डिंडौरी। कनईसांगवा ग्राम पंचायत में रोजगार सहायक भारत बिलगार के रसूख के आगे जनपद पंचायत CEO नतमस्तक हैं. यही वजह है कि बीते तीन महीनों से ग्रामीणों द्वारा सबूत के साथ शिकायत करने के बावजूद भी रोजगार सहायक भारत बिलगार के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही थी. लेकिन जनपद पंचायत CEO के छुट्टी पर पर जाने के बाद वहां का प्रभार IAS श्रृष्टि जयंत देशमुख को सौंपा गया. उन्होंने इस मामले को गंभीरता को लेते हुए कनईसांगवा पंचायत की जांच के लिए टीम पहुंचाई. वहीं टीम के पहुंचते ही एक से एक बढ़कर एक मामलों का खुलासा हुआ, जिसके बाद अब जनपद की जांच टीम अपना प्रतिवेदन बनाकर CEO को सौपेंगी.
फर्जी कार्ड बनाकर किया गया राशि का आहरण
ग्रामीण रवि ठाकुर ने बताया कि गांव में शासकीय कर्मियों का जॉब कार्ड बनाकर राशि आहरण की गई है. वह भी रोजगार सहायक के करीबी रिश्तेदार हैं. जो गांव सहित आसपास के गांवों में सहायक शिक्षक के तौर पर नौकरी कर रहे हैं और इन शिक्षकों का मजदूरी कार्ड बनाकर और राशि के भुगतान वाले दस्तावेज भी प्रूफ के साथ जनपद के अधिकारियों को जांच के दौरान सौंपा जा चुका है.
किसी और के कार्ड पर कोई और ले रहा फायदा
हैरत की बात तो ये है कि जब जांच टीम के सामने रिटायर्ड शिक्षक अंबर सिंह ठाकुर ने खुलासा किया कि उनका और उनकी पत्नी मथुरा बाई के नाम से जॉब कार्ड और राशन कार्ड फर्जी बनाकर उपयोग किया जा रहा है. उस कार्ड में आई राशि का इस्तेमाल भी निजी रूप में किया जा चुका है लेकिन उनके द्वारा अब तक न तो राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदन दिया गया है और न ही जॉब कार्ड बनवाया गया है. इस मामले की जानकारी अंबा सिंह ने लिखित तौर पर डिंडोरी कोतवाली में की है ताकि कार्रवाई की जा सके.
नया डेम बनवा किया गया बंदरबांट
ग्रामीणों ने जनपद जांच टीम के सामने इस बात का भी खुलासा किया कि कनई सांगवा गांव में सालों पुराना स्टॉप डेम जो कि अच्छे हालात में था उसे तोड़वा कर उसकी जगह में तालाब निर्माण कराया गया और तालाब के आगे फिर एक नया स्टॉप डेम बनाकर शासकीय राशि का बंदरबांट किया गया, जबकि पुराना स्टॉप डेम पक्का और मजबूत था, जिसे बिना ग्रामीणों की सहमति से तोड़ दिया गया. वहीं नए स्टॉप डैम से रिसाव हो रहा है जो कि जांच का विषय है.
जनपद CEO को सौंपा जाएगा प्रतिवेदन
डिंडौरी जनपद से जांच करने कनईसांगवा ग्राम पंचायत पहुंची टीम के PCO दिलीप श्रीवात्री ने बताया कि ग्राम पंचायत के ग्रामीणों के द्वारा स्टॉप डेम,तालाब ,फर्जी मस्टररोल, जॉब कार्ड की शिकायत की गई थी. इसकी जांच करने उनकी टीम पहुंची है लेकिन तकनीकी अधिकारी साथ में नहीं पहुंचे हैं. जांच में जो भी तथ्य सामने आ रहे हैं ग्रामीणों के कथन का पंचनामा बनाकर पूरा मामला जनपद CEO को प्रतिवेदन बनाकर सौंपा जाएगा.
बता दें, ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक भारत बिलागर एक रसूख परिवार से जुड़े होने के साथ-साथ एक विवादित रोजगार सहायक हैं, जिनकी कई बार शिकायत हो चुकी है. लेकिन जनपद और जिला पंचायत के अधिकारियों से सांठगांठ के चलते इन पर अब तक कई शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है. अब देखना होगा कि नवागत IAS और प्रभारी डिंडौरी जनपद पंचायत CEO श्रृष्टि जयंत देशमुख क्या कार्रवाई करती हैं.