ETV Bharat / state

जिला अस्पताल में हालात बद से बदतर, डॉक्टरों की शिकायतें हो रही नजरअंदाज

डिंडौरी जिला अस्पताल में पिछले एक महीने से डायलिसिस मशीन खराब है. इसकी शिकायत कई बार डॉक्टरों ने अधिकारियों से की है, लेकिन उनकी शिकायतों को नजरअंदाज किया जा रहा है. इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.

Dialysis machine
डायलिसिस मशीन खराब
author img

By

Published : Nov 17, 2020, 12:31 AM IST

डिंडौरी। आदिवासी जिला डिंडौरी के जिला अस्पताल के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. आलम ये है कि कोरोना महामारी के दौरान जहां जिला मुख्यालय में खाली पड़े मेडिकल ऑफिसर की भर्ती अब तक नहीं हो पाई है, वहीं दो डायलिसिस मशीन में से एक मशीन पिछले एक महीने से बंद पड़ी हुई है. ऐसा नहीं है कि इसके लिए सिविल सर्जन ने प्रदेश स्तर के अधिकारियों को शिकायत न की हो, लेकिन शिकायत के बावजूद कोई भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. ऐसे में अब जिला में स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है.

जिला अस्पताल में हालात बद से बदतर

हर जिले में आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का वादा कर रही सरकार की पोल डिंडौरी जिला अस्पताल में खुलती नजर आ रही है. लाख दावों के इतर पिछले एक महीने से यहां डायलिसिस मशीन के लिए जहां डॉक्टर शिकायत करते-करते थक गए हैं, वहीं जनता भी खासा परेशानियों का सामना कर रही है. इस कमी की पोल खुद जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. नरेंद्र मरावी ने खोली है.

डायलिसिस यूनिट में 1 मशीन खराब

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. नरेंद्र मरावी ने बताया कि पिछले एक महीने से डायलिसिस यूनिट में दो मशीनों में से एक मशीन खराब पड़ी हुई है. जानकारी के मुताबिक उस मशीन का सेंसर खराब हो गया है, जिसके चलते अब एक ही मशीन के जरिए रोजाना दो मरीजों का डायलिसिस किया जा रहा है. जिले में डायलिसिस मरीजों की संख्या ज्यादा है, जो रोजाना डायलिसिस कराने जिला अस्पताल पहुंचते है और एक मशीन की खराबी के कारण उन्हें या तो जबलपुर या फिर मंडला जाना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- ETV भारत से बोले स्कूल शिक्षा मंत्री,कहा- प्रदेश में जल्द खोले जाएंगे स्कूल

अधिकारियों की हो रही अनसुनी

सिविल सर्जन डॉ. नरेंद्र मरावी ने बताया कि कई बार इस खराब मशीन के लिए प्रदेश स्तर के अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी है. इसके बावजूद प्रदेश में बैठे स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी उनकी बातें अनसुनी कर रहे हैं. जानकारी होने के बाद भी कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है, जिसका खामियाजा डिंडौरी की जनता को भुगतना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- इंदौर में कोरोना का कहर, 2 से बढ़कर 10 फीसदी हुई संक्रमण दर

18 में सिर्फ 6 मेडिकल ऑफिसर उपलब्ध

डिंडौरी जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. नरेंद्र मरावी ने बताया कि वैसे तो डिंडौरी जिला अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के 18 स्वीकृत पद हैं. लेकिन महज 6 के भरोसे ही जिला अस्पताल का संचालन कराया जा रहा है. इसमें ओपीडी से लेकर आकस्मिक इलाज भी शामिल है. इसके अलावा नाईट ड्यूटी भी एडजेस्ट कर लगाई जाती है. जिला अस्पताल में नेत्र विशेषज्ञ, सर्जन, पैथोलॉजी स्पेशिलिटी, सर्जिकल स्पेशलिस्ट की कमी है.

डिंडौरी। आदिवासी जिला डिंडौरी के जिला अस्पताल के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. आलम ये है कि कोरोना महामारी के दौरान जहां जिला मुख्यालय में खाली पड़े मेडिकल ऑफिसर की भर्ती अब तक नहीं हो पाई है, वहीं दो डायलिसिस मशीन में से एक मशीन पिछले एक महीने से बंद पड़ी हुई है. ऐसा नहीं है कि इसके लिए सिविल सर्जन ने प्रदेश स्तर के अधिकारियों को शिकायत न की हो, लेकिन शिकायत के बावजूद कोई भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. ऐसे में अब जिला में स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ रहा है.

जिला अस्पताल में हालात बद से बदतर

हर जिले में आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का वादा कर रही सरकार की पोल डिंडौरी जिला अस्पताल में खुलती नजर आ रही है. लाख दावों के इतर पिछले एक महीने से यहां डायलिसिस मशीन के लिए जहां डॉक्टर शिकायत करते-करते थक गए हैं, वहीं जनता भी खासा परेशानियों का सामना कर रही है. इस कमी की पोल खुद जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. नरेंद्र मरावी ने खोली है.

डायलिसिस यूनिट में 1 मशीन खराब

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. नरेंद्र मरावी ने बताया कि पिछले एक महीने से डायलिसिस यूनिट में दो मशीनों में से एक मशीन खराब पड़ी हुई है. जानकारी के मुताबिक उस मशीन का सेंसर खराब हो गया है, जिसके चलते अब एक ही मशीन के जरिए रोजाना दो मरीजों का डायलिसिस किया जा रहा है. जिले में डायलिसिस मरीजों की संख्या ज्यादा है, जो रोजाना डायलिसिस कराने जिला अस्पताल पहुंचते है और एक मशीन की खराबी के कारण उन्हें या तो जबलपुर या फिर मंडला जाना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- ETV भारत से बोले स्कूल शिक्षा मंत्री,कहा- प्रदेश में जल्द खोले जाएंगे स्कूल

अधिकारियों की हो रही अनसुनी

सिविल सर्जन डॉ. नरेंद्र मरावी ने बताया कि कई बार इस खराब मशीन के लिए प्रदेश स्तर के अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी है. इसके बावजूद प्रदेश में बैठे स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी उनकी बातें अनसुनी कर रहे हैं. जानकारी होने के बाद भी कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है, जिसका खामियाजा डिंडौरी की जनता को भुगतना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें- इंदौर में कोरोना का कहर, 2 से बढ़कर 10 फीसदी हुई संक्रमण दर

18 में सिर्फ 6 मेडिकल ऑफिसर उपलब्ध

डिंडौरी जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. नरेंद्र मरावी ने बताया कि वैसे तो डिंडौरी जिला अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के 18 स्वीकृत पद हैं. लेकिन महज 6 के भरोसे ही जिला अस्पताल का संचालन कराया जा रहा है. इसमें ओपीडी से लेकर आकस्मिक इलाज भी शामिल है. इसके अलावा नाईट ड्यूटी भी एडजेस्ट कर लगाई जाती है. जिला अस्पताल में नेत्र विशेषज्ञ, सर्जन, पैथोलॉजी स्पेशिलिटी, सर्जिकल स्पेशलिस्ट की कमी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.