाँ की मान्यता है कि जो भी भक्त यहां माता के दरबार में आता है उसके सारे मनोकामना पूर्ण होती है। यहाँ दूर दूर से भक्त माता के दरबार में आते है , यहाँ दोनों ही नवरात्र में भक्तों की भीड़ रहती है ।
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