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डिंडौरी: छोटी उम्र में ऊंची उड़ान, जिले की बेटी ज्योति परस्ते बनेंगी डिप्टी कलेक्टर

कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय से अगर सपनों को पूरा करने की कोशिश की जाए तो सफलता एक दिन आपके कदम जरुर चूमेगी. इस बात को साबित कर दिखाया है डिंडौरी जिले के छोटे से गांव धनवासी की ज्योति परस्ते ने. 23 साल की उम्र में ऊंची उड़ान भरने वाली ज्योति परस्ते अब डिप्टी कलेक्टर बनने जा रही हैं.

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Published : Feb 3, 2019, 9:30 PM IST

डिंडौरी। कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय से अगर सपनों को पूरा करने की कोशिश की जाए तो सफलता एक दिन आपके कदम जरुर चूमेगी. इस बात को साबित कर दिखाया है डिंडौरी जिले के छोटे से गांव धनवासी की ज्योति परस्ते ने. 23 साल की उम्र में ऊंची उड़ान भरने वाली ज्योति परस्ते अब डिप्टी कलेक्टर बनने जा रही हैं.

ज्योति ने साल 2018 में MPPSC एग्जाम क्लियर कर 26वीं रेंक प्राप्त की है. ज्योति की इस उपलब्धि पर परिवार सहित गांव में खुशी का माहौल है. ज्योति का कहना है कि अगर मन में कुछ कर गुजरने का जज़्बा हो तो इंसान को कामयाबी जरुर मिलती है. उनका कहना है कि सिविल सर्विस में आगे जाना है और समाज के लोगों के लिए काफी कुछ काम करना है.

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ज्योति परस्ते एक साधारण परिवार की रहने वाली है, जिनके पिता मंडला जिले के मवई जनपद में पंचायत इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ हैं. ज्योति की प्रारंभिक पढ़ाई डिंडौरी के में ही पूरी हुई है. 2017 में ज्योति पीएससी एग्जाम देकर सहकारी इंपेक्टर के पद पर चयनित हुई थी, जिसके बाद उनके पिता प्रमोद सिंह ने उन्हें MPPSC परीक्षा में भाग लेने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद ज्योति अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए जुट गई और आज डिप्टी कलेक्टर बनकर अपने पिता और प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं.

डिंडौरी। कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय से अगर सपनों को पूरा करने की कोशिश की जाए तो सफलता एक दिन आपके कदम जरुर चूमेगी. इस बात को साबित कर दिखाया है डिंडौरी जिले के छोटे से गांव धनवासी की ज्योति परस्ते ने. 23 साल की उम्र में ऊंची उड़ान भरने वाली ज्योति परस्ते अब डिप्टी कलेक्टर बनने जा रही हैं.

ज्योति ने साल 2018 में MPPSC एग्जाम क्लियर कर 26वीं रेंक प्राप्त की है. ज्योति की इस उपलब्धि पर परिवार सहित गांव में खुशी का माहौल है. ज्योति का कहना है कि अगर मन में कुछ कर गुजरने का जज़्बा हो तो इंसान को कामयाबी जरुर मिलती है. उनका कहना है कि सिविल सर्विस में आगे जाना है और समाज के लोगों के लिए काफी कुछ काम करना है.

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ज्योति परस्ते एक साधारण परिवार की रहने वाली है, जिनके पिता मंडला जिले के मवई जनपद में पंचायत इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ हैं. ज्योति की प्रारंभिक पढ़ाई डिंडौरी के में ही पूरी हुई है. 2017 में ज्योति पीएससी एग्जाम देकर सहकारी इंपेक्टर के पद पर चयनित हुई थी, जिसके बाद उनके पिता प्रमोद सिंह ने उन्हें MPPSC परीक्षा में भाग लेने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद ज्योति अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए जुट गई और आज डिप्टी कलेक्टर बनकर अपने पिता और प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं.

Intro:एंकर _ महज 23 साल की उम्र में लंबी उड़ान भरने वाली ज्योति परस्ते आज डिप्टी कलेक्टर बनने जा रही है।ज्योति ने वर्ष 2018 में एमपीपीएससी एग्जाम फाइट कर 26 वा रेंक प्राप्त किया है।ज्योति की इस उपलब्धि पर परिवार सहित गाँव मे खुशी का माहौल है। ज्योति कहती है कि अगर मन मे कुछ कर गुजरने का जज़्बा हो तो इंसान को कामयाबी हासिल निश्चित मिलती है।वही ज्योति को सिविल सर्विस में आगे जाना है और समाज के लोगो के लिए काफी कुछ काम करना है।





Body:वि ओ 01_ आदिवासी जिला डिंडौरी के एक छोटे से गाँव धनवासी की रहने वाली ज्योति परस्ते एक साधारण परिवार की र है।जिनके पिता मंडला जिले के मवई जनपद में पंचायत इंस्पेक्टर ले पद पर पदस्थ है।ज्योति की प्रारंभिक पढ़ाई डिंडौरी के सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल सहित मंडला, अमरकंटक कालेज में पूरी हुई है।2017 में ज्योति ने पीएससी एग्जाम देकर सहकारी इंपेक्टर के पद पर चयनित हुई थी फिर उनके पिता प्रमोद सिंहः ने आगे भी एमपीपीएससी परीक्षा में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।जिसके चलते नतीजा यह रहा कि ज्योति पास हुई और अब वह डिप्टी कलेक्टर बनकर अपने परिवार गाँव समाज और जिले का नाम रौशन की है।ज्योति की इस उपलब्धि पर परिवार के लोगो में खुशी का माहौल है।


Conclusion:बाइट ज्योति परस्ते,डिप्टी कलेक्टर चयनित
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