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'धरती के भगवान' ने 3000 में बेच दिया मुफ्त का खून, जांच के लिए टीम गठित

सरकारी अस्पताल के डॉक्टर पर खून बेचने का आरोप लगा है. फरियादी का आरोप है कि तीन हजार रूपये में उसे खून की एक बोतल दी गयी. इस आरोप के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया. फरियादी ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग में भी की है. हालांकि, आरोपी ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.

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Published : Mar 16, 2019, 12:10 PM IST

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डिंडौरी। सरकारी अस्पताल के डॉक्टर पर खून बेचने का आरोप लगा है. फरियादी का आरोप है कि तीन हजार रूपये में उसे खून की एक बोतल दी गयी. इस आरोप के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया. फरियादी ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग में भी की है. हालांकि, आरोपी ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.

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मामला शहपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. जहां रक्तदान शिविर में डोनेट ब्लड रखा जाता है और जरूरतमंदों को अस्पताल के आग्रह पर दिया जाता है, लेकिन हॉस्पिटल में उसका गलत उपयोग किया जा रहा है. आरोप है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ब्लड बैंक प्रभारी डॉक्टर सतेंद्र परस्ते मुफ्त में दिये जाने वाले ब्लड के एक पैकेट के बदले 3000 रुपये तक कीमत वसूलते हैं.

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बीते दिनों चमेली नाम की एक युवती को उसके परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गये थे, जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे बी पॉजिटिव ब्लड चढ़वाने की सलाह दी थी, जिसके बाद उसके पिता ने डॉक्टर परस्ते को तीन हजार रूपये देकर एक पैकेट खून लिया, जबकि जो ब्लड युवती को चढ़ाया गया, वह रक्तदान शिविर के माध्यम से शहपुरा हॉस्पिटल में उपलब्ध कराया गया था.

दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई, जांच टीम गठित
इस मामले में डॉक्टर सतेंद्र परस्ते ने फरियादी द्वारा लगाये गये सभी आरोप को गलत बताया है, जबकि जिन लोगों ने शिविर के माध्यम से रक्तदान किया था, वह इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं. उधर बीओ डॉक्टर अमित जैन ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की बात कही है. स्वास्थ्य विभाग ने एक जांच टीम गठित की है. जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

डिंडौरी। सरकारी अस्पताल के डॉक्टर पर खून बेचने का आरोप लगा है. फरियादी का आरोप है कि तीन हजार रूपये में उसे खून की एक बोतल दी गयी. इस आरोप के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया. फरियादी ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग में भी की है. हालांकि, आरोपी ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.

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मामला शहपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. जहां रक्तदान शिविर में डोनेट ब्लड रखा जाता है और जरूरतमंदों को अस्पताल के आग्रह पर दिया जाता है, लेकिन हॉस्पिटल में उसका गलत उपयोग किया जा रहा है. आरोप है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ब्लड बैंक प्रभारी डॉक्टर सतेंद्र परस्ते मुफ्त में दिये जाने वाले ब्लड के एक पैकेट के बदले 3000 रुपये तक कीमत वसूलते हैं.

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बीते दिनों चमेली नाम की एक युवती को उसके परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गये थे, जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे बी पॉजिटिव ब्लड चढ़वाने की सलाह दी थी, जिसके बाद उसके पिता ने डॉक्टर परस्ते को तीन हजार रूपये देकर एक पैकेट खून लिया, जबकि जो ब्लड युवती को चढ़ाया गया, वह रक्तदान शिविर के माध्यम से शहपुरा हॉस्पिटल में उपलब्ध कराया गया था.

दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई, जांच टीम गठित
इस मामले में डॉक्टर सतेंद्र परस्ते ने फरियादी द्वारा लगाये गये सभी आरोप को गलत बताया है, जबकि जिन लोगों ने शिविर के माध्यम से रक्तदान किया था, वह इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं. उधर बीओ डॉक्टर अमित जैन ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की बात कही है. स्वास्थ्य विभाग ने एक जांच टीम गठित की है. जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

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डिंडौरी। सरकारी अस्पताल के डॉक्टर पर खून बेचने का आरोप लगा है. फरियादी का आरोप है कि तीन हजार रूपये में उसे खून की एक बोतल दी गयी. इस आरोप के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया. फरियादी ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य विभाग में भी की है. हालांकि, आरोपी ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.



मामला शहपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. जहां रक्तदान शिविर में डोनेट ब्लड रखा जाता है और जरूरतमंदों को अस्पताल के आग्रह पर दिया जाता है, लेकिन हॉस्पिटल में उसका गलत उपयोग किया जा रहा है. आरोप है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ब्लड बैंक प्रभारी डॉक्टर सतेंद्र परस्ते मुफ्त में दिये जाने वाले ब्लड के एक पैकेट के बदले 3000 रुपये तक कीमत वसूलते हैं.



बीते दिनों चमेली नाम की एक युवती को उसके परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गये थे, जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे बी पॉजिटिव ब्लड चढ़वाने की सलाह दी थी, जिसके बाद उसके पिता ने डॉक्टर परस्ते को तीन हजार रूपये देकर एक पैकेट खून लिया, जबकि जो ब्लड युवती को चढ़ाया गया, वह रक्तदान शिविर के माध्यम से शहपुरा हॉस्पिटल में उपलब्ध कराया गया था.



दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई, जांच टीम गठित

इस मामले में डॉक्टर सतेंद्र परस्ते ने फरियादी द्वारा लगाये गये सभी आरोप को गलत बताया है, जबकि जिन लोगों ने शिविर के माध्यम से रक्तदान किया था, वह इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं. उधर बीओ डॉक्टर अमित जैन ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की बात कही है. स्वास्थ्य विभाग ने एक जांच टीम गठित की है. जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.


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