ETV Bharat / state

नेत्रहीन घिन्हा बैगा की 'रोशनी' बने समाजसेवी, लॉकडाउन में अनलॉक कर रहे परेशानियां

डिंडौरी जिला के जनपद समनापुर मुख्यालय से करीब पंद्रह किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत छांटा बैगा टोला की सूनसान पहाड़ी पर लॉकडाउन के बीच अपना जीवन व्यतीत करने को मजबूर बैगा जनजाति के नेत्रहीन घिन्हा बैगा को बेबसी की जिंदगी से उबारने के लिए समनापुर का नवजीवन सहायतार्थ संगठन आगे आया है.

Samanpur social workers came forward to help the blind Baiga
नेत्रहीन बैगा की सहायता को आगे आए समनापुर के समाजसेवी
author img

By

Published : Apr 21, 2020, 7:28 PM IST

डिंडौरी: लॉकडाउन के दौरान ऐसी भी तस्वीर सामने आई हैं, जो दिल को सुकून पहुंचाने वाली हैं. डिंडौरी जिला के जनपद समनापुर मुख्यालय से करीब पंद्रह किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत छांटा बैगा टोला की सूनसान पहाड़ी में लॉकडाउन के बीच अपना जीवन व्यतीत कर रहे बैगा जनजाति के नेत्रहीन घिन्हा बैगा को समनापुर की समाजसेवी संस्था सहायता के लिए आगे आया है.

Samanpur social workers came forward to help the blind Baiga
नेत्रहीन बैगा की सहायता को आगे आए समनापुर के समाजसेवी
Samanpur social workers came forward to help the blind Baiga
नेत्रहीन बैगा की सहायता को आगे आए समनापुर के समाजसेवी

छांटा के बैगा टोला निवासी घिन्हा को जन्म से ही दिखाई नहीं देता है, कुछ वर्ष पूर्व माता-पिता के गुजर जाने के बाद ये अकेले ही सुनसान पहाड़ी में गुजर बसर करने को मजबूर है. नेत्रहीन होने के बाद भी अपने लिए खाना बनाना पहाड़ी से उतरकर हैंडपंप से पानी भरना, कपड़े धोने के साथ गांव की दुकान पर समान की खरीदारी करने तक के काम बिना देखे करते हैं. ये काम करने में उनको किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती है. लॉकडाउन की स्थिति में दुकाने बंद होने के कारण जरूरत की सामग्री खरीदने दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. संगठन की ओर से नेत्रहीन बैगा की आर्थिक मदद के साथ खाद्य सामग्री व जरुरत का सामान दिया गया है.

Samanpur social workers came forward to help the blind Baiga
नेत्रहीन बैगा की सहायता को आगे आए समनापुर के समाजसेवी
घिन्हा बैगा की मदद का जिम्मा समनापुर के नवजीवन सहायतार्थ संगठन ने उठाया है, वहीं संगठन की ओर से बैगा युवक को आटा, दाल, तेल, शक्कर, राशन का सामान, कपड़े, बिस्तर, पेटी दी गई है. संगठन के सदस्यों ने समनापुर से नाई को ले जाकर नेत्रहीन बैगा के पहले बाल कटवाए, फिर नहलाने ले गए और नए वस्त्र पहनाकर साथ में बैठकर भोजन किया.
Samanpur social workers came forward to help the blind Baiga
नेत्रहीन बैगा की सहायता को आगे आए समनापुर के समाजसेवी

डिंडौरी: लॉकडाउन के दौरान ऐसी भी तस्वीर सामने आई हैं, जो दिल को सुकून पहुंचाने वाली हैं. डिंडौरी जिला के जनपद समनापुर मुख्यालय से करीब पंद्रह किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत छांटा बैगा टोला की सूनसान पहाड़ी में लॉकडाउन के बीच अपना जीवन व्यतीत कर रहे बैगा जनजाति के नेत्रहीन घिन्हा बैगा को समनापुर की समाजसेवी संस्था सहायता के लिए आगे आया है.

Samanpur social workers came forward to help the blind Baiga
नेत्रहीन बैगा की सहायता को आगे आए समनापुर के समाजसेवी
Samanpur social workers came forward to help the blind Baiga
नेत्रहीन बैगा की सहायता को आगे आए समनापुर के समाजसेवी

छांटा के बैगा टोला निवासी घिन्हा को जन्म से ही दिखाई नहीं देता है, कुछ वर्ष पूर्व माता-पिता के गुजर जाने के बाद ये अकेले ही सुनसान पहाड़ी में गुजर बसर करने को मजबूर है. नेत्रहीन होने के बाद भी अपने लिए खाना बनाना पहाड़ी से उतरकर हैंडपंप से पानी भरना, कपड़े धोने के साथ गांव की दुकान पर समान की खरीदारी करने तक के काम बिना देखे करते हैं. ये काम करने में उनको किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती है. लॉकडाउन की स्थिति में दुकाने बंद होने के कारण जरूरत की सामग्री खरीदने दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. संगठन की ओर से नेत्रहीन बैगा की आर्थिक मदद के साथ खाद्य सामग्री व जरुरत का सामान दिया गया है.

Samanpur social workers came forward to help the blind Baiga
नेत्रहीन बैगा की सहायता को आगे आए समनापुर के समाजसेवी
घिन्हा बैगा की मदद का जिम्मा समनापुर के नवजीवन सहायतार्थ संगठन ने उठाया है, वहीं संगठन की ओर से बैगा युवक को आटा, दाल, तेल, शक्कर, राशन का सामान, कपड़े, बिस्तर, पेटी दी गई है. संगठन के सदस्यों ने समनापुर से नाई को ले जाकर नेत्रहीन बैगा के पहले बाल कटवाए, फिर नहलाने ले गए और नए वस्त्र पहनाकर साथ में बैठकर भोजन किया.
Samanpur social workers came forward to help the blind Baiga
नेत्रहीन बैगा की सहायता को आगे आए समनापुर के समाजसेवी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.