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मंत्री मरकाम के गृह जिले में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल, अतिथि शिक्षकों को भरोसे चल रहे स्कूल

जनजातीय कार्य विभाग के मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के गृह जिले में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है. सरकारी स्कूल अतिथि शिक्षकों को भरोसे चल रहे हैं.

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मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के गृह जिले में शिक्षा व्यवस्था बदहाल
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Published : Dec 12, 2019, 3:26 PM IST

डिंडौरी। मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग के मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के गृह क्षेत्र जिले में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है. सरकारी स्कूल अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं. इस आदिवासी बहुल जिले में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है. शिक्षकों को अच्छा वेतनमान देने के साथ- साथ अरबों रुपया संसाधनों पर खर्च किया जा रहा है. बावजूद इसके शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं हो रहा है. कई स्कूल तो ऐसे हैं, जहां शिक्षक ही नहीं हैं.

मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के गृह जिले में शिक्षा व्यवस्था बदहाल


कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के मेंहदवानी के कनेरी गांव के माध्यमिक शाला स्कूल पहुंचे और सरकारी स्कूल का निरीक्षण किया और साथ ही शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने की बात कही. उन्होंने स्कूल में बच्चों को पढ़ाया व उनसे सवाल- जवाब किया. कलेक्टर ने बच्चों के शिक्षा की कमजोर स्थिति को देखकर नाराजगी भी जताई.


एमडीएम कक्ष का निरीक्षण
माध्यमिक विद्यालय कनेरी के मध्यान्ह भोजन कक्ष का भी कलेक्टर ने अवलोकन किया. जहां पर मध्याह्न भोजन बनने वाले कमरे में जगह- जगह दरारें पड़ी थीं. जिसको सुधरवाने के लिए उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी और संबंधित विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए.


बच्चों को पढ़ाया-
कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने स्कूल में बच्चों को पढ़ाया. कक्षा में पढ़ा रहे शिक्षक से वहां ब्लैकबोर्ड में कुछ प्रश्न लिखवाए. जिसका कुछ ही छात्र उत्तर दे पाए, इस पर उन्होंने नाराजगी जताई.


दर्ज संख्या कम होने पर प्रधानाध्यापक और बीआरसी को लगाई फटकार

कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने स्कूल के प्रधानाध्यापक बीएल मार्को से बच्चों की उपस्थिति और दर्ज संख्या के बारे में पूछा, तो बच्चों की संख्या कम बताई. साथ ही उन्होंने हेडमास्टर से कहा कि बच्चों के माता-पिता के साथ काम पर चले जाते हैं. इस पर उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी रावेन्द्र मिश्रा से पूछा तो, उन्होंने ने कहा बच्चों के पलायन को रोकने की जवाबदारी मेंहदवानी बीआरसी धनीराम साहू की है.


ईटीवी भारत ने जब जिले में स्कूलों के गिरते शिक्षा स्तर के बारे में कलेक्टर बी कार्तिकेयन से सवाल किया, तो उनका कहना है कि शिक्षा का स्तर बढ़ना चाहिए. इसके लिए हम गर्मियों में शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम रखेंगे. जिससे कि शिक्षा के स्तर में सुधार हो.

डिंडौरी। मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग के मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के गृह क्षेत्र जिले में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है. सरकारी स्कूल अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं. इस आदिवासी बहुल जिले में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है. शिक्षकों को अच्छा वेतनमान देने के साथ- साथ अरबों रुपया संसाधनों पर खर्च किया जा रहा है. बावजूद इसके शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं हो रहा है. कई स्कूल तो ऐसे हैं, जहां शिक्षक ही नहीं हैं.

मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के गृह जिले में शिक्षा व्यवस्था बदहाल


कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के मेंहदवानी के कनेरी गांव के माध्यमिक शाला स्कूल पहुंचे और सरकारी स्कूल का निरीक्षण किया और साथ ही शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने की बात कही. उन्होंने स्कूल में बच्चों को पढ़ाया व उनसे सवाल- जवाब किया. कलेक्टर ने बच्चों के शिक्षा की कमजोर स्थिति को देखकर नाराजगी भी जताई.


एमडीएम कक्ष का निरीक्षण
माध्यमिक विद्यालय कनेरी के मध्यान्ह भोजन कक्ष का भी कलेक्टर ने अवलोकन किया. जहां पर मध्याह्न भोजन बनने वाले कमरे में जगह- जगह दरारें पड़ी थीं. जिसको सुधरवाने के लिए उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी और संबंधित विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए.


बच्चों को पढ़ाया-
कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने स्कूल में बच्चों को पढ़ाया. कक्षा में पढ़ा रहे शिक्षक से वहां ब्लैकबोर्ड में कुछ प्रश्न लिखवाए. जिसका कुछ ही छात्र उत्तर दे पाए, इस पर उन्होंने नाराजगी जताई.


दर्ज संख्या कम होने पर प्रधानाध्यापक और बीआरसी को लगाई फटकार

कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने स्कूल के प्रधानाध्यापक बीएल मार्को से बच्चों की उपस्थिति और दर्ज संख्या के बारे में पूछा, तो बच्चों की संख्या कम बताई. साथ ही उन्होंने हेडमास्टर से कहा कि बच्चों के माता-पिता के साथ काम पर चले जाते हैं. इस पर उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी रावेन्द्र मिश्रा से पूछा तो, उन्होंने ने कहा बच्चों के पलायन को रोकने की जवाबदारी मेंहदवानी बीआरसी धनीराम साहू की है.


ईटीवी भारत ने जब जिले में स्कूलों के गिरते शिक्षा स्तर के बारे में कलेक्टर बी कार्तिकेयन से सवाल किया, तो उनका कहना है कि शिक्षा का स्तर बढ़ना चाहिए. इसके लिए हम गर्मियों में शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम रखेंगे. जिससे कि शिक्षा के स्तर में सुधार हो.

Intro:मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग के मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के गृह क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर दिनों दिन गिरता है । शासन-प्रशासन शिक्षा को बढ़ावा देने और शिक्षकों को अच्छा वेतनमान देने के साथ-साथ अरबों रुपये खर्च कर रही है । लेकिन यहां के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर ठीक नहीं है । कई स्कूलों की स्थिति तो ऐसी है कि वहां शिक्षक ही नही हैं । अतिथि शिक्षकों के भरोसे स्कूल चल रहे है । और जहां पर हैं वहां शिक्षा का स्तर ठीक नहीं है । जिले के कलेक्टर बी.कार्तिकेयन ने एक सरकारी स्कूल का निरीक्षण किया । और शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने की बात कही।Body:मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग के मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के गृह क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर दिनों दिन गिरता है । शासन-प्रशासन शिक्षा को बढ़ावा देने और शिक्षकों को अच्छा वेतनमान देने के साथ-साथ अरबों रुपये खर्च कर रही है । लेकिन यहां के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर ठीक नहीं है । कई स्कूलों की स्थिति तो ऐसी है कि वहां शिक्षक ही नही हैं । अतिथि शिक्षकों के भरोसे स्कूल चल रहे है । और जहां पर हैं वहां शिक्षा का स्तर ठीक नहीं है । जिले के कलेक्टर बी.कार्तिकेयन ने एक सरकारी स्कूल का निरीक्षण किया । और शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने की बात कही।

डिंडौरी जिले के शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के मेंहदवानी के कनेरी गांव के माध्यमिक शाला स्कूल पहुंचे कलेक्टर बी. कार्तिकेयन ने स्कूल की गतिविधियों का जायजा लिया । उन्होंने स्कूल में बच्चों को पढ़ाया व उनसे सवाल-जवाब किया । वहां बच्चों के शिक्षा की कमजोर स्थिति को देखकर नाराजगी भी जताई ।

एमडीएम कक्ष का निरीक्षण--
माध्यमिक विद्यालय कनेरी के मध्यान्ह भोजन कक्ष का भी कलेक्टर ने अवलोकन किया । जहां पर मध्याह्न भोजन बनने वाले कमरे में जगह-जगह दरारें पड़ी थीं । जिसको सुधरवाने के लिए उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी और आरईएस विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए ।

बच्चों को पढ़ाया--
कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने स्कूल में बच्चों को पढ़ाया । कक्षा में पढ़ा रहे शिक्षक से वहां ब्लैकबोर्ड में कुछ प्रश्न लिखवाए । जिसका कुछ ही छात्र उत्तर दे पाए इस पर उन्होंने नाराजगी जताई ।

दर्ज संख्या कम होने पर प्रधानाध्यापक और बीआरसी को लगाई फटकार--
कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने स्कूल के प्रधानाध्यापक बीएल मार्को से बच्चों की उपस्थिति और दर्ज संख्या के बारे में पूछा तो बच्चों की कम संख्या बताई । जब इसका कारण उनसे पूछा तो हैडमास्टर ने कहा कि बच्चे माता-पिता के साथ काम पर पलायन में चले जाते हैं । इस पर उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी रावेन्द्र मिश्रा से पूछा तो उन्होंने ने कहा बच्चों के पलायन को रोकने की जवाबदारी मेंहदवानी बीआरसी धनीराम साहू की है ।
जब बीआरसी से कलेक्टर ने पलायन के बारे में पूछा तो वे सन्तोषजनक जवाब नहीं दे पाए, जिस पर कलेक्टर ने बीआरसी को जमकर फटकार लगाई ।

ईटीवी भारत ने जब जिले में स्कूलों के गिरते शिक्षा स्तर के बारे में कलेक्टर बी. कार्तिकेयन से सवाल किया तो उनका कहना है कि शिक्षा का स्तर बढ़ना चाहिए इसके लिए हम गर्मियों में शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम रखेंगे । जिससे कि शिक्षा के स्तर में सुधार हो ।

शहपुरा विकासखंड के कई स्कूलों में शिक्षकों के कई पर अभी भी खाली पड़े हुए हैं । जहां पर अभी तक अतिथि शिक्षकों की भर्ती तक नहीं हो पाई है ।
इस मामले में कलेक्टर ने कहा कि यदि कहीं पद खाली है तो जल्द ही वहां पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती जाएगी।

बाइट1&2 - बी. कार्तिकेयन, कलेक्टरConclusion:मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग के मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के गृह क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर दिनों दिन गिरता है । शासन-प्रशासन शिक्षा को बढ़ावा देने और शिक्षकों को अच्छा वेतनमान देने के साथ-साथ अरबों रुपये खर्च कर रही है । लेकिन यहां के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर ठीक नहीं है । कई स्कूलों की स्थिति तो ऐसी है कि वहां शिक्षक ही नही हैं । अतिथि शिक्षकों के भरोसे स्कूल चल रहे है । और जहां पर हैं वहां शिक्षा का स्तर ठीक नहीं है । जिले के कलेक्टर बी.कार्तिकेयन ने एक सरकारी स्कूल का निरीक्षण किया । और शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने की बात कही।
वहीं कलेक्टर ने बच्चों को पढ़ाया भी।
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