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कम लागत में जैविक खाद तैयार कर रहे किसान, नीम की चटनी से हो रही फसलों की सुरक्षा - Neem sauce protects crops

डिंडौरी के किसान जैविक खाद से अपनी फसल की पैदावार के साथ साथ जमीन की उर्वरता भी बढ़ा रहे हैं. जिले के शहपुरा क्षेत्र के किसान इन दिनों नीम की चटनी नामक जैविक खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं.

Farmers are preparing organic manure
किसान कर रहे जैविक खाद तैयार
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Published : Aug 24, 2020, 11:58 AM IST

डिंडौरी। किसान फसल की अच्छी पैदावार के लिए कई तरह के रसायनिक खाद इस्तेमाल करते हैं, जिसके इस्तेमाल से फसल के साथ साथ मिट्टी की उर्वरक क्षमता पर भी असर पड़ता है. ऐसे में डिंडौरी के किसान जैविक खाद से अपनी फसल की पैदावार के साथ साथ जमीन की उर्वरता भी बढ़ा रहे हैं. जिले के शहपुरा क्षेत्र के किसान इन दिनों नीम की चटनी नामक जैविक खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं.

किसान कर रहे जैविक खाद तैयार

शहपुरा क्षेत्र की धारा सरस्वती शैक्षणिक एवं समाज उत्थान समिति के कोषाध्यक्ष और जैविक कृषि प्रशिक्षक बिहारी लाल साहू द्वारा जैविक खेती से संबंधित लगातार नए नए प्रयोग किए जा रहे हैं. इसके साथ ही बिहारी लाल साहू डिंडौरी जिला के समस्त कृषकों को जैविक खेती करने के तरीके और फायदे बता रहे हैं. जिससे न केवल क्षेत्र के किसानों को खेती में फायदा मिल रहा है, बल्कि उन्हें महंगी दवाइयों और बाजारी खाद खरीदने से भी मुक्ति मिल रही है.

किसान बिहारी लाल साहू ने जैविक मक्के का उत्पादन किया था. इसके बाद अपने घर की छत पर सब्जियां लगाई थी. इन सब्जियों को कीड़ों से सुरक्षा रखने के लिए जैविक खाद तैयार की जा रही है.

जिसकी जानकारी किसानों को भी दी जा रही है. बिहारी लाल साहू फसलों को कीड़ों से सुरक्षित रखने के लिए जैविक पद्धति से नीम चटनी का निर्माण कर रहे हैं. नीम चटनी बनाने के लिए सबसे पहले 2 किलो नीम की पत्ती,1 किलो गाय की गोबर और 10 लीटर गौमूत्र सभी को एक प्लास्टिक के ड्राम में मिलाकर 4 दिन तक रखना होता है.

इसके बाद 5वें दिन 1:10 यानी एक लीटर नीम चटनी और 10 लीटर पानी मिलाकर फसलों, सब्जियों में स्प्रे करना होता है. जिससे की कीड़ों से फसल और सब्जियों को बचाया जा सकता है.

डिंडौरी। किसान फसल की अच्छी पैदावार के लिए कई तरह के रसायनिक खाद इस्तेमाल करते हैं, जिसके इस्तेमाल से फसल के साथ साथ मिट्टी की उर्वरक क्षमता पर भी असर पड़ता है. ऐसे में डिंडौरी के किसान जैविक खाद से अपनी फसल की पैदावार के साथ साथ जमीन की उर्वरता भी बढ़ा रहे हैं. जिले के शहपुरा क्षेत्र के किसान इन दिनों नीम की चटनी नामक जैविक खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं.

किसान कर रहे जैविक खाद तैयार

शहपुरा क्षेत्र की धारा सरस्वती शैक्षणिक एवं समाज उत्थान समिति के कोषाध्यक्ष और जैविक कृषि प्रशिक्षक बिहारी लाल साहू द्वारा जैविक खेती से संबंधित लगातार नए नए प्रयोग किए जा रहे हैं. इसके साथ ही बिहारी लाल साहू डिंडौरी जिला के समस्त कृषकों को जैविक खेती करने के तरीके और फायदे बता रहे हैं. जिससे न केवल क्षेत्र के किसानों को खेती में फायदा मिल रहा है, बल्कि उन्हें महंगी दवाइयों और बाजारी खाद खरीदने से भी मुक्ति मिल रही है.

किसान बिहारी लाल साहू ने जैविक मक्के का उत्पादन किया था. इसके बाद अपने घर की छत पर सब्जियां लगाई थी. इन सब्जियों को कीड़ों से सुरक्षा रखने के लिए जैविक खाद तैयार की जा रही है.

जिसकी जानकारी किसानों को भी दी जा रही है. बिहारी लाल साहू फसलों को कीड़ों से सुरक्षित रखने के लिए जैविक पद्धति से नीम चटनी का निर्माण कर रहे हैं. नीम चटनी बनाने के लिए सबसे पहले 2 किलो नीम की पत्ती,1 किलो गाय की गोबर और 10 लीटर गौमूत्र सभी को एक प्लास्टिक के ड्राम में मिलाकर 4 दिन तक रखना होता है.

इसके बाद 5वें दिन 1:10 यानी एक लीटर नीम चटनी और 10 लीटर पानी मिलाकर फसलों, सब्जियों में स्प्रे करना होता है. जिससे की कीड़ों से फसल और सब्जियों को बचाया जा सकता है.

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