डिंडौरी: लॉकडाउन के दौरान ऐसी भी तस्वीर सामने आई हैं, जो दिल को सुकून पहुंचाने वाली हैं. डिंडौरी जिला के जनपद समनापुर मुख्यालय से करीब पंद्रह किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत छांटा बैगा टोला की सूनसान पहाड़ी में लॉकडाउन के बीच अपना जीवन व्यतीत कर रहे बैगा जनजाति के नेत्रहीन घिन्हा बैगा को समनापुर की समाजसेवी संस्था सहायता के लिए आगे आया है.
छांटा के बैगा टोला निवासी घिन्हा को जन्म से ही दिखाई नहीं देता है, कुछ वर्ष पूर्व माता-पिता के गुजर जाने के बाद ये अकेले ही सुनसान पहाड़ी में गुजर बसर करने को मजबूर है. नेत्रहीन होने के बाद भी अपने लिए खाना बनाना पहाड़ी से उतरकर हैंडपंप से पानी भरना, कपड़े धोने के साथ गांव की दुकान पर समान की खरीदारी करने तक के काम बिना देखे करते हैं. ये काम करने में उनको किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती है. लॉकडाउन की स्थिति में दुकाने बंद होने के कारण जरूरत की सामग्री खरीदने दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. संगठन की ओर से नेत्रहीन बैगा की आर्थिक मदद के साथ खाद्य सामग्री व जरुरत का सामान दिया गया है.