ETV Bharat / state

डिंडोरी के गांवों में आज तक नहीं पहुंची बिजली, चिमनी जला कर पढ़ाई करने को नौनिहाल - समृद्ध मध्यप्रदेश

डिंडोरी के एक गांव में बिजली न होने से बच्चे चिमनी जला कर पढ़ाई करते है. 2 साल पहले बिजली के खंभे लगाए जा चुके हैं, लेकिन तार लगाने का काम शुरू नहीं किया गया है. सरकार समृद्ध मध्यप्रदेश की बात करती है, लेकिन आज भी भुरका टोला में शाम होते ही अंधेरा पसर जाता है

Children forced to study by burning chimney
चिमनी जला कर पढ़ाई करने को मजबूर बच्चे
author img

By

Published : Aug 31, 2020, 2:48 PM IST

डिंडौरी। जिले के मेहदवानी जनपद के ग्राम पंचायत मुरलापानी के भुरका टोला में आज भी बिजली न होने से बच्चे चिमनी जला कर पढ़ाई करते हैं. 2 साल पहले बिजली के खंभे लगाए जा चुके हैं, लेकिन तार लगाने का काम शुरू नहीं किया गया है. सरकार समृद्ध मध्यप्रदेश की बात करती है, लेकिन आज भी भुरका टोला में बच्चे चिमनी चलाकर पढ़ने को मजबूर हैं.

चिमनी जला कर पढ़ाई करने को मजबूर बच्चे

डिंडोरी जिले के ऐसे कई गांव है, जहां आज भी सड़क बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. जिसके कारण ग्रामीणों और बच्चों को चिमनी के सहारे जिंदगी गुजारनी पड़ रही है. सरकार भले ही सड़क बिजली देने के लाख वादे करे, लेकिन आज भी ग्रामीण आधुनिक युग में चिमनी जला कर रात गुजार रहे हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि, 2 साल पहले बिजली के खम्भे ग्रामीणों के द्वारा स्वयं लगाए गए, लेकिन 2 वर्ष बीत जाने के बाद बिजली के खम्भों में न तार लगा और न घरों को कनेक्शन मिले. जिसके कारण लगभग 30 परिवार चिमनी के सहारे अपना जीवन जी रहे हैं. ग्रामीणों ने बिजली के लिए कई बार नेता से लेकर अधिकारियों तक आवेदन दिया, लेकिन इन गरीबों की सुनवाई नहीं हुई.

डिंडौरी। जिले के मेहदवानी जनपद के ग्राम पंचायत मुरलापानी के भुरका टोला में आज भी बिजली न होने से बच्चे चिमनी जला कर पढ़ाई करते हैं. 2 साल पहले बिजली के खंभे लगाए जा चुके हैं, लेकिन तार लगाने का काम शुरू नहीं किया गया है. सरकार समृद्ध मध्यप्रदेश की बात करती है, लेकिन आज भी भुरका टोला में बच्चे चिमनी चलाकर पढ़ने को मजबूर हैं.

चिमनी जला कर पढ़ाई करने को मजबूर बच्चे

डिंडोरी जिले के ऐसे कई गांव है, जहां आज भी सड़क बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं. जिसके कारण ग्रामीणों और बच्चों को चिमनी के सहारे जिंदगी गुजारनी पड़ रही है. सरकार भले ही सड़क बिजली देने के लाख वादे करे, लेकिन आज भी ग्रामीण आधुनिक युग में चिमनी जला कर रात गुजार रहे हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि, 2 साल पहले बिजली के खम्भे ग्रामीणों के द्वारा स्वयं लगाए गए, लेकिन 2 वर्ष बीत जाने के बाद बिजली के खम्भों में न तार लगा और न घरों को कनेक्शन मिले. जिसके कारण लगभग 30 परिवार चिमनी के सहारे अपना जीवन जी रहे हैं. ग्रामीणों ने बिजली के लिए कई बार नेता से लेकर अधिकारियों तक आवेदन दिया, लेकिन इन गरीबों की सुनवाई नहीं हुई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.