डिंडौरी। शहपुरा के हरिलाल कछवाहा ने समाज के सामने एक अनोखी मिसाल पेश की है. हरिलाल ने बेटे की मौत के बाद अपनी बहू को बेटी की तरह अपने घर में रखा, इसके साथ ही उन्होंने एक अच्छा रिश्ता खोजकर विधवा बहू का कन्यादान किया.
राधा कछवाहा का विवाह शहपुरा के रहने वाले हरिलाल के बेटे से दो साल पहले हुआ था. राधा के पति की मृत्यु बीमारी के चलते हो गई थी. राधा के ससुर हरिलाल ने उसे बहू न मानकर उसे अपनी बेटी मानते हुए उसकी शादी की पहल शुरु की और उनकी यह खोज उस समय थम गया. जब उमरिया के रहने प्रकाश कछवाहा ने उनकी बहू से शादी के लिए हां कर दी.
हालांकि प्रकाश कछवाहा भी पहले से शादीशुदा थे, जिसकी पत्नी की आठ महीने पहले मृत्यु हो चुकी है और उनके दो बेटे हैं, जबकि राधा का अपने पति से एक बेटा है. हरिलाल ने कहा कि मेरे तीन और बेटे हैं, जब मैं अपनी संपत्ति का बंटवारा करुंगा तो उसमें एक हिस्सा अपने नाती अविनाश के नाम कर दूंगा.
अधिवक्ता दयाराम साहू ने बताया कि हरिलाल जी मेरे पास आए है और उन्होंने मुझसे कहा कि मेरे बेटे की मृत्यु हो चुकी है. उसका एक बेटा है अभी मेरी बहू की उम्र काफी कम है साथ ही उन्होंने बहू की पुनर्विवाह करने की इच्छा जताई, जिसके बाद दोनों पक्षों की सहमति से इस शादी को संपन्न किया गया.