डिंडौरी। मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग के मंत्री ओमकार सिंह मरकाम के गृह क्षेत्र जिले में शिक्षा व्यवस्था का बुरा हाल है. सरकारी स्कूल अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं. इस आदिवासी बहुल जिले में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है. शिक्षकों को अच्छा वेतनमान देने के साथ- साथ अरबों रुपया संसाधनों पर खर्च किया जा रहा है. बावजूद इसके शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं हो रहा है. कई स्कूल तो ऐसे हैं, जहां शिक्षक ही नहीं हैं.
कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने शहपुरा विधानसभा क्षेत्र के मेंहदवानी के कनेरी गांव के माध्यमिक शाला स्कूल पहुंचे और सरकारी स्कूल का निरीक्षण किया और साथ ही शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने की बात कही. उन्होंने स्कूल में बच्चों को पढ़ाया व उनसे सवाल- जवाब किया. कलेक्टर ने बच्चों के शिक्षा की कमजोर स्थिति को देखकर नाराजगी भी जताई.
एमडीएम कक्ष का निरीक्षण
माध्यमिक विद्यालय कनेरी के मध्यान्ह भोजन कक्ष का भी कलेक्टर ने अवलोकन किया. जहां पर मध्याह्न भोजन बनने वाले कमरे में जगह- जगह दरारें पड़ी थीं. जिसको सुधरवाने के लिए उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी और संबंधित विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए.
बच्चों को पढ़ाया-
कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने स्कूल में बच्चों को पढ़ाया. कक्षा में पढ़ा रहे शिक्षक से वहां ब्लैकबोर्ड में कुछ प्रश्न लिखवाए. जिसका कुछ ही छात्र उत्तर दे पाए, इस पर उन्होंने नाराजगी जताई.
दर्ज संख्या कम होने पर प्रधानाध्यापक और बीआरसी को लगाई फटकार
कलेक्टर बी कार्तिकेयन ने स्कूल के प्रधानाध्यापक बीएल मार्को से बच्चों की उपस्थिति और दर्ज संख्या के बारे में पूछा, तो बच्चों की संख्या कम बताई. साथ ही उन्होंने हेडमास्टर से कहा कि बच्चों के माता-पिता के साथ काम पर चले जाते हैं. इस पर उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी रावेन्द्र मिश्रा से पूछा तो, उन्होंने ने कहा बच्चों के पलायन को रोकने की जवाबदारी मेंहदवानी बीआरसी धनीराम साहू की है.
ईटीवी भारत ने जब जिले में स्कूलों के गिरते शिक्षा स्तर के बारे में कलेक्टर बी कार्तिकेयन से सवाल किया, तो उनका कहना है कि शिक्षा का स्तर बढ़ना चाहिए. इसके लिए हम गर्मियों में शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम रखेंगे. जिससे कि शिक्षा के स्तर में सुधार हो.